भारत और चीन के बीच पिछले आठ महीने से जारी तनातनी के बीच वायुसेना प्रमुख आर.के. एस भदौरिया ने कहा कि बीजिंग ने अपनी आर्मी के लिए भारी तादाद में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हथियारों की तैनाती कर रखी है. भदौरिया ने कहा कि वहां पर भारी संख्या में रडार्स, जमीन से आसमान और आसमान से आसमान में मार करने वाली मिसाइलों की तैनाती की गई है. उनकी तैनाती मजबूत रही है. हमने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं.
एबीपी न्यूज़ के सवाल पर वायुसेना प्रमुख आरके एस भदौरिया ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन ने सेना के एयर स्पोर्ट से लेकर मिसाइलों तक तगड़ा जमावड़ा किया है. लेकिन चिंता की ज़रूरत नहीं क्योंकि चीनी तैनाती से मुक़ाबले के लिए भारतीय वायुसेना ने किया हर ज़रूरी उपाय किए हैं.
पाक बना चीनी नीतीयों का मोहरा
वायुसेना प्रमुख ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान तेजी के साथ पाकिस्तानी नीतियों को मोहरा बन गया है. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के तहत बढ़ते कर्ज के चलते उसकी भविष्य में सैनिकों पर निर्भरता बढ़ जाएगी. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिका का बाहर निकलना इस क्षेत्र में चीन का अपना दायरा बढ़ा ने का प्रत्यक्ष और पाकिस्तान के जरिए विकल्प दे दिया है. भदौरिया ने कहा कि वैश्विक भू-राजनैतिक मोर्चे पर अनिश्चितता और अस्थायित्व ने चीन को बढ़ती शक्ति के प्रदर्शन का मौका दे दिया है.
वायुसेना चीफ ने कहा कि भारत और चीन के बीच किसी तरह के संघर्ष वैश्विक मोर्चे पर चीन के लिए अच्छा नहीं होगा. अगर चीन की महत्वाकांक्षा वैश्विक है तो यह उसके बड़ी योजना के लिए बेहतर नहीं है. उत्तर में उसकी कार्रवाई के चीनी मकसद से क्या संभव हो पाएगा? यह महत्वपूर्ण है कि हम उसकी पहचान करें कि उसने आखिर क्या हासिल किया.
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