IAF Chief about China: वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन( China) भले ही डिसइंगेजमेंट के लिए तैयार हो गया हो लेकिन वायुसेना पीएलए-एयर फोर्स की हर हरकत पर नजर रखे हुए हैं. वायुसेना की पैनी नजर से चीन को साफ संदेश चला गया है कि किसी भी तरह की हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी. ये कहना है वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी (VR Chaudhari) का.


वायुसेना के 90वें स्थापना दिवस से पहले एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने मंगलवार(4 अक्टूबर) को राजधानी दिल्ली में आयोजित सालाना प्रेस कांन्फ्रेंस में साफ कर दिया कि भारत चीन के साथ किसी तरह की तनाव बढ़ाना नहीं चाहता है, लेकिन एयर फोर्स पूरी तरह अलर्ट है. वायुसेना प्रमुख ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जब भी चीन की तरफ से एलएसी की एयर-स्पेस का उल्लंघन हुआ, वायुसेना ने एयर-डिफेंस के माध्यम से रोकने की कोशिश की है. उन्होनें कहा कि बिना किसी उकसावे की कारवाई की है, एयर फोर्स अपनी क्षमताएं एलएसी पर बढ़ा रही है. इन क्षमताओं में नेट-सेंटरिक सर्विलांस सिस्टम है.


'मजबूत फौज बहुत जरूरी है'
8 अक्टूबर को भारतीय वायुसेना अपना 90वां स्थापना दिवस मना रही है. पहली बार वायुसेना की सालाना परेड और फ्लाई-पास्ट राजधानी दिल्ली से बाहर चंडीगढ़ में होने जा रही है. अभी तक ये परेड और फ्लाई पास्ट दिल्ली से सटे हिंडन एयर बेस पर होता आया था. वायुसेना प्रमुख ने कहा कि हाल के यूक्रेन-रूस युद्ध ने दिखा दिया है कि किसी भी देश के लिए हर तरह के खतरे को दूर रखने के लिए एक मजबूत फौज बेहद जरूरी है.


चीन की मजबूत वायुसेना और पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए एयर चीफ मार्शल ने कहा कि हमें हमेशा लड़ाकू विमानों की 42 स्कावड्रन की जरूरत रहेगी. अभी वायुसेना के पास 31 स्कावड्रन है और अगले एक साल में मिग21 बाइसन की तीन स्कावड्रन रिटायर हो जाएंगी. इसके बाद अगले 5-10 साल में मिराज, जगुआर और मिग29 फाइटर जेट भी धीरे-धीरे रिटायर हो जाएंगे. उन्होनें कहा कि हमने हाल ही में रफाल, एलसीए, एलसीएच और एस-400 जैसे एयरक्राफ्ट और मिसाइल सिस्टम को वायुसेना में शामिल कर अपनी ऑपरेशन्ल तैयारियों को बढ़ाया है. उन्होनें कहा कि आने वाले समय में हम एलसीए-मार्क1ए, एमका, सी-295 एचटीटी-40 जैसे विमानों को एयर फोर्स में शामिल करेंगे.


वायुसेना के लिए क्या है जरूरी? 
एबीपी न्यूज़ के इस सवाल पर कि क्या वायुसेना थियेटर कमांडर बनाने के खिलाफ है चीफ ऑफ एयर स्टाफ ने साफ किया कि वायुसेना सेनाओं के इंटीग्रेशन के खिलाफ नहीं है बल्कि थियेटर कमांडर के तरीकों और स्ट्रक्चर (ढांचे) को लेकर कुछ रिजर्वेशन हैं. उन्होनें कहा कि थिएटर कमांड बनाने के लिए 3-4 चीजों को जरूर ध्यान रखना चाहिए जो वायुसेना के लिए बेहद जरूरी है. पहला ये कि थियेटर कमांडर फ्यूचर रेडी होने चाहिए यानी साइबर और स्पेस वॉरफेयर के लिए तैयार रहना चाहिए. दूसरा, निर्णय लेने के चेन-कमांड छोटी होनी चाहिए. अभी एयर फोर्स में डिसेशन-मेकिंग चेन में 2-3 ही चरण हैं. ऐसे में थियेटर कमांड स्ट्रक्चर में लेवल नहीं बढ़ने चाहिए. 


एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने कहा कि पिछले सालों में हमने देखा है कि वायुसेना ने शांति काल हो या फिर नो पीस नो वॉर या फिर कोई युद्ध हमेशा अपनी क्षमताओं को लोहा मनावाया है. उन्होनें कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा में वायुसेना हमेशा एक लिंचपिन का काम करेगी. उन्होंने यह भी साफ किया कि यूक्रेन युद्ध का असर भारत की सशस्त्र सेनाओं की तैयारियों पर नहीं हुआ है, लेकिन उन्होनें ये जरूर कहा कि अब हम अपने हथियारों के लिए स्वदेशी स्पेयर पार्टस पर ज्यादा निर्भर कर रहे हैं.


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