IAF Chief On War: रूस- यूक्रेन युद्ध से क्या सीख सकता है भारत, वायुसेना चीफ ने बताया
VR Chaudhari On War: वायुसेना प्रमुख वी. आर. चौधरी ने कहा कि युद्ध के लिए तैयार रहना होगा. इसके लिए तकनीक बढ़ाने पर ध्यान देना होगा.
IAF Chief On War: वायुसेना प्रमुख वी.आर. चौधरी ने शनिवार (9 दिसंबर) को कहा कि लंबे समय तक चलने वाले युद्धों की तैयारियों पर ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि गत फरवरी से यूक्रेन में जारी युद्ध ने लघु और तेज संचालन के बजाय लंबे समय तक चलने वाले युद्धों की तैयारी करने की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया है.
‘आजतक एजेंडा’ कार्यक्रम में बल की परिचालन तत्परता के संबंध में पूछे जाने पर एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा, ‘‘जरूरत के समय हमारी पसंद और आवश्यक हथियार देने में वायुसेना सक्षम रही है.’’ नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने कहा कि उनका बल अप्रचलित मानदंडों और प्रथाओं को दूर करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, एक त्रि-सेवा रैंक प्रणाली की संभावना पर भी विचार किया जा रहा है.
रूस- यूक्रेन युद्ध से क्या सीख मिली?
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने कहा, ‘‘हम अध्ययन कर रहे हैं कि कौन सी प्रथाएं प्रासंगिक नहीं हैं. हम रैंकों में कुछ बदलाव करने के बारे में सोच रहे हैं.’’ वायु सेना प्रमुख वी. आर. चौधरी ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष ने युद्ध क्षेत्रों पर हवाई श्रेष्ठता की आवश्यकता के महत्व को रेखांकित किया है.
यह पूछे जाने पर कि यूक्रेन पर रूस के हमले से भारत क्या सीख ले सकता है, क्योंकि नौ महीने से अधिक समय तक चले सैन्य आक्रमण के बाद मॉस्को अभी तक अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाया है, चौधरी ने कहा कि युद्ध से सबक लेने के संबंध में कुछ कहना अभी जल्दबाजी होगी, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर तीन-चार महत्वपूर्ण पहलू सामने आए हैं.
'तैयार रहना होगा'
वायु सेना प्रमुख वी. आर. चौधरी ने कहा, ‘‘सबसे पहले युद्ध क्षेत्र पर हवाई श्रेष्ठता की आवश्यकता बहुत महत्वपूर्ण है.’’ एयर चीफ मार्शल ने यह भी कहा कि यह अभी तक ज्ञात नहीं है कि युद्ध कब समाप्त होगा, और कहा कि हमले की अवधि के सैन्य आयाम हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम छोटे युद्ध की तैयारी करते थे. अब हमें लंबे समय तक युद्ध की संभावना के लिए तैयार रहना होगा. हमें रसद, तकनीक और रणनीति बढ़ानी होगी.’’