Indian Air Force: वायुसेना प्रमुख विवेक राम चौधरी (Vivek Ram Chaudhari) ने गुरुवार (22दिसंबर) को राजधानी दिल्ली में सेमिनार को संबोधित कर रहे थे. इस सेमिनार की थीम उभरते हुए वर्ल्ड ऑर्डर में भारत की श्रेष्ठता था. एयर चीफ मार्शल के मुताबिक, इस वक्त हमारे पड़ोस में स्थिति बहुत वोलेटाइल यानि अस्थिर है, इसलिए हमें मित्र देशों के साथ मिलकर ताकत बढ़ानी होगी.
एयर चीफ मार्शल ने कौटिल्य और मैकियावेली जैसे दार्शनिकों के इंटरनेशनल ऑर्डर को लेकर दिए मत्स्य न्याय सिद्धांत का जिक्र करते हुए कहा कि बड़ी मछली छोटी मछली को निगल जाती है, इसलिए एक राष्ट्र के तौर पर हमें मिलकर अपनी ताकत को मजबूती से बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से भारत में आर्थिक विकास, राजनीतिक स्थिरता, कूटनीतिक निपुणता और सैन्य ताकत में इजाफा हो रहा है उससे हमने दुनिया को दिखा दिया है कि हम अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंच चुके हैं.
लगातार घट रही स्कवॉड्रन को प्राथमिकता देना जरूरी
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि अगर एयर-पावर की बात करें तो हम अपनी एयर स्पेस की सुरक्षा से लेकर दुश्मन को रोकने और दंड देने में भी सक्षम हैं, लेकिन वायुसेना से युद्ध के फुल स्पेक्ट्रम में भागीदारी की अपेक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा कि इसलिए एक एयरो-स्पेस पावर के तौर पर वायुसेना को निकट भविष्य में होने वाले युद्धों को जीतना भी होगा, क्योंकि अब युद्ध मल्टी डोमेन (Multi Domain) और हाइब्रिड वॉरफेयर (Hybrid Warfare) के तौर पर लड़े जाते हैं. वायुसेना प्रमुख ने कहा कि ऐसे में वायुसेना की लगातार घट रही स्कवॉड्रन को प्राथमिकता देना जरूरी है ताकि कॉम्बेट एज (Combat Edge) हमेशा बनी रही.
वायुसेना के पास हैं 31 स्कवॉड्रन
टू फ्रंट वॉर यानी चीन और पाकिस्तान से मिलने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय वायुसेना को लड़ाकू विमानों की 42 स्कवॉड्रन की जरूरत है. वायुसेना के पास अभी मात्र 31 स्कवॉड्रन हैं और अगले एक साल में मिग 21 बाइसन की तीन स्कवॉड्रन रिटायर हो जाएंगी.
इसके बाद अगले 5-10 साल में मिराज, जगुआर और मिग 29 फाइटर जेट भी धीरे-धीरे कर रिटायर हो जाएंगे. हाल ही में राफेल, एलसीए, एलसीएच और एस- 400 जैसे एयरक्राफ्ट और मिसाइल सिस्टम को वायुसेना में शामिल कर भारतीय वायुसेना अपनी ऑपरेशन तैयारियों को बढ़ाने में जुटी है. आने वाले समय में एलसीए-मार्क1ए, एमके स्टेल्थ एयरक्राफ्ट, सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और एचटीटी-40 जैसे विमानों को एयरफोर्स में शामिल किया जाएगा.