Defence News: सी-130 जे एयरक्राफ्ट के मेंटेनेंस के लिए वायुसेना ने अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन से किया 5 साल का करार
Defence News: लॉकहीड मार्टिन ने मंगलवार को बयान जारी कर बताया कि इस करार के तहत कंपनी के 8 कर्मचारी टेक्निकल सपोर्ट के लिए अगले पांच साल के लिए ऑन-साइट मौजूद रहेंगे
Defence News: मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, सी-130 जे सुपर-हरक्युलिस की फ्लीट के मेंटेनेंस के लिए भारतीय वायुसेना ने अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन के साथ अगले पांच साल का करार किया है. करीब 328.8 मिलियन डॉलर के इस करार के तहत कंपनी की जिम्मेदारी होगी कि भारतीय वायुसेना के 12 सुपर-हरक्युलिस विमान लगातार मिशन में जुटे रहें और खराबी के कारण ग्राउंडेड ना रहें.
लॉकहीड मार्टिन ने मंगलवार को बयान जारी कर बताया कि इस करार के तहत कंपनी के 8 कर्मचारी टेक्निकल सपोर्ट के लिए अगले पांच साल के लिए ऑन-साइट मौजूद रहेंगे. इस स्टाफ में रॉल्स-रॉयस (इंजन निर्माता) और जीई कंपनी (प्रपोलर-निर्माता) के कर्मचारी भी शामिल हैं. करार के तहत कंपनी वायुसेना की फ्लीट को सपोर्ट करने के लिए प्रोग्राम, लॉजिस्टिक्स और इंजीनियरिंग से जुड़े सभी टेक्निकल खराबियों को देखेगी.
भारतीय वायुसेना सी-130 जे सुपर-हरक्युलिस विमानों का इस्तेमाल स्पेशल ऑपरेशन्स के लिए करती है. इन विमानों से ही थलसेना और वायुसेना के स्पेशल फोर्स के कमांडोज़ पैरा-जंप करते हैं. इसके अलावा इन विमानों का इस्तेमाल सैनिकों के मूवमेंट, एयर टू एयर रिफ्यूलिंग और प्राकृतिक आपदा, बाढ़ और तूफान के समय मानवीय सहायता के लिए किया जाता है. हाल ही में कोरोना महामारी के दौरान वायुसेना ने इन विमानों का इस्तेमाल राहत सामाग्री, दवाई और ऑक्सीजन कंटनेर्स की सप्लाई के लिए किया था.
भारतीय वायुसेना ने वर्ष 2008 में अमेरिका से फॉरेन मिलिट्री सेल्स के तहत 06 सी-130 जे मालवाहक विमान खरीदने का करार किया थे. इन सभी विमानों की डिलीवरी 2010-11 में पूरी हो गई थी. इसके बाद बाकी छह विमान वर्ष 2017 और 2019 में खरीदे गए थे. सी-130 जे विमानों को लॉकहीड मार्टिन ही तैयार करती है. कंपनी के मुताबिक, जो मौजूदा करार भारतीय वायुसेना के साथ किया गया है वो फॉलो-अप करार है. इसके तहत कंपनी ऑन-साइट सर्विस तो अगले पांच साल तक देगी ही, इसके अलावा 05 सुपर-हरक्युलिस विमानों को 12 साल की डिपो-मेंटेनेंस भी दी जाएगी.
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