Indian Air Force Annual Media Conference: चीन हो या पाकिस्तान या फिर दोनों मिलकर भारत के खिलाफ लामबमंदी करें, लेकिन भारत पूरी तरह से किसी भी तरह के खतरे और चुनौती से निपटने के लिए तैयार है. लेकिन पाकिस्तान अगर चीन को पश्चिमी-तकनीक देता है तो वो भारत के लिए थोड़ा गंभीर विषय है. ये मानना है देश की वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी का.
वायुसेना के 89वें स्थापना दिवस (8 अक्टूबर) से पहले एयर चीफ मार्शल चौधरी राजधानी दिल्ली में सालाना मीडिया-कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. वायुसेना प्रमुख ने कहा कि टू-फ्रंट वॉर यानि चीन और पाकिस्तान दोनों ही मोर्चों पर एक साथ लड़ने के लिए वायुसेना को लड़ाकू विमानों की 42 स्कॉवड्रन की जरूरत है. लेकिन एयर चीफ मार्शल ने कहा कि भले ही वायुसेना में स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस मार्क1ए, एम्का और एमडब्लूएफ फाइटर जेट्स की सभी स्कॉवड्रन भी शामिल हो जाएं तब भी अगले एक दशक तक वायुसेना के पास मात्र 35 स्कॉवड्रन ही हो पायेंगी.
मीडिया को संबोधित करते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा उन्हें इस बात की जानकारी है कि पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी (लाइन ऑफ एक्युचल कंट्रोल) पर चीन की पीएलए-एयरफोर्स तीन बड़े एयर-बेस पर अपनी तैनाती को बेहद मजबूत कर रही है और सीमावर्ती इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर भी बढ़ा रही है. लेकिन उससे वायुसेना की तैयारियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. एयर चीफ मार्शल के मुताबिक, वायुसेना किसी भी खतरे और चुनौती से निपटने के लिए किसी भी कीमत पर तैयार है. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में एलओसी के करीब पाकिस्तान की नई एयर-स्ट्रीप को लेकर भी वायुसेना प्रमुख ने सभी खतरों को निराधार बताया. उन्होंने कहा कि वे छोटी एयर-स्ट्रीप है हेलीकॉप्टर ऑपेरशन्स के लिए.
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि पिछले कुछ सालों में अप्रत्याशित रूप से सुरक्षा-क्षेत्र में बदलाव आए हैं. यहां तक की जियो-पॉलिटिकल क्षेत्र में भी बदलाव आए हैं और डिसरप्टिव-टेक्नोलॉजी (ड्रोन अटैक इत्यादि) से भी चुनौतियां काफी बढ़ गई हैं, लेकिन भारतीय वायुसेना पूरी तरह तैयार है.
थलसेना का सपोर्ट आर्म: एबीपी न्यूज के इस सवाल पर की वायुसेना की स्थापना के 89 साल हो चुके हैं, लेकिन अभी भी वायुसेना को थलसेना का 'सपोर्ट-आर्म' ही क्यों माना जाता है, एयर चीफ मार्शल ने कहा कि किसी भी देश की वायुसेना के कई रोल (भूमिका) होते हैं. उनमें से एक है थलसेना (या नौसेना) के ऑपरेशन्स में मदद करना. लेकिन वायुसेना सिर्फ एक सपोर्ट आर्म ही नहीं है, उसके अलावा खुद के ऑपरेशन्स करने में भी सक्षम है. आपको बता दें कि हाल ही में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस), जनरल बिपिन रावत ने वायुसेना को थलसेना का सपोर्ट-आर्म बताया था.
थियेटर कमान को लेकर वायुसेना की बेरूखी: देश में सशस्त्र सेनाओं (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) की साझा थियटेर कमान को लेकर एयर चीफ मार्शल ने कहा कि वायुसेना थियटेर कमान को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. लेकिन उन्होनें कहा कि भविष्य के युद्ध में सशस्त्र सेनाओं की संरचना और संगठन को ध्यान में रखकर युद्ध-नीति बनाने की जरूरत है. इससे साझा ऑपरेशन्स करने में काफी मदद मिलेगी.
एंटी-ड्रोन तकनीक: हाल ही में जम्मू एयर फोर्स स्टेशन पर हुए ड्रोन हमले को लेकर एयर चीफ मार्शल ने कहा कि वायुसेना एंटी-ड्रोन तकनीक और स्वार्म-टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है.
पाकिस्तान के खिलाफ एयर-स्ट्राइक: एयर चीफ मार्शल ने कहा कि इस तरह के ऑपरेशन्स सरकार के आदेश और राष्ट्र-नीति के तहत किए जाते हैं. लेकिन देश के मिलिट्री-आर्म के तौर पर वायुसेना पूरी तरह से तैयार है.
114 नए फाइटर जेट: वायुसेना के 114 नए लड़ाकू विमानों के लिए आरएफआई जारी कर दी गई है. इस आरएफआई (टेंडर) में रफाल लड़ाकू विमान भी दूसरे लड़ाकू विमानों के साथ प्रतिस्पर्धा में है. लेकिन एयर चीफ मार्शल ने साफ किया कि ये प्रोजेक्ट पूरी तरह से मेक इन इंडिया के तहत होगा. इस प्रोजेक्ट के तहत वायुसेना 4.5 जेनरेशन वाले ऐसे लड़ाकू विमान को चाहती है, जिसमें फिफ्थ जेनरेशन की भी कुछ खूबियां हों.
एस 400 मिसाइल सिस्टम: रूस से मिलने वाला एस-400 मिसाइल सिस्टम इस साल के अंत तक वायुसेना में शामिल होने की उम्मीद है.
मिग21 क्रैश: पिछले दशकों के मुकाबले अब मिग-21 एयरक्राफ्ट के क्रैश की घटनाएं काफी कम हो गई हैं. उन्होनें कहा कि अगले एक दशक में मिग21 की सभी चार स्कॉवड्रन, जगुआर और मिग-29 फाइटर जेट भी रिटायर हो जाएंगे.
महिला ऑफिसर का नहीं हुआ था टू-फिंगर टेस्ट: एयर चीफ मार्शल ने वायुसेना की महिला ऑफिसर के उन आरोपों को निराधार बताया जिसमें उन्होनें कहा था कि पुरूष-ऑफिसर की बलात्कार की शिकायत करने के बाद वायुसेना के हॉस्पिटल में उसका टू-फिंगर टेस्ट किया गया था, जिसे देश में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बैन कर दिया गया था.