Indian Air Force Land: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी उड़ान योजना को मूर्त-स्वरुप देने के लिए भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने अपने सात एयरबेस (Airbase) की जमीन को एयरपोर्ट अर्थोरिटी (Airports Authority Of India) को सौंप दी है. इसके अलावा छह अन्य एयरबेस पर सिविल एयरपोर्ट्स को अतिरिक्त जमीन देनी की तैयारी है. भारतीय वायुसेना के मुताबिक, उड़ान (UDAN Scheme) यानि उड़े देश का आम नागरिक और रिजनल कनेक्टेवेटी स्कीम (RCS) के तहत सात एयरबेस की करीब 40 एकड़ जमीन एयरपोर्ट अर्थोरिटी ऑफ एंडिया (एएआई) को सौंपी गई है.
उसमें पश्चिम बंगाल का बागडोगरा, बिहार का दरभंगा, पंजाब का आदमपुर, राजस्थान का उत्तरलई, उत्तर-प्रदेश का सरसावा, कानपुर और गोरखपुर शामिल है. इसके अलावा इन सभी बेस पर वायुसेना की एयरफील्ड (रनवे इत्यादि) नागरिक विमानों के लिए इस्तेमाल की जाएंगी. वायुसेना ने जिस डिफेंस लैंड को एयरपोर्ट अर्थोरिटी को सौंपी है उनपर सिविल टर्मिनल और एयरफील्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा. वायुसेना के मुताबिक, इन सभी सातों एयरबेस पर एयर-कनेक्टेविटी होने से इन इलाकों की अर्थव्यवस्था सुधेरगी और क्षेत्र का विकास होगा.
छह अन्य एयरबेस पर सिविल एयरपोर्ट्स को अतिरिक्त जमीन देनी की तैयारी
इसके अलावा, आईएएफ छह स्थानों पर नागरिक हवाई अड्डों के विस्तार के लिए भूमि सौंपने की प्रक्रिया में है, जो कि आरसीएस के तहत शामिल हैं. इन छह एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एयरपोर्ट को बड़ा करने की जरूरत है. ये छह एयरपोर्ट हैं, श्रीनगर, लेह, चंडीगढ़, पुणे, आगरा और थैंजावुर. बयान में कहा गया है कि इससे मौजूदा टर्मिनलों और सुविधाओं के विस्तार में यात्रियों और कार्गो बुनियादी ढांचे की बढ़ी हुई संख्या को समायोजित करने में सुविधा होगी.
भारतीय वायु सेना भी कर रही अभ्यास
ये कदम "उड़े देश का आम नागरिक" (UDAN) के दृष्टिकोण और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (Regional Connectivity Scheme) की सुविधा के लिए उठाए जा रहे हैं. उपरोक्त सभी के अलावा, भारतीय वायु सेना (IAF) सक्रिय युद्धों के मामले में अत्यावश्यकता के लिए परिचालन लैंडिंग और उड़ानों को मान्य करने के लिए नागरिक हवाई अड्डे के रनवे (Civil Airport Runways) और सेवाओं का उपयोग करने के लिए अभ्यास कर रही है.
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