Indian Air Force News: अरुणाचल प्रदेश में चीनी सैनिकों से झड़प के बाद भारतीय वायुसेना ने चौकसी बढ़ा दी है. साथ ही भारतीय वायुसेना इस सप्ताह पूर्वी क्षेत्र में एक समेकित प्रशिक्षण अभ्यास (Consolidated Training Exercise) करने वाली है. जहां विमानों की तैयारी की जांच की जाएगी. आईएएफ (IAF) के सूत्रों का कहना है कि प्रशिक्षण अभ्यास की योजना बहुत पहले ही बना ली गई है. भारतीय वायुसेना अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तवांग (Tawang) सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास हालात पर करीब से नजर भी रख रही है. 


अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चार दिन पहले ही भारत और चीन के सैनिकों का आमना सामना हुआ है. दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई इस झड़प में कई सैनिक घायल भी हुए हैं. चीन को इस झड़प से ज्यादा नुकसान हुआ है. चीनी सेना ने तवांग में यथास्थिति बदलने की एकतरफा कोशिश की थी. 


अरुणाचल में लड़ाकू विमानों की तैनाती बढ़ाई


इस घटनाक्रम के परिचित अधिकारियों ने मंगलवार (13 दिसंबर) को बताया कि भारतीय वायुसेना ने क्षेत्र में अपने लड़ाकू विमानों की उड़ानों की संख्या बढ़ा दी है. अधिकारियों ने बताया कि वायुसेना ने चीन की ओर से की गई अतिक्रमण की कोशिश के मद्देनजर इलाके में अपनी समग्र निगरानी बढ़ा दी है. अधिकारियों ने बताया कि मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है, जिसमें सुरक्षा संबंधी विशेष चिंताओं के मामले में लड़ाकू विमानों को तैनात करना शामिल है. 


तवांग में हुई भारत-चीन के सैनिकों में झड़प 


तवांग में 9 दिसंबर को हुई इस झड़प के बाद दोनों देशों के कमांडरों की फ्लैग मीटिंग हुई थी जिसके बाद दोनों तरफ के सैनिक पीछे हट गए. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार (13 दिसंबर) को लोकसभा में तवांग झड़प पर एक बयान जारी कर कहा कि, "हमारे सैनिकों ने बहादुरी से पीएलए को हमारे क्षेत्र में अतिक्रमण करने से रोका है." वहीं अरुणाचल प्रदेश के तवांग में अतिक्रमण की नाकाम कोशिश के बाद चीन ने दावा किया है कि भारतीय सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार की थी. 


"ईंट का जवाब पत्थर से नहीं, लोहे से दे रही भारतीय सेना"


अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू ने भी तवांग (Tawang) झड़प को लेकर मंगलवार को संसद में हुई चर्चा पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यांगत्से मेरे विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत है और हर साल मैं जवानों और ग्रामीणों से मिलने जाता हूं. ये अब 1962 नहीं है. अगर कोई भी उल्लंघन करने की कोशिश करता है, तो हमारे बहादुर सैनिक मुंहतोड़ जवाब देते हैं. उन्होंने कहा कि, "ईंट का जवाब पत्थर से नहीं, हमारी वीर भारतीय सेना ईंट का जवाब लोहे से दे रही है." 


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