वायुसेना चीफ बोले- चीन के साथ लगी उत्तरी सीमाओं पर न ही युद्ध की स्थिति, न ही शांति
एयर चीफ मार्शल ने ये भी कहा कि चिनूक, अपाचे और अन्य विमानों के बेड़े के साथ राफेल लड़ाकू विमानों के आने से वायुसेना को मजबूत रणनीतिक क्षमता हासिल हुई.
नई दिल्ली: भारत की उत्तरी सीमाओं पर चीन के साथ तनाव जारी है. इस मामले पर भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा है कि हमारी उत्तरी सीमा पर मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य असहज है. यहां पर न ही युद्ध की स्थिति है और ना ही शांति बनी हुई है.
एयर चीफ मार्शल ने कहा, 'हमारे सुरक्षा बल किसी भी संभावित चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है. वायुसेना किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए पूरी तरह संकल्पित है. भविष्य में होने वाले किसी भी संघर्ष में वायुशक्ति हमारी जीत में अहम कारक रहेगी.'
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि पूर्व में हासिल किये गए सी-17 ग्लोबमास्टर, चिनूक और अपाचे हेलीकॉप्टरों के साथ हाल में वायुसेना में शामिल राफेल लड़ाकू विमानों ने वायुसेना की सामरिक और रणनीतिक क्षमता में पर्याप्त बढ़ोतरी की है. भारतीय एरोस्पेस उद्योग से जुड़े एक सम्मेलन के दौरान अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “भविष्य में होने वाले किसी भी संघर्ष में वायुशक्ति हमारी जीत में अहम कारक रहेगी. इसलिए यह जरूरी है कि वायुसेना अपने दुश्मनों के खिलाफ तकनीक बढ़त हासिल करे और उसे बरकरार रखे.”
फ्रांस में निर्मित पांच बहुउद्देशीय राफेल लड़ाकू विमानों को 10 सितंबर को वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया गया. विमानों का यह बेड़ा पिछले कुछ हफ्तों से पूर्वी लद्दाख में उड़ान भर रहा है. इसपर वायुसेना प्रमुख ने कहा कि हलके लड़ाकू विमान तेजस की दो स्क्वाड्रन और सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों में कुछ स्वदेशी हथियारों को बेहद कम समय में लगाया जाना देश के स्वदेशी सैन्य उपकरण बनाने की क्षमता को दर्शाता है.
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