Women Fighter Pilots: रक्षा मंत्रालय ने वायुसेना में महिला फाइटर पायलट को शामिल करने की योजना को परमानेंट स्कीम में तब्दील कर दिया है. अभी तक वायुसेना में महिलाओं को 'प्रयोग' के तौर पर फाइटर स्ट्रीम में शामिल किया जा रहा था. मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर जानकारी दी.
राजनाथ सिंह ने कहा, "रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना में महिला फाइटर पायलटों को शामिल करने की प्रायोगिक योजना को स्थायी योजना में बदलने का निर्णय लिया है." राजनाथ सिंह के मुताबिक, "यह भारत की 'नारी शक्ति' की क्षमता और हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की महिला सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है."
वायुसेना में इस वक्त 16 महिला फाइटर पायलट हैं. इनमें पहली महिला फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी और रफाल लड़ाकू विमान उड़ाने वाली एक मात्र महिला पायलट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह शामिल हैं. इस साल गणतंत्र दिवस परेड में वायुसेना की झांकी पर शिवांगी सिंह दिखाई पड़ी थीं. महिलाएं अब मिग-21, मिग-29 और सुखोई फाइटर जेट तक उड़ा रही हैं.
बता दें कि वर्ष 2015 में वायुसेना ने महिला पायलट को फाइटर स्ट्रीम में शामिल करना शुरू किया था. वायुसेना देश का पहला ऐसा बल था जहां महिलाओं को कॉम्बेट रोल दिया था यानि महिला फाइटर पायलट दुश्मन की सीमा में घुसकर भी ऑपरेशन कर सकती हैं. उससे पहले तक महिलाएं सिर्फ हेलीकॉप्टर या फिर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ही उड़ा सकती थीं.
वर्ष 2016 में वायुसेना में तीन महिलाएं फाइटर पायलट बनी थीं. ये तीनों थीं- अवनी चतुर्वेदी, भावना कांत और मोहना सिंह. वायुसेना में फिलहाल करीब डेढ़ हजार महिला अधिकारी हैं. इनमें से करीब 100 महिला पायलट हैं.