नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना को जल्द ही मीडियम-लिफ्ट मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट मिल सकते हैं. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यूरोप की बड़ी एविएशन कंपनी, ‘एयरबस’ से 56 सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट पर बातचीत चल रही है और ये प्रस्ताव अभी रक्षा मंत्रालय के सीएफए यानि कंट्रोलर ऑफ फाइनेंस एकाउंटेस के पास है. इस सौदे के लिए एयरबस किसी भारतीय कंपनी के साथ समझौता कर सकती है.


रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इन 56 सी-295 एयरक्राफ्ट्स में से 40 भारत में ही तैयार किए जाएंगे जिसके लिए एयरबस किसी भी स्वेदशी प्राईवेट कंपनी से समझौता कर सकती है. ये पहला ऐसा सौदा होगा जिसमें प्राईवेट कंपनी की इतने बड़े स्तर पर भागीदारी होगी जिससे डिफेंस इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा. रक्षा मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, ये प्रस्ताव फिलहाल ‘सीएफए’ स्तर पर है और निकट-भविष्य में करार पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. हालांकि, वर्ष 2015 से रक्षा मंत्रालय इस सौदे को लेकर बातचीत कर रहा है.


सी-295 एयरक्राफ्ट करीब 6 टन का पेयलोड ले जा सकता है और करीब 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है. एयरबस कंपनी के मुताबिक, सी295 विमान एक साथ 71 सैनिक या फिर 50 पैराट्रूपर्स को एक साथ युद्ध-मैदान में ले जाने में सक्षम है.


आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना के पास जो फिलहाल मीडियम-लिफ्ट वजन के जो एवरो एयरक्राफ्ट हैं वे काफी पुराने पड़ चुके हैं. यही वजह है कि भारतीय वायुसेना को पैरा-जंप के लिए हेवी-लिफ्ट एयरक्राफ्ट, सी130 जे सुपर हरक्युलिस को इस्तेमाल करना पड़ता है. एवरो की तरह ही सी295 भी टूइन-इंजन टर्बोप्रोप एयरक्राफ्ट है. इन एवरो एयरक्राफ्ट्स के रिप्लेसमेंट के तौर पर ही भारतीय वायुसेना एयरबस के सी295 विमानों को खरीदने की इच्छुक है.


पिछले साल डिफेंस एक्सपो के दौरान एयरबस ने जानकारी दी थी कि अगर ये समझौता हो जाता है तो टाटा कंपनी के साथ मिलकर सी-295 एयरक्राफ्ट्स का भारत में ही निर्माण किया जाएगा. वायुसेना के 56 एयरक्राफ्ट्स के अलावा 06 विमान इंडियन कोस्टगार्ड के लिए भी लिए जाएंगे.