नई दिल्ली: बालाकोट एयर स्ट्राइक में अहम भूमिका निभाने वाले स्वेदशी टोही विमान, अवैक्स की गिनती वायुसेना में बढ़ाई जायेगी. फिलहाल वायुसेना के पास इस तरह के तीन (03) विमान हैं जिन्हें नेत्रा के नाम से भी जाना जाता है. लेकिन बालाकोट एयर स्ट्राइक के दौरान इनकी सफलतापूर्वक की गई कारवाई को देखते हुए गुरुवार को रक्षा मंत्रालय ने वायुसेना को इस तरह के और स्वदेशी टोही विमान देने की मंजूरी दे दी.
रक्षा मंत्रालय की सबसे बड़ी कमेटी, रक्षा खरीद परिषद ने गुरुवार को वायुसेना के लिए इन अवैक्स (एडब्लूएसीएस यानि एयर बोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम) विमानों को और देने की मंजूरी दी. इन अवैक्स विमानों को डीआरडीओ ने तैयार किया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद ने इन नेत्रा विमानों की सफलता को देखते हुए वायुसेना की जरूरत को मानते हुए इनकी मंजूरी दे दी ('एस्पैटेंस ऑफ नेसेसिटी'). लेकिन ये नहीं बताया कि कितने अवैक्स वायुसेना को और दिए जाएंगे, लेकिन कहा कि ये हवा में ही वायुसेना के लिए कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का काम करेगें और दुश्मन के विमानों के बारे में पहले ही अलर्ट कर देंगे.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इन विमानों से हवाई सीमाओं की सुरक्षा अधिक मजबूती से तो होगी ही. साथ ही वायुसेना की आक्रमक क्षमताओं में भी वृद्धि होने की संभावना है. आपको बता दें कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के दौरान, भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में मिराज 2000 लड़ाकू विमान भेजने के दौरान पाकिस्तान से सटी पूरी एयर स्पेस पर अपने तीनों अवैक्स विमान तैनात कर दिए थे ताकि अगर पाकिस्तानी वायुसेना की तरफ से जरा भी हरकत हुई तो भारतीय वायुसेना को पहले ही अलर्ट (अर्ली वार्निंग) मिल जाए.
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डीआरडीओ ने एम्ब्रेयर विमानों पर ये प्रणाली लगाई है. वायुसेना ने इन अवैक्स विमानों को पंजाब के भंटिडा में पाकिस्तानी सीमा के बेहद करीब अपनी 200वीं स्कॉवड्रन में तैनात कर रखा है, जिसे 'स्कंद' का नाम दिया गया है. पुराणों मे स्कंद को युद्ध का देवता माना गया है जो भगवान शिव का पुत्र है. माना जा रहा है कि वायुसेना ने रक्षा मंत्रालय से 20 और ऐसे अवैक्स विमानों की मांग की है.
गुरुवार को रक्षा खरीद परिषद ने वायुसेना के इन अवैक्स विमानों के साथ साथ नौसेना के लिए अतिरिक्त एंटी सबमरीन विमान, पी8आई को भी मंजूरी दे दी. नौसेना के पास फिलहाल आठ (08) पी8आई एंटी सबमरीन और टोही विमान हैं जो अमेरिका से लिए गए हैं.
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रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, गुरूवार को रक्षा खरीद परिषद ने कुल 22 हजार आठ सौ करोड़ रूपये के प्रोजेक्टस और सौदों को मंजूरी दी. इनमें सेना की एसॉल्ट राइफल्स के लिए स्वदेशी नाइट विजन डिवाइस बनाने से लेकर कोस्ट गार्ड के लिए समंदर में आंतकियों की घुसपैठ और एंटी-टेरर ऑपरेशन के लिए टूइन इंजन हेवी हेलीकॉप्टर शामिल हैं.