भोपाल: मध्य प्रदेश में 2014 बैच के एमपी कैडर के आईएएस अधिकारी लोकेश जांगिड़ इन दिनों चर्चा में हैं. लोकेश का 54 महीनों में 9 बार तबादला हुआ. यानी लगभग हर 6 महीने में एक बार ट्रांसफर हुआ. अब लोकेश ने गृह राज्य महाराष्ट्र में तीन साल की प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन किया है. हालांकि, सोशल मीडिया में आईएएस अधिकारियों के ग्रुप में किए गए उनके जो पोस्ट लीक हुए हैं वो कुछ और ही कहानी कहते हैं.
लोकेश जांगिड़ की लीक पोस्ट 54 महीनों में नौ पोस्टिंग के बारे में उनका दर्द बयां करती हैं. बावजूद इसके कि वे मैदान में लोगों के बीच लोकप्रिय हैं. उनके लीक पोस्ट अधिकारियों के बीच बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को सहन करने में उनकी असमर्थता को भी जिम्मेदार ठहराते हैं, जिसके कारण उनका बार-बार स्थानांतरण हुआ है.
जांगिड़, जिन्हें बड़वानी जिले के अपर कलेक्टर पद से भोपाल में राज्य शिक्षा केंद्र में अतिरिक्त मिशन निदेशक के पद पर स्थानांतरित किया गया था, उन्होंने आईएएस अधिकारियों के ग्रुप में लिखा है, "बिहार में किसी ऐसे अधिकारी को कलेक्टर नहीं बनाया जाता जो पैसे बनाने में लगे रहते हैं. मध्य प्रदेश में इस मामले में जितना कम कहा जाए उतना अच्छा है."
इसी ग्रुप में एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा है, "मध्य प्रदेश में कार्यकाल की स्थिरता और सिविल सर्विस बोर्ड नामक संस्था एक चुटकुला है." उन्होंने आगे लिखा, "मैं रिटायरमेंट के बाद एक किताब लेकर आऊंगा और उम्मीद करता हूं कि सभी के सामने तथ्य लाऊंगा. अभी मेरे हाथ आचरण नियमों से बंधे हैं. दिलचस्प बात यह है कि जो लोग हर तरह के माफिया से पैसा निकालते हैं, उनका एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में स्थानांतरण होता है. त्रुटिहीन ईमानदारी वाले लोग स्थानांतरण पर सचिवालय में फेंक दिए जाते हैं."
2014 बैच के आईएएस अधिकारी ने बड़वानी जिले के अतिरिक्त कलेक्टर के पद से राज्य शिक्षा केंद्र, भोपाल में अतिरिक्त मिशन निदेशक के पद पर अपने हालिया स्थानांतरण के बारे में लिखा कि वर्तमान बड़वानी जिला कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने उनके (जांगिड़) सीएम शिवराज सिंह चौहान के कानों में जहर भरा क्योंकि वह (कलेक्टर) पैसा नहीं बना पा रहा था.
राज्य के आईएएस अधिकारियों के इस ग्रुप में एक वरिष्ठ नौकरशाह जांगिड़ को सलाह देते हैं कि वह कुछ शालीनता रखें और अपने सभी पोस्ट हटा दें, जिस पर युवा आईएएस अधिकारी यह कहते हुए जवाब देते हैं कि वह पोस्ट नहीं हटाएंगे और उन्हें ग्रुप से हटाया जा सकता है. बाद में उन्हें आईएएस ऑफिसर्स के इस निजी चैट ग्रुप से ग्रुप एडमिन ने हटा दिया. उधर इस मामले में सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए जांगिड़ को नोटिस जारी किया गया है.
बुधवार को कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि ट्रांसफर एक रूटीन प्रक्रिया है. यदि प्रशासकीय अधिकारी अपने ट्रांसफर को पूर्वाग्रह से ग्रसित कदम मानेगा तो वह अपने और पद दोनों के साथ न्याय नहीं करेगा. उन्होंने कहा अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि किसी अधिकारी द्वारा अपने सीनियर के साथ की हुई दूरभाष की बात को टैप करना गंभीर अपराध है.
लोकेश कुमार जांगिड़ का साल 2016 से 2021 के बीच 9 बार तबादला किया जा चुका है. जांगिड़ की पोस्टिंग श्योपुर और शहडोल में बतौर एसडीएम की गई. उन्हें रेवेन्यू डिपार्टमेंट में अवर सचिव और नगरीय प्रशासन विभाग में उपसचिव पदस्थ किया गया. एडीएम गुना, सीईओ जिला पंचायत हरदा, अपर मिशन संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र में नियुक्त किया जा चुका है. इसके बाद उन्हें बड़वानी में अपर कलेक्टर बनाया गया था लेकिन यहां से भी उनका तबादला कर दिया गया और फिर उन्हें राज्य शिक्षा केंद्र में पदस्थ कर दिया गया था.
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