IAS टॉपर शाह फैसल ने दिया इस्तीफा, नेशनल कान्फ्रेंस के टिकट पर लड़ सकते हैं 2019 का चुनाव
एमबीबीएस डिग्री धारी फैसल ने आईएएस में चुने जाने और इसके आगे की यात्रा में उनका समर्थन करने के लिए दोस्तों, परिवार और शुभचिंतकों का शुक्रिया अदा किया.
श्रीनगर: सिविल सेवा परीक्षा में 2009 में देशभर में अव्वल रहने वाले पहले कश्मीरी होने की वजह से खबरों में रहे आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कश्मीर में कथित रूप से लगातार हो रही हत्याओं और भारतीय मुसलमानों के हाशिये पर होने का आरोप लगाया. 35 साल फैसल ने फेसबुक पर संक्षिप्त बयान में लिखा कि उनका इस्तीफा, ''हिंदूवादी ताकतों द्वारा करीब 20 करोड़ भारतीय मुस्लिमों को हाशिये पर धकेलने की वजह से उनके दोयम दर्जे का हो जाने, जम्मू-कश्मीर राज्य की विशेष पहचान पर कपटपूर्ण हमलों और भारत में अति-राष्ट्रवाद के नाम पर असहिष्णुता और नफरत की बढ़ती संस्कृति के विरुद्ध है.''
To protest the unabated killings in Kashmir and absence of any credible political initiative from Union Government, I have decided to resign from IAS. Kashmiri lives matter. I will be addressing a press-conference on Friday. Attached is my detailed statement. pic.twitter.com/Dp41rFIzIg
— Shah Faesal (@shahfaesal) January 9, 2019
हाल ही में विदेश में प्रशिक्षण पाकर लौटे और पदस्थापना का इंतजार कर रहे फैसल ने कहा कि उन्होंने कश्मीर में लगातार हो रही हत्याओं के मामलों और इन पर केंद्र सरकार की ओर से कोई गंभीर प्रयास नहीं होने के चलते, भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देने का फैसला किया है.
फैसल ने केंद्र में बीजेपी नीत सरकार का नाम तो नहीं लिया लेकिन परोक्ष हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि आरबीआई, सीबीआई और एनआईए जैसी सरकारी संस्थाओं को नुकसान पहुंचाया जा रहा है जिससे इस देश की संवैधानिक इमारत ढह सकती है और इसे रोकना होगा. उन्होंने कहा, ''मैं दोहराना चाहता हूं कि इस देश में आवाजों को लंबे समय तक दबाया नहीं जा सकता और यदि हम सच्चे लोकतंत्र में रहना चाहते हैं तो हमें इसे रोकना होगा.''
एमबीबीएस डिग्री धारी फैसल ने आईएएस में चुने जाने और इसके आगे की यात्रा में उनका समर्थन करने के लिए दोस्तों, परिवार और शुभचिंतकों का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा कि मेरा एक महत्वपूर्ण काम प्रशासनिक सेवा में आना चाह रहे युवाओं को प्रशिक्षित करना होगा ताकि उनका सपना पूरा हो. फैसल अपनी भावी योजना को लेकर कुछ नहीं बोले और उन्होंने कहा कि वह शुक्रवार को इस बारे में मीडिया को बताएंगे. लेकिन राजनीतिक सूत्रों ने संकेत दिया है कि वह नेशनल कान्फ्रेंस में शामिल हो सकते हैं और बारामूला से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं.
सोशल मीडिया पर फैसल के इस्तीफे की खबर फैलते ही नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने उनका राजनीति में स्वागत किया. उमर ने ट्वीट किया, ''नौकरशाही का नुकसान राजनीति का फायदा बन सकता है. इस तरफ स्वागत है शाह फैसल.''
The bureaucracy’s loss is politics’ gain. Welcome to the fold @shahfaesal. https://t.co/955C4m5T6V
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) January 9, 2019
इसके बाद सोशल मीडिया पर दावे किये जाने लगे कि फैसल आगामी दिनों में नेशनल कान्फ्रेंस में शामिल होंगे. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उमर ने कहा कि उन्होंने फैसल का स्वागत केवल राजनीति में किया है. उन्होंने कहा, ''उनकी भविष्य की सियासी योजनाओं का ऐलान उन्हें करना है.''
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हुर्रियत कान्फ्रेंस के नरमपंथी धड़े के प्रमुख मीरवाइज उमर फारुक ने भी फैसले के इस्तीफे का स्वागत किया. छह महीने पहले ही जम्मू-कश्मीर सरकार ने एक ट्वीट को लेकर फैसल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की थी. ट्वीट बलात्कार के लगातार सामने आ रहे मामलों पर किया गया था. केंद्र के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने इसे कर्तव्य निभाते हुए पूरी तरह ईमानदारी बरतने में उनकी विफलता माना था.
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