नई दिल्ली: माओवादियों के खिलाफ लड़ाई, आतंकवादियों के खिलाफ अभियान या कानून-व्यवस्था बनाए रखने के दौरान शहीद होने वाले जवानों के परिवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी गोद लेंगे.


आईएएस अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एसोसिएशन ने आज कहा कि नौकरशाह अपने क्षेत्र के ऐसे परिवारों से मिलेंगे और उन्हें मदद की पेशकश करेंगे. अधिकारी ऐसे परिवारों को पेंशन और ग्रैच्युटी दिलवाने, पेट्रोप पंप या नौकरी दिलवाने जैसे कामों में मदद करेंगे.


एसोसिएशन का कहना है कि हालांकि ये अधिकारी प्रत्यक्ष रूप से शहीद के परिवार को कोई वित्तीय सहायता मुहैया नहीं कराएंगे.


भारतीय सिविल और प्रशासनिक सेवा (मध्य) एसोसिएशन के मानद सचिव संजय भूसरेड्डी ने कहा, ‘‘उनका काम संबंधित सरकारों से परिवारों को सभी लाभ दिलवाना होगा. वे ऐसे परिवारों के बच्चों का स्कूलों में दाखिला कराने में भी मदद कर सकते हैं.’’ भारतीय प्रशासनिक सेवा के सभी सदस्य इस एसोसिएशन से जुड़े हुए हैं.


शुरूआत में पिछले चार बैचों 2012-2015 के करीब 700 युवा अधिकारियों से कहा जाएगा कि वह अपने पदस्थापना वाले क्षेत्र में कम से कम ऐसे एक परिवार को गोद लें. संयुक्त सचिव स्तर के आईएएस अधिकारी भूसरेड्डी ने कहा, ‘‘वरिष्ठ अधिकारी, या राज्य सिविल सेवा के अधिकारी भी स्वेच्छा से ऐसे परिवारों को गोद ले सकते हैं.’’