Pooja Singhal Arrested: मनी लॉन्ड्रिंग केस में झारखंड की खनन सचिव पूजा सिंघल को ED ने किया गिरफ्तार
Pooja Singhal Arrested: मनी लॉन्ड्रिंग केस में झारखंड की खनन सचिव पूजा सिंघल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है.
Money Laundering Case: झारखंड की खनन सचिव पूजा सिंघल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रांची से गिरफ्तार कर लिया है. सिंघल बुधवार को खूंटी में मनरेगा के धन के कथित गबन और अन्य आरोपों से जुड़ी धन शोधन जांच के सिलसिले में लगातार दूसरे दिन ईडी के सामने पेश हुई थीं. पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. एजेंसी ने उनके कारोबारी पति अभिषेक झा का भी बयान दर्ज किया है. सूत्रों के मुताबिक, पूजा सिंघल के पति को भी गिरफ्तार किया जा सकता है.
ईडी ने इसी सिलसिले में चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार को सात मई को गिरफ्तार किया था. सुमन कुमार को उसके परिसर से 17 करोड़ रुपये से अधिक नकदी जब्त करने के बाद गिरफ्तार किया गया था. वह 11 मई तक ईडी की हिरासत में हैं. कुमार का आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल और उनके परिवार से भी संबंध है और वह उनके वित्तीय सलाहकार भी हैं.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुताबिक, पूजा सिंघल और उनके पति को उनके बैंक खातों में वेतन के अतिरिक्त 1.43 करोड़ रुपये की नकद राशि मिली थी. ईडी के अनुसार सिंघल को राज्य के विभिन्न जिलों की जिलाधिकारी के रूप में तैनाती के दौरान यह रकम मिली.
एजेंसी ने मामले के सिलसिले में कोलकाता में फिर से छापे भी मारे. बता दें कि सिंघल और अन्य के खिलाफ ईडी की जांच मनी लॉन्ड्रिंग के उस मामले से संबंधित है जिसमें झारखंड सरकार में पूर्व इंजीनियर राम बिनोद प्रसाद सिन्हा को एजेंसी ने 17 जून, 2020 को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया था. एजेंसी ने सिन्हा को 2012 में पीएमएलए के तहत दर्ज राज्य सतर्कता ब्यूरो की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद गिरफ्तार किया था.
सिन्हा के खिलाफ जनता के धन की धोखाधड़ी करने के आरोप में धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. सिन्हा ने इस धन को एक अप्रैल 2008 से 21 मार्च 2011 तक कनिष्ठ इंजीनियर के रूप में काम करते हुए अपने नाम के साथ-साथ अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर निवेश किया था.
एजेंसी ने पहले कहा था कि उक्त धन को खूंटी जिले में मनरेगा के तहत सरकारी परियोजनाओं के निष्पादन के लिए रखा गया था. सिन्हा ने ईडी से कहा, ‘‘उन्होंने जिला प्रशासन को पांच प्रतिशत कमीशन (धोखाधड़ी किए गए धन में से) का भुगतान किया.’’
ईडी ने आरोप लगाया कि सिंघल के खिलाफ उस अवधि में ‘‘अनियमितताएं करने’’ के आरोप लगाए गए हैं जब उन्होंने 2007 और 2013 के बीच चतरा, खूंटी और पलामू के उपायुक्त/जिला मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य किया था.