IAS Training academy LBSNAA Mussoorie: रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म- ये इस साल मार्च में युवा IAS प्रशिक्षुओं के एक नए बैच को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के संबोधन का फोकस थे. इस संदेश को ध्यान में रखते हुए, मोदी सरकार देश में "नौकरशाही और यथास्थितिवादी व्यवस्था" को बदलने के लिए कॉर्पोरेट सेक्‍टर से नए आइडियाज पर काम कर रही है और युवा IAS अधिकारियों को प्रशिक्षित (IAS Training) करने के लिए ग्‍लोबल एक्‍सपर्ट्स को भी शामिल किया है.


नौकरशाही प्रणाली (Bureaucratic system) को बदलने के लिए उत्तराखंड के मसूरी (Mussoorie) में स्थित सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थान, लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) में, आईएएस प्रशिक्षुओं के लिए विश्व बैंक (World Bank), अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष-दक्षिण एशिया क्षेत्रीय प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता केंद्र (IMF SARTTAC), सिंगापुर के ली कुआन यू स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी (LKY) और ऑस्ट्रेलिया के कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय से डोमेन एक्‍सपर्ट्स को लाया गया है.


इसके अलावा कई अन्‍य एक्‍सपर्ट्स भी बुलाए गए हैं. लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (एलबीएसएनएए) के प्रबंधन का कहना है कि उनके संस्‍थान ने पिछले दो वर्षों में अपने स्‍टडी मॉड्यूल को भी नया रूप दिया है, ताकि “डिसिलोइजेशन” पर ध्यान केंद्रित किया जा सके और IAS अधिकारियों में राष्ट्रवाद की भावना पैदा की जा सके.


एलबीएसएनएए में नई शुरुआत


ऐसे IAS प्रशिक्षु जो लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (एलबीएसएनएए) के नए कार्यक्रम का हिस्सा रहे हैं और अब अपने संबंधित राज्य कैडर में तैनात हैं, उनका कहना है कि उन्हें उन गांवों में स्वतंत्रता सेनानियों का पता लगाने का काम सौंपा गया था जहां उन्हें उनके कोर्स की तैयारी कराने भेजा गया था.


2020 बैच के एक आईएएस अधिकारी, जिन्होंने पिछले साल फाउंडेशन कोर्स पूरा किया था, उन्‍होंने कहा, “पाठ्यक्रम पहले की तुलना में बदल गया है. क्षेत्र के विशेषज्ञों और खेल हस्तियों के अलावा, संस्थान को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के संकाय सदस्य भी मिले हैं. हमारे जिले के टूर पर, हमें स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले लोगों के परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए कहा जाता था, क्योंकि भारत के हर जिले में ऐसे परिवार होते हैं.,”


आईएएस अधिकारी ने आगे कहा, "हमें विकलांगों को संवेदनशीलता के साथ संभालने के लिए भी प्रशिक्षित किया गया था, उसके लिए एक छोटा कोर्स है. 'आजादी का अमृत महोत्सव' कार्यक्रम (भारत की स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने पर केंद्र सरकार का जश्न) के तहत, हमें भारत के गुमनाम नायकों को खोजने और सूचीबद्ध करने का काम भी सौंपा गया था.''


'सबका साथ सबका विकास' पर आधारित अभियान 


लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (एलबीएसएनएए) में एक संकाय के सदस्य एवं वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने बताया कि स्टडी मॉड्यूल में 'भारत के भूले हुए नायकों' के टाइटल से एक विषय शामिल किया गया है और आईएएस एकेडमी ने 'सबका साथ' नामक एक कार्यक्रम भी शुरू किया है, जिसके तहत पद्म पुरस्कार विजेताओं को विशेष सत्र और व्याख्यान के लिए संस्थान में आमंत्रित किया जाता है. 'सबका साथ' प्रधानमंत्री मोदी के 'सबका साथ सबका विकास' अभियान पर आधारित है, जो समावेशिता का प्रतीक है.


नए स्टडी मॉड्यूल और वैश्विक संस्थानों और निजी संगठनों के विशेषज्ञों को विजिटिंग फैकल्टी के रूप में शामिल करने के बारे में बताते हुए एलबीएसएनएए के निदेशक श्रीनिवास कटिकिथला की ऑफिस की ओर से कहा गया कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि पेशेवर शिक्षा की गुणवत्ता समग्र, देसी है, उपयुक्त और उच्च कोटि की अकादमी, प्रशिक्षण आवश्यकताओं के कठोर मूल्यांकन के माध्यम से, उच्च गुणवत्ता वाले विशेषज्ञों के साथ हमारी संस्‍था ताज़ा सामग्री तैयार कर रही है.


भले ही नए स्टडी मॉड्यूल का उद्देश्य "युवाओं में और दक्षता लाना" हो, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों के एक वर्ग का मानना है कि ऐसे कार्यक्रम अधिकारियों की मदद नहीं करेंगे, जिन्हें अनुभव के माध्यम से सीखने की जरूरत है, न कि अंतरराष्ट्रीय शिक्षाविदों और नीति विशेषज्ञ से. 


'सरकार की नीति या विचारों से असहमत वक्ता नहीं होंगे'


एक आईएएस अधिकारी ने दावा किया कि लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (एलबीएसएनएए) अपनी राजनीतिक विचारधाराओं के बावजूद वक्ताओं को आमंत्रित करता था, लेकिन अब, सरकार की नीतियों या विचारों से असहमत वक्ताओं को अब आमंत्रित नहीं किया जाता है.


उन्‍होंने कहा, "विदेशी शिक्षाविद या कॉर्पोरेट क्षेत्रों के डोमेन विशेषज्ञ कुछ विश्लेषणात्मक कौशल या तकनीकी ज्ञान ला सकते हैं, लेकिन वे ग्रामीण जीवन, गरीब सामाजिक संरचना से अच्छी तरह परिचित नहीं हैं. उनकी सार्वजनिक नीति उन लोगों से अलग है जिनसे हम निपटते हैं. लिहाजा, ऐसे एक्‍सपर्ट्स भी संस्‍थान में लाए गए हैं, जो युवाओं के बीच के हों.


एलबीएसएनएए के कई संस्थानों से करार हुए


युवा IAS प्रशिक्षुओं के लिए स्‍टडी मॉड्यूल को क्यूरेट करने के लिए लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (एलबीएसएनएए) संस्‍थान ने 12 संगठनों और संस्थानों से एक करार किया है, जिसमें कम से कम 7 निजी संगठन हैं, जिनमें 4 अंतर्राष्ट्रीय और 3 स्वायत्त संस्थान और थिंकटैंक शामिल हैं.


वैश्विक संस्थानों के अलावा, गुजरात स्थित उद्यमिता विकास संस्थान (EDII) और अन्य स्वायत्त संस्थानों, जैसे आर्थिक विकास संस्थान (IEG) और यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन ऑफ़ इंडिया के साथ भी करार किया गया है. जानकारों का कहना है कि निजी संस्थाएं भी यहां के युवा IAS प्रशिक्षुओं में दक्षता लाएंगी.


यह भी पढ़ें: COVID-19: भारत की Hetero कंपनी की दवा Nirmatrelvir को मिली WHO से मंजूरी, महामारी से बचाने में मददगार