नई दिल्ली: कोरोना वायरस के कारण वैसे तो पूरी अर्थव्यवस्था को भारी झटका लगा है, लेकिन यह महामारी एयरलाइंस के लिए कहर बनकर सामने आई है. पहले से ही खस्ताहाल चल रहे एविएशन इंडस्ट्री में कोरोना वायरस के कारण अब कई और एयरलाइंस के बर्बाद होने का खतरा है. वहीं बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरियां भी जा सकती हैं.
हवाई कंपनियों के वैश्विक संगठन इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) का अनुमान है कि साल 2020 एयरलाइंस के लिए काफी बुरा रहने वाला है. IATA के मुताबिक, कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर के एयरलाइंस को 84 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है.
एयरलाइंस उद्योग को प्रतिदिन 230 मिलियन डॉलर का नुकसान- IATA महानिदेशक
मंगलवार को जारी प्रेस रिलीज़ में IATA के महानिदेशक और सीईओ एलेक्ज़ेंडर डे जुनियाक ने कहा, "वित्तीय रूप से 2020 एयरलाइंस के इतिहास में सबसे खराब साल माना जाएगा. औसतन इस वर्ष के हर दिन एयरलाइंस उद्योग को 230 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है. इस साल एयरलाइंस उद्योग को कुल मिलाकर 84.3 बिलियन डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है."
IATA के अनुसार, एयरलाइंस उद्योग के राजस्व में साल 2019 की अपेक्षा इस वर्ष 50 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है. इन अनुमानित नुकसानों के कारण एलेक्ज़ेंडर डे जुनियाक ने सरकारों से वित्तीय सहायता जारी रखने का आह्वान किया है.
कई देशों में शुरू हुई विमान सेवा
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के केस लगातार बढ़ रहे हैं. हालांकि, फिर भी कई देशों में सावधानी के साथ घरेलू व इंटरनेशनल फ्लाइट्स शुरू हो गई हैं. भारत ने भी 25 मई से घरेलू उड़ानों का संचालन शुरू किया था. हालांकि, यहां अभी इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है.
भारत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा बाज़ार
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा एविएशन बाज़ार है. भारत से हर दिन करीब 4,500 डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट्स का संचालन किया जाता है, इनमें से करीब 600 इंटरनेशनल फ्लाइट्स होती हैं. सिर्फ दिल्ली से ही लगभग हर दिन 900 उड़ानों का संचालन होता है. हालांकि, भारत में लॉकडाउन से पहले ही डोमेस्टिक एयरलाइंस की सेवाओं में 30 फीसदी की गिरावट आ चुकी थी.
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