IBM Study Report: आज के समय में महिलाएं और पुरुष कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रहे हैं. किसी भी कंपनी में महिलाएं पुरुषों से कम काम नहीं करती हैं. महिलाओं को लेकर किए गए एक सर्वे की रिपोर्ट सामने आई है जिसमें कहा गया है कि अगर कंपनी कुछ सुविधाएं दे तो वो अपनी सैलरी में 10 प्रतिशत कटौती के साथ भी काम भी करने के लिए तैयार हैं. तो आइए जानते हैं कि इस सर्वे रिपोर्ट में क्या है?
दरअसल, आईटी की दिग्गज कंपनी आईबीएम ने एक स्टडी रिपोर्ट जारी की है. उसके मुताबिक, अगर महिलाओं को फ्लेक्सिबल वर्क शेड्यूल, मीनिंगफुल जॉब या फिर मैनेजमेंट का सपोर्टिव बिहेव मिले तो वो सैलरी में 10 प्रतिशत कटौती के साथ खुशी-खुशी काम करने के लिए तैयार हैं. 'नेतृत्व में महिलाएं: क्यों धारणा योजनाओं से आगे निकल जाती है- और इस बारे में क्या किया जा सकता हैं' शीर्षक से आईबीएम इंस्टीट्यूट फॉर बिजनेस वैल्यू की ये रिपोर्ट सोमवार (6 मार्च) को जारी की गई.
क्या कहती रिपोर्ट?
रिपोर्ट में कहा गया है, “अगर कंपनी में सपोर्टिव मैनेजमेंट, फिलेक्सिबल वर्क लोकेशन्स, स्ट्रॉन्ग एनवायरनमेंट, ईएसजी प्रोफाइल, बच्चों के लिए बेटर डे केयर या अच्छी देखभाल की सुविधाएं और फ्लेक्सिबल वर्क शेड्यूल मिल जाता है तो लगभग आधी महिलाएं ऐसी नौकरी के लिए सैलरी में 10 प्रतिशत तक कटौती करने के लिए तैयार हैं.” आगे कहा गया है, “महिलाओं के जवाब एक और गंभार संकेत देते हैं कि अगर कंपनियां उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए तत्परता के साथ काम नहीं करती हैं तो प्रतिष्ठित महिलाओं की प्रतिभाओं को आसानी से बहलाया नहीं जा सकता है.”
इसके अलावा इस स्टडी से ये भी पता चला है कि 30 प्रतिशत महिलाओं का ये भी कहना है कि वो एक नई नौकरी तलाश करने की योजना बना रही हैं, 30 प्रतिशत ऐसी भी महिलाएं है जो परिवार की देखभाल करने के लिए नौकरी छोड़ने की सोच रही हैं, 27 प्रतिशत वो महिलाएं हैं जो शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने की सोच रही हैं और 24 प्रतिशत महिलाओं का कहना है कि अपनी नौकरी को स्थाई तौर से छोड़ने के बारे में विचार कर रही हैं.
रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि लैंगिक समानता को प्राथमिकता देने वाली कंपनियों ने पिछले 2 सालों में अपने राजस्व में 19 प्रतिशत तक वृद्धि की है. साल 2019 और 2021 के बाद ये तीसरी बार है जब ये रिपोर्ट प्रकाशित हुई है. साल 2023 की स्टडी के लिए आईबीएम ने 2 हजार 500 प्रोफेशनल्स का सर्वे करने के लिए ऑक्फोर्ड इकोनॉमिक्स के साथ मिलकर काम किया.
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