हैदराबाद: तेलंगाना का इब्राहिमपुर गांव नोटबंदी अभियान में मिसाल बन गया है. इसे दक्षिण भारत का पहला कैशलेश गांव घोषित किया गया है. इस गांव की सड़कें चौड़ी और साफ- सुथरी हैं. इब्राहिमपुर में पोस्ट ऑफिस है और यहां की सड़को पर सरकारी बसें भी चलती हैं.


इस गांव की खासियत यह है कि यहां के चाय की छोटी सी दुकान पर स्वाइप मशीन लगी है, यानी अगर आप 5 रुपये की चाय पीते हैं तो पैसा कार्ड से दे सकते हैं. इतना ही नहीं परचून की दुकान से भी आप बिना नोट खरीदारी कर सकते हैं. अगर आप नॉनवेज खाने के शौकीन हैं तो आप कार्ड से पेमेंट कर मीट भी खरीद सकते हैं.



तेलंगाना के सिद्धिपेट जिले का इब्राहिमपुर गांव कैशलेश इकॉनमी की तरफ बढ़ रहे देश के लिए मिसाल बन गया है. बारह सौ की आबादी वाले इस गांव के लोग अब सारा लेनदेन अपने डेबिट कार्ड से करते हैं. इब्राहिमपुर गांव को तेलंगाना के सिंचाई मंत्री टी हरीश राव ने गोद लिया हुआ है. नोटबंदी की शुरुआत के साथ ही यहां बैंक खाता खुलवाने का अभियान चलाया गया और 40 दिनों के अंदर ये गांव पूरी तरह कैशलेश हो गया.



गौरतलब है कि तेलंगाना देश का सबसे नया राज्य है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव का कहना है कि उनकी सरकार राज्य को कैशलेस राज्य बनाने की हर संभव कोशिश में लगी है. राज्य सरकार की कोशिश है कि तेलंगाना को देश का सबसे पहला कैशलेस राज्य बना दिया जाए. सिद्धिपेट जिले के इब्राहिमपुर गांव की ही तरह तेलंगाना के दो और गांव जल्द की पूरी तरह कैशलेस होने जा रहे हैं.