Kandhar Hijack: नेटफ्लिक्स पर कंधार हाइजैक को लेकर आई वेब सीरीज पर काफी ज्यादा विवाद हो रहा है. इसमें बताया गया है कि किस तरह 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी 814 को हाईजैक किया गया था. ये सीरीज इसलिए भी विवादों में है, क्योंकि हाइजैकिंग के बाद सरकार और अलग-अलग एजेंसियों ने किस तरह से हालात को संभाला, इस पर भी सवाल उठाए गए हैं. अब खुद पूर्व रॉ चीफ ने बताया है कि आईसी 814 की हाइजैकिंग के दौरान कहां गड़बड़ियां हुई थीं. 


इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, 1999 में रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के चीफ रहे अमरजीत सिंह दुलत ने माना है कि निर्णय लेने में 'गलतियां' हुईं. काठमांडू से दिल्ली जा रही इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी 814 को 24 दिसंबर, 1999 को भारतीय एयरस्पेस में घुसते ही पांच आतंकवादियों ने हाइजैक कर लिया था. विमान ईंधन भरने के लिए अमृतसर में लैंड हुआ और 50 मिनट तक खड़ा रहा. इसके बावजूद, पंजाब पुलिस और केंद्रीय खुफिया बलों सहित अधिकारी इसका फायदा नहीं उठा सके.


अमृतसर में गड़बड़ी हुई थी: पूर्व रॉ चीफ


पूर्व रॉ चीफ एएस दुलत ने कहा, "जब विमान अमृतसर में लैंड किया तो हमारे पास यह सुनिश्चित करने का मौका था कि वह भारतीय क्षेत्र छोड़कर नहीं जाए. मगर जब विमान अमृतसर से रवाना हुआ तो हमारे पास हाइजैकर्स के साथ सौदा करने के अलावा कोई चारा नहीं था. हमने सर्वोत्तम वार्ताकारों के साथ मिलकर सबसे अच्छा सौदा करने की कोशिश की." 


एएस दुलत ने आगे कहा, "कोई निर्णय नहीं लिया गया. यह बात मैं कई बार पहले भी कह चुका हूं, तब भी जब यह घटना घटी थी. अमृतसर में गड़बड़ हुई थी." उन्होंने कहा, "हम सब वहां थे और हमें फैसला लेना चाहिए था. मैं दोष नहीं देना चाहता. इतने सालों के बाद, ऐसा करना ठीक नहीं है. मैं भी उतना ही दोषी हूं जितना कोई और."


खून-खराबे से बचने के लिए दिल्ली ने नहीं लिया फैसला: पूर्व रॉ प्रमुख


पूर्व रॉ प्रमुख ने हाइजैकिंग पर पंजाब के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सरबजीत सिंह के साथ अपनी लंबी बातचीत के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा, "मेरी पंजाब के डीजीपी के साथ लंबी बातचीत हुई. उन्होंने मुझसे कहा कि वह केपीएस गिल नहीं हैं और वह अपनी नौकरी दांव पर नहीं लगाने वाले हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री (प्रकाश सिंह बादल) ने उनसे कहा कि वह अमृतसर में खून-खराबा नहीं चाहते.


एएस दुलत ने सरबजीत सिंह से हुई बातचीत के बारे में आगे बताया, "दिल्ली भी इसी बात का संकेत दे रही थी. डीजीपी ने कहा कि वे विमान पर हमला कर सकते हैं लेकिन उन्हें नहीं पता कि कितने लोग हताहत हो सकते हैं, इसलिए वह खून-खराबे के नाम पर कोई भी फैसला नहीं लेना चाहते थे."


दुलत ने कहा कि पंजाब पुलिस को यह बताना जरूरी था कि विमान अमृतसर से बाहर नहीं जाना चाहिए, जो नहीं हुआ. दिलचस्प बात यह है कि डीजीपी सरबजीत सिंह ने ऑन रिकॉर्ड कहा था कि अगर उन्हें दिल्ली से स्पष्ट निर्देश मिले होते तो उन्होंने फैसला ले लिया होता. इस पर पूर्व रॉ चीफ कहते हैं, "मैं उनसे सहमत हूं, लेकिन उन्होंने क्या किया होता, ये मैं नहीं जानता हूं. वह सही थे जब उन्होंने कहा कि वह दिल्ली से निर्देशों का इंतजार कर रहे थे जो कभी नहीं हुआ."


क्या आईएसआई की हाइजैकिंग में भूमिका थी? 


वहीं, जब पूर्व रॉ चीफ से पूछा गया कि हाइजैंकिंग में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की क्या भूमिका थी? उन्होंने कहा कि आईएसआई इसमें बिल्कुल शामिल था. दुलत ने कहा, "इसमें आईएसआई की भूमिका जरूर थी, इसमें कोई संदेह नहीं है. ये बात हमारी रिपोर्ट्स से सामने नहीं आई है, बल्कि एक पाकिस्तानी पत्रकार की भी रिपोर्ट थी, जो उस वक्त कंधार में था. उन्होंने बताया कि कोई भी आईएसआई की भूमिका को स्पष्ट रूप से समझ सकता है और उसने पूरे ऑपरेशन को कैसे कंट्रोल किया." 


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