नई दिल्ली: आईसीआईसीआई बैंक द्वारा तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर व्यवसायी वेणुगोपाल धूत की कंपनियों को सैकड़ों करोड़ रुपए लोन दिए जाने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने अपना पहला आरोपपत्र कोर्ट के सामने पेश कर दिया है. इस आरोपपत्र में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व चेयरमैन चंदा कोचर उनके पति दीपक कोचर समेत कुल 10 लोगों को आरोपी बनाया गया है .


प्रवर्तन निदेशालय के एक आला अधिकारी ने बताया कि मामले की अब तक की जांच के आधार पर यह आरोप पत्र कोर्ट के सामने पेश किया गया है और इस मामले में अभी और भी पूरक आरोपपत्र कोर्ट के सामने पेश किए जा सकते हैं.


अधिकारी के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व चेयरमैन चंदा कोचर उनके पति दीपक कोचर वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड, वेणुगोपाल धूत, न्यू पावर लिमिटेड और सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच शुरू की थी.


मामले में आरोप था कि वीडियोकॉन कंपनी समेत पांच कंपनियों को तमाम नियम कानून को ताक पर रखकर लगभग 1875 करोड़ से ज्यादा का लोन दिया गया. यह भी आरोप है कि इस मामले में एक सुनियोजित तरीके से आईसीआईसीआई बैंक की तत्कालीन चेयरमैन चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी में 64 करोड रुपए किकबैक आया.


प्रवर्तन निदेशालय ने मामले की जांच के दौरान चंदा कोचर दीपक कोचर समेत वीडियोकॉन कंपनी आदि पर छापेमारी भी की थी और इन तमाम लोगों से लगातार पूछताछ भी हुई थी. आरोपों में आने के बाद चंदा कोचर को आईसीआईसीआई बैंक ने उनके पद से हटा दिया था.


प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी के मुताबिक अब तक की जांच के दौरान इस मामले में अनेक ऐसे तथ्य पाए गए जो यह इशारा करते थे कि तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर वीडियोकॉन कंपनी को लोन दिया गया. लिहाजा अब तक की जांच के आधार पर कुल 10 लोगों के खिलाफ पहला आरोपपत्र कोर्ट के सामने दायर किया गया है, जिसमें 7 कंपनियां भी शामिल बताई गई है. ईडी ने इस मामले में चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को गिरफ्तार भी किया था मामले की जांच अभी जारी है.