एकाउंटेंसी के क्षेत्र में प्रतिष्ठित संस्थान 'दि इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एंड मैनेजमेंट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया', नॉर्दन इंडिया रीजनल काउंसिल (आईसीएमएआई) द्वारा दो दिवसीय सिम्पोजियम का आयोजन किया गया है.
इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत की तरक्की और उत्थान में आईसीएमएआई की महत्वपूर्ण भूमिका और योगदान पर मंथन करना है.
"बदलते परिदृश्य में समायोजन - मेरा विकसित भारत 2047" के नाम से आयोजित इस दो दिन तक चलने वाले सिम्पोजियम का आयोजन 28 फरवरी और 1 मार्च 2025 को नई दिल्ली के आईसीएआर कन्वेंशन सेंटर, एनएससी कॉम्प्लेक्स, टोडपुर, पूसा रोड पर किया गया है. यह सेमिनार नॉर्दन इंडिया रीजनल काउंसिल (आईसीएमएआई) द्वारा आयोजित की जा रही है.
कार्यक्रम के पहले दिन मुख्य अतिथि के रूप में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया. उनके साथ मंच पर गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में एस सी और एस टी जातियों के वेलफेयर के लिए गठित संसदीय कमेटी के चेयरपर्सन फग्गन सिंह कुलस्ते और नई दिल्ली से लोकसभा सदस्य बांसुरी स्वराज भी उपस्थित रहीं.
इनके अलावा आईसीएमएआई के नॉर्दन इंडिया रीजनल काउंसिल के चेयरमैन और कन्वीनर संतोष पंत, सेंट्रल काउंसिल मेंबर एम के आनंद, राजेंद्र सिंह भाटी, नॉर्दन इंडिया रीजनल काउंसिल के वाइस चेयरमैन एस एन मित्तल, को कन्वीनर एस के भट्ट, सेक्रेटरी राकेश यादव, ट्रेजरार जीवन चंद्रा, भारत सरकार में चीफ एडवाइजर कॉस्ट पवन कुमार के साथ मनीष कांडपाल, हनी सिंह, माधुरी कश्यप भी मंच पर इस अवसर पर मौजूद रहे.
इन सभी गणमान्य अतिथियों के अलावा बड़ी संख्या में युवाओं, उद्योगपतियों, नौकरशाहों और आईसीएमएआई के छात्रों ने हिस्सा लिया. सुबह सुबह 9:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक चले इस सेमिनार के पहले दिन मंच पर मौजूद सभी गणमान्य अतिथियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "विकसित भारत 2047" विजन की सराहना करते हुए अपने अपने विचार व्यक्त किए.
सबसे पहले आईसीएमएआई के नॉर्दन इंडिया रीजनल काउंसिल के चेयरमैन और कन्वीनर संतोष पंत ने मुख्य अतिथि और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सहित सभी अतिथियों का स्वागत किया. आईसीएमएआई के नॉर्दन इंडिया रीजनल काउंसिल के चेयरमैन संतोष पंत ने अपने स्वागत भाषण के दौरान कहा कि, "आईसीएमएआई एक मजबूत संबल बनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकसित भारत योजना को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. कॉस्ट एकाउंटेंसी के क्षेत्र में हमारा 65 वर्षों का अनुभव निश्चित रूप से राष्ट्र के विकास में काम आएगा और इस दिशा में हम निरंतर अपना योगदान दे भी रहे हैं.''
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंच को संबोधित करते हुए कहा कि,"देश की प्रगति में आईसीएमएआई जैसे संस्थानों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान और जिम्मेदारी है क्योंकि आईसीएमएआई की भूमिका से भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेश के अवसर बढ़ेंगे.'' ओम बिरला ने यह भी कहा कि भारत के वित्तीय कानूनों में स्थिरता लाने के साथ बदलते परिपेक्ष को देखते हुए अन्य बदलाव करने की भी जरूरत है ताकि देश में आर्थिक निवेश बढ़ सके. उन्होंने यह भी कहा कि अपने आर्थिक सुधारों की बदौलत दुनियाभर में भारत का सामर्थ्य और शक्ति बढ़ी है.
आईसीएमएआई के नॉर्दन इंडिया रीजनल काउंसिल के चेयरमैन संतोष पंत को शुभकामनाएं देते हुए ओम बिरला ने आश्वासन दिया कि वित्तीय मामलों की देखरेख के लिए गठित की गई संसद समिति आईसीएमएआई के विचार सुनेगी और उन पर गौर भी करेगी ताकि रोजगार के नए अवसरों को बढ़ावा मिल सके और युवा पीढ़ी के कौशल का भी पूरा विकास हो सके.
कार्यक्रम में फग्गन सिंह कुलस्ते ने अपने विचार रखते हुए कहा, "संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ भीमराव अंबेडकर ने एस सी और एस टी के उत्थान की बात प्रमुखता से कही थी क्योंकि समाज के अंतिम छोर पर खड़े लोगों को आगे लाकर ही देश का विकास किया जा सकता है." उन्होंने आगे कहा कि एमएसएमई जैसे संस्थानों और व्यवसायिक दृष्टि से कमर्शियल सेक्टरों को विस्तार देने की जरूरत है, ताकि देश के विकास में लोगों की भागीदारी बढ़ सके. प्रधानमंत्री की विकसित भारत 2047 योजना के प्रति अपना उत्साह दर्शाते हुए उन्होंने यह भी भी कहा कि पूरा देश इस सपने को मिलजुल कर साकार करेगा.
इस मौके पर लोकसभा सदस्य बांसुरी स्वराज ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में वैश्विक पटल पर भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है और देश की आर्थिक शक्ति भी मजबूत हो रही है. यह उन्नति हमें और आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा देती है." बांसुरी स्वराज ने यह भी कहा कि तमाम वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत दुनिया की शीर्ष 5 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जो अपनेआप में बहुत बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने डिजिटल और 5G क्रांति का जिक्र भी किया और सीएमए को साइलेंट पॉलिसी इन्फ्लुएंसर बताया क्योंकि रामलला के मंदिर से लेकर चंद्रयान की लागत का निर्धारण सीएमए कमेटी द्वारा ही किया गया था.
सांसद बांसुरी स्वराज ने आईसीएमएआई के नॉर्दन इंडिया रीजनल काउंसिल के चेयरमैन संतोष पंत की तारीफ करते हुए कहा कि,"उन्होंने जो वेन्यू चुना है वह नई दिल्ली लोकसभा में आता है इसलिए मैं खुद को गेस्ट नहीं होस्ट की तरह फील कर रही हूं क्योंकि यह इलाका मेरी कॉन्टीट्यूएंसी है."
कार्यक्रम में भारत के पूर्व राजदूत दीपक वोहरा ने आईसीएमएआई के नॉर्दन इंडिया रीजनल काउंसिल के चेयरमैन संतोष पंत को शॉल भेंट की.
उन्होंने कहा, "भारत तेजी से बदल रहा है. जिसका सबूत याद है कि दुनिया भर के तमाम बड़े देश हमें बहुत सम्मान की दृष्टि से देखते हैं." उन्होंने बीते दिनों को याद करते हुए कहा कि, "1966 में एक दौर ऐसा भी था जब अनाज बचाने के लिए सोमवार को लोग खाना नहीं खाते थे, और आज हम दूसरे देशों को अनाज निर्यात करते हैं. यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व का ही परिणाम है."
इस कार्यक्रम में मोटिवेशनल स्पीकर पद्मश्री संतोष यादव ने भी शिरकत की और कहा, "जब मन में अच्छे विचार जन्म लेते हैं तो सही शब्द बनकर हमारे मुंह से निकलते हैं. इसलिए हमेशा सकारात्मक सोच रखनी चाहिए. देश का उत्थान भी तभी होगा, जब सभी देशवासी अच्छे मन और पूरी इच्छाशक्ति के साथ राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देंगे."
कार्यक्रम में चंद्रशेखर तिवारी, अमित रौतेला, प्रोफेसर मनोज कुमार अग्रवाल, पूनम जायसवानी, एम सी बंसल और विनीत नाहटा ने भी अपने विचार व्यक्त किए.
गौरतलब है कि 'दि इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एंड मैनेजमेंट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया' (आईसीएमएआई) भारत का एकमात्र मान्यता प्राप्त वैधानिक पेशेवर संगठन और लाइसेंसिंग निकाय है, जिसकी स्थापना सन 1944 में कंपनी अधिनियम के अंतर्गत हुई थी. फिर 1959 में कॉस्ट एंड वर्क्स अकाउंटेंट्स अधिनियम के तहत इस संस्थान को एक स्वायत्त पेशेवर संस्थान के रूप में मान्यता मिल गई. यह संस्थान कॉस्ट एंड मैनेजमेंट एकाउंटेंसी के पेशे को बढ़ावा देने, नियंत्रित करने, और विकसित करने का काम करता है.