Dengue and Chikungunya: वैज्ञानिकों ने मच्छरों का इलाज मच्छर से ही कराने का तरीका ढूंढ लिया है. देश में डेंगू-चिकनगुनिया को मिटाने और नियंत्रित करने के लिए नए प्रकार के मच्छर विकसित किए गए हैं. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के वेक्टर कंट्रोल रिसर्च सेंटर (VCRC) ने विशेष मादा मच्छरों को विकसित किया है.


ये मादा, नर मच्छरों के साथ मिलकर ऐसे लार्वा पैदा करेंगे, जो डेंगू-चिकनगुनिया को खत्म कर देंगे. क्योंकि इनके अंदर इन बीमारियों के वायरस नहीं रहेंगे. जब वायरस रहेंगे नहीं तो इनके काटने से इंसान संक्रमित नहीं होंगे. पुड्डूचेरी स्थित ICMR-VCRC ने एडीज एजिप्टी (Aedes aegypti) की दो कॉलोनियां विकसित की हैं. इन्हें wMel और wAIbB वोलबशिया स्ट्रेन से संक्रमित किया गया है. अब इन मच्छरों का नाम है एडीज एजिप्टी (PUD). ये मच्छर डेंगू और चिकनगुनिया के वायरल संक्रमण को नहीं फैलाएंगे.


4 सालों बाद वीसीआरसी को मिली सफलता


VCRC इस काम में पिछले चार सालों से लगा हुआ है. ताकि वो वोलबशिया मच्छरों को विकसित कर सकें. VCRC के डायरेक्टर डॉ. अश्विनी कुमार ने बताया कि मच्छरों को लोकल इलाकों में छोड़ने के लिए कई तरह की सरकारी अनुमतियों की जरूरत पड़ेगी. हमने डेंगू और चिकनगुनिया को खत्म और नियंत्रित करने के लिए खास तरह के मच्छर बनाए हैं.


मादा मच्छर किए विकसित


हम मादा मच्छरों (Female Mosquitoes) को बाहर छोड़ेंगे ताकि वो नर मच्छरों (Male Mosquitoes) के साथ मिलकर ऐसे लार्वा बनाए जो इन बीमारियों के वायरसों (Virus) से मुक्त हो. इन मच्छरों को छोड़ने की हमारी तैयारी पूरी है. बस इंतजार है सरकार (Government) की तरफ से अनुमति मिलने का. जैसे ही सरकार की तरफ से अनुमति मिलेगी हम इन विशेष मादा मच्छरों को खुले में छोड़ देंगे.


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