ICMR का दावा, कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ से 95 और एक डोज़ से 82 फीसदी तक कम हो जाता है मौत का खतरा
तमिलनाडु पुलिस पर आईसीएमआर ने इसी साल 1 फरवरी से 14 मई के बीच एक स्टडी की, जिसमें तमिलनाडु के पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया. क्योंकि वो फ्रंटलाइन वर्कर हैं और लोगों के बीच रहते हैं.
नई दिल्ली: ICMR के मुताबिक कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज से मौत का खतरा 95% कम हो जाता है और एक डोज से 82% तक मौत का खतरा घट जाता है. हाल ही में आईसीएमआर ने तमिलनाडु पुलिसकर्मियो पर एक स्टडी की थी, जिसके आधार पर ये दावा किया गया.
तमिलनाडु पुलिस पर आईसीएमआर ने इसी साल 1 फरवरी से 14 मई के बीच एक स्टडी की, जिसमें तमिलनाडु के पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया. क्योंकि वो फ्रंटलाइन वर्कर हैं और लोगों के बीच रहते हैं. कुल 1,17,524 पुलिसकर्मियों पर ये स्टडी की गई. जिसमें से 67,673 पुलिसकर्मियों ने वैक्सीन की दोनो डोज़ ली थीं, जबकि 32,792 ने सिर्फ एक डोज ली थी और 17,059 ऐसे थे जिन्हें एक भी डोज़ नहीं लगी थी.
स्टडी में पाया गया कि इनमें से 31 लोगों की मौत हो हुई, जिसमें से 4 लोग ऐसे थे जिन्हें दोनों डोज़ लगी थीं. वहीं सात लोगों को वैक्सीन की एक डोज लगी थी और 20 लोग ऐसे थे जिन्होंने कोरोना की वैक्सीन नहीं लगवाई थी.
इस स्टडी से साफ होता है कि जिन्होंने दोनों डोज ली उनमें मौत का खतरा 95% कम हो जाता है और एक डोज से 82% तक मौत का खतरा घट जाता है. साथ ही स्टडी में पाया गया कि वैक्सीनेटेड लोगों को अस्पताल जाने की नौबत 77% कम हो जाती है. ऑक्सीजन की जरूरत 95% कम हो जाती है. आईसीयू की जरूरत 94% कम हो जाती है. स्टडी से साफ हो जाता है कि वैक्सीन से बचाव होता है और अगर संक्रमण हो भी जाए तो गंभीरता नहीं होती है और ना जान जाती है.