कोरोना की बूस्टर डोज पर नहीं, ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन देने पर है फोकस - ICMR
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के मुताबिक देश की 69 फीसदी वयस्क आबादी को कम से कम कोरोना का एक टीका लग चुका है. वहीं 25 प्रतिशत आबादी को दोनों वैक्सीन लग चुकी है
नई दिल्ली: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के निदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव ने गुरुवार को कहा कि अभी हमारा पूरा फोकस देश की व्यस्क आबादी को पूरे तरीके से वैक्सीनेट करने पर है. ऐसे में बूस्टर खुराक का मुद्दा फिलहाल प्रासंगिक नहीं है. डॉक्टर भार्गव ने कोविड-19 स्थिति की साप्ताहिक वार्ता के दौरान बताया, ‘बूस्टर डोज की बात करना फिलहाल उचित नहीं है. यह समय पूरे व्यस्क आबादी को वैक्सीनेट करने का है’.
देश में टीकाकरण की स्थिति के बारे में बात करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि देश में 69 प्रतिशत वयस्क आबादी को कोविड-19 की कम से कम एक डोज लग चुकी है. वहीं 25 प्रतिशत आबादी को कोरोना की दोनों वैक्सीन दी जा चुकी है. स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि आज सुबह तक देश में कोरोना की कुल 88 करोड़ वैक्सीन लगाई जा चुकी है. वहीं आज रात तक यह संख्या 89 करोड़ तक पहुंच जाएगी.
राजेश भूषण ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में कोविड-19 टीकाकरण केंद्रों पर 35 प्रतिशत लोगों को टीका लगाया गया है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के टीकाकरण केंद्र पर 64 प्रतिशत लोगों को वैक्सीनेट किया गया है इसका मतलब यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण की दर शहरी क्षेत्रों से अधिक है. टीकाकरण प्रतिशत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच जनसंख्या के वितरण के अनुसार है.
चंडीगढ़, लक्षद्वीप, गोवा, हिमाचल प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और सिक्किम की 100 प्रतिशत व्यवस्क आबादी को कोविड-19 का पहली डोज लग चुकी है.
कोरोना नियमों का करें पालन
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने लोगों से अपील किया कि त्योहारों के दौरान भीड़-भाड़ वाली इलाकों में जाने से बचे. कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है. इसलिए सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करें और कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए उत्सव में शामिल हों.
कोवैक्सिन को जल्द मिल सकती है WHO से मान्यता
ICMR के निदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव ने कहा कि भारत में विकसित पहली कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को WHO की तरफ से अभी तक मान्यता नहीं मिली है. वैक्सीन को मान्यता दिलाने के लिए आंकड़ों की जरूरत होती है. हमने आंकड़ें उपलब्ध करा दिया है. अब जल्द ही कोवैक्सीन पर WHO अपना अंतिम फैसला ले सकता है.
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