नई दिल्ली: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने बृहस्पतिवार को सभी सरकारी प्रयोगशालाओं को सलाह दी कि जिन नमूनों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है, उन्हें नष्ट करने से पहले कम से कम 30 दिन के लिए सुरक्षित रख जाए.
सरकारी प्रयोगशालाओं (लैब) में आरटी-पीसीआर तरीके से कोविड-19 जांच के लिए एकत्र किए गए नमूनों के भंडारण संबंधी दिशा-निर्देश में आईसीएमआर ने कहा है कि नष्ट करने से पहले सभी नमूनों को संक्रमण मुक्त करने के उचित तरीके का पालन किया जाना चाहिए और लैब को नष्ट किए गए नमूनों का रिकॉर्ड रखना चाहिए.
फ्रीजर में शून्य से नीचे 80 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जाना चाहिए
दिशा-निर्देशों के अनुसार, जिन नमूनों को लंबे समय के लिए भंडारित किया जा रहा है, उन पर लैब की पहचान, नमूना लेने की तारीख आदि जानकारी लिखी होनी चाहिए और उसे सही तरीके से काम कर रहे फ्रीजर में शून्य से नीचे 80 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जाना चाहिए. भंडारित किए गए नमूनों की पूरी जानकारी, संभव हो तो डिजिटल रूप में, रखना अनिवार्य है.
नमूनों की जरुरत कोरोना वायरस पर अध्ययन और अनुसंधान के लिये पड़ सकती है
देश में जांच की संख्या बढ़ने के साथ ही नमूनों की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है, ऐसे में आईसीएमआर का कहना है कि कोविड-19 जांच किट का सत्यापन करने वाली लैब को सलाह दी जाती है कि इस काम को प्रभावी तरीके से करने के लिए वे अपने पास पर्याप्त संख्या में संक्रमित और संक्रमण मुक्त नमूने रखें. परिषद का कहना है कि लैब को नमूनों की जरुरत कोरोना वायरस पर अध्ययन और अनुसंधान के लिये पड़ सकती है.
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