आईसीएमआर की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिएंट्स ने खास सर्वे किया है. एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में बताया गया है कि सोशल मीडिया पर गलत जानकारी के संपर्क में आने पर कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए वयस्क भारतीयों द्वारा विटामिन सी से भरपूर फलों के साथ-साथ विटामिन सी और जिंक की खुराक की उच्च खपत की सूचना दी गई. इस अध्ययन का उद्देश्य 27 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 के बीच भारतीय इंटरनेट उपयोगकर्ताओं द्वारा COVID-19 से संबंधित खाद्य और पोषण जानकारी और समाचार खोज की प्रवृत्ति और उनकी धारणाओं और प्रैक्टिस पर इसके प्रभाव का मूल्यांकन करना था. इस ऑनलाइन सर्वे में 572 लोग शामिल थे जिनसे मिली जानकारी के आधार पर ये रिपोर्ट तैयार की गई है. रिपोर्ट में पता चला कि लोगों ने स्वस्थ रहने और कोविड-19 बचाव के लिए सोशल मीडिया में कई उपाय ढूंढे थे. वहीं मिली जानकारी के आधार पर अपने खानपान में बदलाव कर रहे थे.
विटामिन C से भरपूर फलों के साथ-साथ विटामिन सी की अधिक खुराक ली
वहीं सोशल मीडिया से मिली जानकारी के आधार पर कोविड की पहली और दूसरी लहर के बीच लोगों ने डॉक्टरों के सलाह के अलावा भी काफी दवाओं का सेवन किया. सर्वे में यह पाया गया कि लोगों ने विटामिन सी, डी का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया. इस समय अवधि के दौरान पता चला कि खट्टे फल का प्रचलन काफी बढ़ा. सर्वे में ये पाया गया कि कोरोना के दौरान 71.9% लोगों ने खट्टे फल जिसमें संतरा, आंवला और नींबू का सेवन काफी ज्यादा किया. लोगों के बीच यह सोच काफी व्यापक हुई कि खट्टे फल के सेवन से इम्यूनिटी काफी तेजी से बढ़ती है. इसके साथ ही लोगों ने विटामिन सी सप्लीमेंट के तौर पर 68.2% दवाओं का सेवन किया.
जिंक का लोगों ने काफी प्रयोग किया
सर्वे में देखा गया की 61.4% लोगों ने जिंक का प्रयोग किया. इसके साथ ही भारतीय मसाले जैसे 62.9% ने अदरक और 50.9% ने लहसुन का प्रयोग किया. साथ ही काढ़ा 28.8% और च्यवनप्राश का सेवन 28.1% लोगों ने अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए किया. सर्वे से मिली जानकारी में पाया गया कि लोगों ने घर के खाने पर ज्यादा विश्वास किया और बाहर के खाने में कमी की. कोविड के दौरान बाजार से भी लोगो ने खाना कम मंगवाया. शोध में यह पता चला कि 60% लोगों ने बाजार की जगह घर के खाने को तरजीह दी. इस दौरान घर के खाने में फल और सब्जियों की डिमांड भी बढ़ी.
चाइनीज फूड का इस्तेमाल कम किया
कोरोना के खाने से फैलने के बारे में कोई जानकारी उस वक्त नहीं थी लेकिन क्योंकि बीमारी की शुरुआत चीन के वुहान से हुई थी लिहाजा लोगों ने चाइनीज फूड का इस्तेमाल भी कम कर दिया तो कई लोगों ने छोड़ दिया. वहीं पैक्ड फूड जैसे ब्रेड, बिस्किट जैसी चीजों के इस्तेमाल से पहले उसके रैपर को सेंटाइज करने लगे थे. वहीं हाथ धोना और सैनिटाइज करने की भी लोगों की आदत बन गई थी.
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