नई दिल्लीः इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इंफॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च (NCDIR), बेंगलुरु ने कल नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम रिपोर्ट 2020 जारी की. इस रिपोर्ट का अनुमान है कि साल 2020 में देश में कैंसर के मामले 13.9 लाख होंगे और वर्तमान के आधार पर 2025 तक ये बढ़कर 15.7 लाख होने की संभावना है.


ICMR-NCDIR राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम में 2025 तक देश में कैंसर के मामले 12% वृद्धि का अनुमान है. ये अनुमान 28 पॉपुलेशन बेस्ड कैंसर रजिस्ट्री (PBCRs) से एकत्र किए गए कैंसर से संबंधित जानकारी पर आधारित हैं. इसके अतिरिक्त, 58 अस्पताल आधारित कैंसर रजिस्ट्रियों (HBCRs) ने कैंसर के आंकड़े प्रदान किए.


रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 में


- तंबाकू से संबंधित कैंसर कुल अनुमानित 3.7 लाख यानी 27.1%
- महिलाओं में, स्तन कैंसर का अनुमान 2.0 लाख (14.8%) है और गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स कैंसर) के कैंसर में 0.75 लाख यानी कुल मामलों का 5.4%
- वहीं महिला और पुरुषों में गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल कैंसर 2.7 लाख यानी 19.7% का अनुमान है.
- तम्बाकू के किसी भी प्रकार के उपयोग से संबंधित कैंसर देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र और पुरुषों में सबसे अधिक थे.
- फेफड़ों, मुंह, पेट और अन्नप्रणाली के कैंसर पुरुषों में सबसे आम कैंसर थे.
- महिलाओं में स्तन और गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स यूटरी) का कैंसर सबसे आम कैंसर था.
- महिलाओं में स्तन कैंसर की घटनाओं की दर में वृद्धि हुई है.
- पुरुषों और महिलाओं दोनों में फेफड़े, सिर और गर्दन के कैंसर ज्यादातर रजिस्ट्रियों में देखे गए हैं.
- हालांकि, गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के लिए अधिकांश रजिस्टरों में गिरावट देखी गई थी.


आइजोल में कैंसर के सबसे अधिक मामले


पुरुषों की प्रति एक लाख आबादी के आधार पर कैंसर के सबसे अधिक मामले आइजोल जिले में 269.4 जोकि भारत में सबसे अधिक दर है. वहीं उस्मानाबाद और बीड जिले में यह दर प्रति एक लाख आबादी पर 39.5 रही. इसी तरह, महिलाओं की प्रति एक लाख आबादी के आधार पर कैंसर के सबसे ज्यादा मामले की दर 219.8 पापुमपारे जिला में है, वहीं उस्मानाबाद और बीड जिले में ये दर सबसे कम 49.4 रही.


ICMR ने 1982 में राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (NCRP) की स्थापना की. इस कार्यक्रम की देखरेख ICMR, नेशनल सेंटर फॉर डिसीज इंफॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च (NCDIR), बेंगलुरु द्वारा की जाती है. जनसंख्या और अस्पताल-आधारित कैंसर रजिस्ट्रियों का नेटवर्क (PBCR, HBCR) केस लोड, रुझान, अस्तित्व और प्रबंधन का अनुमान लगाने के लिए कैंसर की घटनाओं, मृत्यु दर और क्लीनिकल पहलुओं से संबंधित व्यवस्थित डेटा एकत्र करें. ये परिणाम तब पूरे देश में कैंसर की रोकथाम और नियंत्रण को मजबूत करने के प्रयासों को सुविधाजनक बनाते हैं.


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