ICMR Study Report on Sudden Deaths: देश में अचानक हो रही युवाओं की मौत को लेकर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने बड़ा खुलासा किया है. आईसीएमआर ने एक स्टडी के बाद बताया है कि भारत में पिछले कुछ साल में युवाओं की असामयिक मौत की वजह कोविड वैक्सीनेशन नहीं, बल्कि कुछ और है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मंगलवार (10 दिसंबर 2024) को राज्यसभा में आईसीएमआर की यह स्टडी रिपोर्ट पेश की.
जेपी नड्डा ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि आईसीएमआर के एक अध्ययन ने निर्णायक रूप से दिखाया है कि भारत में युवा वयस्कों में अचानक मृत्यु का जोखिम कोविड-19 वैक्सीनेशन से नहीं बढ़ा है. यह स्टडी बताती है कि टीकाकरण वास्तव में ऐसी मौतों की संभावना को कम करता है. दरअसल, पिछले कुछ समय से यह चर्चा चल रही थी कि कोविड टीकाकरण की वजह से युवाओं की असामयिक मृत्यु हो रही है, लेकिन इस रिपोर्ट ने इन आशंकाओं को काफी हद तक दूर किया है.
18-45 वर्ष की आयु वालों पर की गई स्टडी
ICMR की ओर से की गई इस स्टडी में 18-45 वर्ष की आयु के ऐसे व्यक्तियों पर फोकस किया गया, जो स्पष्ट रूप से स्वस्थ थे और जिनमें कोई ज्ञात बीमारी नहीं थी और जिनकी 1 अक्टूबर, 2021 और 31 मार्च, 2023 के बीच अचानक मृत्यु हो गई. यह रिसर्च 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में किया गया था.
स्टडी के विश्लेषण में कुल 729 मामले ऐसे थे जिनमें अचानक मृत्यु हो गई थी, जबकि 2916 सैंपल ऐसे थे जिन्हें हार्ट अटैक आने के बाद बचा लिया गया था. निष्कर्षों से पता चला कि कोविड-19 वैक्सीन की कम से कम एक खुराक, विशेष रूप से दो खुराक लेने से, बिना किसी कारण के अचानक मृत्यु की संभावना काफी कम हो जाती है.
इन्हें बताया गया है अचानक मौत का कारण
अध्ययन में कई ऐसे कारकों की भी पहचान की गई है जो अचानक मृत्यु के जोखिम को बढ़ाते हैं. इसमें कोविड-19 अस्पताल में भर्ती रहने की हिस्ट्री, परिवार में पहले से ही अचानक मृत्यु की हिस्ट्री, मौत से 48 घंटे पहले शराब पीना, मनोरंजन के लिए नशीली दवाओं का उपयोग और मृत्यु से 48 घंटे पहले अधिक शारीरिक गतिविधि (जिम में एक्सरसाइज) शामिल है.
वैक्सीनेशन के साइड इफेक्ट्स को ट्रैक करने के लिए AEFI
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वैक्सीनेशन के साइड इफेक्ट्स को ट्रैक करने के लिए 'एडवर्स इवेंट फॉलोविंग इम्यूनाइजेशन' (AEFI) नाम से एक मजबूत सर्विलांस सिस्टम बनाया गया है. एईएफआई के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, नड्डा ने कहा कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट से जुड़े मामलों की रिपोर्टिंग बढ़ाने के लिए राज्यों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. सरकार जागरूकता फैलाने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग कर रही है.
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