नई दिल्ली: देश में कोविड-19 के प्रसार का आकलन करने के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) चौथे चरण का राष्ट्रीय सीरो सर्वेक्षण करेगा. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों से भी इसको प्रोत्साहित करने की अपील की है ताकि सभी भौगौलिक क्षेत्रों से सूचना एकत्र की जा सके. संवाददाता सम्मेलन में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने बताया कि रोजाना सामने आने वाले मामलों और इलाजरत मरीजों की घटती संख्या से लगता है कि देश में कोविड की स्थिति स्थिर हो रही है और संक्रमण दर अब कम होकर करीब पांच प्रतिशत रह गया है. हालांकि, उन्होंने लोगों से कोविड-19 अनुकूल व्यवहार और सामाजिक दूरी के नियम का पालन जारी रखने की अपेक्षा की.


कोविड-19 के प्रसार को जानने के लिए अगले चरण का सीरो सर्वेक्षण 


पॉल ने कहा, ‘‘आईसीएमआर इस महीने से अगले चरण का सीरो सर्वेक्षण करेगा जिससे कोविड-19 के प्रसार का आकलन करने में मदद मिलेगी. लेकिन हम अपने भौगोलिक क्षेत्रों को बचाना चाहते हैं, तो हमें अकेले एक राष्ट्रीय सीरो सर्वेक्षण पर निर्भर नहीं रहना होगा. राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को भी अपने स्तर पर सीरो सर्वेक्षण करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा.’’ आईसीएमआर के मुताबिक, 21 राज्यों के 70 जिलों में सीरो सर्वेक्षण किया जाएगा और इसमें छह साल से अधिक उम्र के बच्चों को भी शामिल किया जाएगा.


कोविड-19 की स्थिति पर स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि सात मई को संक्रमण चरम पर पहुंच गया था. उसके बाद से कोविड-19 के रोजाना नए मामलों में 78 प्रतिशत की कमी आई है. वहीं, साप्ताहिक संक्रमण दर में भी 30 अप्रैल से 6 मई के उच्चतम स्तर 21.6 प्रतिशत के मुकाबले 74 प्रतिशत की कमी आई है. उन्होंने स्पष्ट किया कि 10 मई के चरम के बाद इलाजरत मरीजों की संख्या में करीब 70 प्रतिशत की गिरावट आई है जो करीब 26.2 लाख से अधिक है. पॉल ने सचेत किया, ‘‘कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए. एक जगह लोगों को जमा होने या भीड़ लगाने से बचना चाहिए क्योंकि अब तक सामान्य स्थित नहीं आई है.’’ 


अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) द्वारा भारत बायोटेक की कोविड-19 वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ को आपात इस्तेमाल मंजूरी (ईयूए) देने से इनकार के सवाल पर मंत्रालय ने कहा, ‘‘हम प्रत्येक देश की नियामकीय प्रणाली का सम्मान करते हैं लेकिन इसका असर भारत के टीकाकरण कार्यक्रम पर नहीं पड़ेगा.’’ यूएसएफडीए के इनकार से कोवैक्सीन के इस्तेमाल पर अमेरिका में हो सकता है देरी हो. यूएसएफडीए ने भारतीय वैक्सीन निर्माता के अमेरिकी साझेदार ओक्यूजेन इंक से बायोलॉजिक्स लाइसेंस एप्लीकेशन (बीएलए) के रास्ते आने की‘अनुशंसा’ की है. घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए पॉल ने कहा कि प्रत्येक देश की अपनी नियामकीय प्रणाली होती है जिसका भारत सम्मान करता है और उम्मीद करता है कि उत्पादक उन अर्हताओं को पूरा करेंगे, जिनकी वहां जरूरत है.


कोविशील्ड वैक्सीन की अवधि पर विदेश जानेवालों को नियम में छूट


पॉल ने कहा कि अगले सात-आठ दिनों में कोवैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण के आंकड़े भी प्रकाशित हो जाएंगे. उन्होंने अगले छह महीनों में बायोलॉजिकल ई वैक्सीन आने की उम्मीद जताई और कहा कि जायडस कैडिला की डीएनए वैक्सीन के भी आने की संभावना है.  ‘टीका पासपोर्ट’ के मुद्दे पर अग्रवाल ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन से तकनीकी बातचीत चल रही है. विदेश यात्रा के बारे में उन्होंने कहा कि दुनिया भर में यात्रा से पहले जांच कराने पर ध्यान है और यह परिपाटी जारी रहेगी. कोविशील्ड वैक्सीन की पहली और दूसरी खुराक दिए जाने के बीच की अवधि बढ़ाने के मुद्दे पर अधिकारी ने कहा कि मौजूदा सबूतों के आधार पर ऐसा किया गया है लेकिन जिन्हें विदेश जाना है उनके लिए नियम बदले गए हैं ताकि एक महीने के बाद उनको दूसरी खुराक लेने का रास्ता साफ हो सके.


Corona Update: 70 दिनों बाद देश में सबसे कम कोरोना केस आए, मरने वालों का संख्या अब भी 4 हजार के पार


सरकार ने ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर पर बिजनेस मार्जिन किया सीमित, कीमत में 25 से 54 प्रतिशत तक की कमी