Ideas of India 2023: 'हर कोई संभावित हत्यारा है और...' क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट आशीष नंदी ने बताया दिल दहलाने वाली हत्याओं का सच
Ideas of India 2.0: एबीपी नेटवर्क के आइडियाज ऑफ इंडिया कार्यक्रम में क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट आशीष नंदी ने बताया कि आखिर दंगों में क्रूरतम हिंसा की वजह क्या है.
Ideas of India Summit 2023: एबीपी के कार्यक्रम आइडिया ऑफ इंडिया 2023 का मुंबई में आयोजन चल रहा है, जिसमें देश और दुनिया की जानी-मानी हस्तियां नए इंडिया पर अपना विजन रख रही हैं. शनिवार (25 फरवरी) को कार्यक्रम के दूसरे दिन क्लीनिकल सॉइकोलॉजिस्ट आशीष नंदी मंच पर पहुंचे. नंदी ने दंगे, हत्या और हत्यारों की मानसिकता पर खुलकर बात की.
उन्होंने कहा, इंसान की रचना इस तरह से नहीं हुई है कि वह किसी की हत्या करे. मैं बंटवारे (देश के) की हिंसा का अध्ययन कर रहा था. इस दौरान 20-25 वर्षों की अवधि में मुझे सिर्फ एक हत्यारा ऐसा मिला, जो सामान्य तरीके से कामकाज कर रहा था. कुछ पर हमला किया गया और उन्होंने पलटवार किया. बाकी अलग-अलग तरह से जूझ रहे थे.
'हत्या की कीमत होती है'
नंदी ने कहा कि बाकी सभी मनोवैज्ञानिक रूप से दबाव में थे. वे अपने अतीत के साथ जी रहे थे और उनमें कइयों की जिंदगी बहुत खुशहाल नहीं रही. उन्होंने कहा, हत्या की अपनी कीमत होती है. हत्यारों पर हिंसा भारी पड़ती है.
लोग एक दूसरे को जानते हैं तो क्रूर हिंसा होती है- नंदी
दंगों पर बात करते हुए आशीष नंदी ने कहा, 'इस तरह की क्रूर हिंसा तब होती है, जब दो पक्ष अजनबी नहीं होते बल्कि एक-दूसरे के बहुत करीब होते हैं. बंटवारे की हिंसा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, पंजाब में हिंदू और मुस्लिम बहुत ही आपस में जुड़े हुए थे. दोनों में बहुत निकटता और घनिष्ठता थी जो उन्हें अधिक हिंसा की ओर ले गई.
यहां ये जानना जरूरी है कि देश के बंटवारे के दौरान हुए दंगों में 10 लाख से अधिक लोग मारे गए थे. पंजाब इन दंगों की आग में बुरी तरह झुलसा था.
हर कोई संभावित हत्यारा- नंदी
नंदी ने कहा, उनकी नजर में हर कोई एक संभावित हत्यारा है और हर कोई संभावित शिकार है. क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट ने कहा, "पीड़ितों के पास यह बताने का अपना तरीका होता है कि वे किसके शिकार हैं और यह हमारा काम है कि हम पीड़ितों को यह संदेश दें कि वे केवल पीड़ित नहीं हैं. वे एक अर्थ में, हत्यारों/उत्पीड़कों की आंशिक कॉपी हैं. जब तक वे इस बात को समझ नहीं लेते, हत्या की इस शृंखला से कोई बच नहीं सकता.
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