Ideas of India Summit 2023: एबीपी नेटवर्क के 'आइडियाज ऑफ इंडिया समिट' में केंद्रीय रेलवे और इंफॉर्मेशन व टेक्‍नोलॉजी मंत्री अश्विनी वैष्‍णव (Ashwini Vaishnaw) शामिल हुए. उन्होंने कहा कि हम दुनिया के बेस्ट स्ट्रक्चर को देखते हैं और फिर अपने यहां उससे बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं, यही हमारा लक्ष्य है. उन्होंने रेलवे का जिक्र करते हुए कहा कि हर साल 800 करोड़ यात्री सफर करते हैं. हर रोज 22 हजार से ज्यादा ट्रेन चल रही हैं. देश में 7300 स्टेशन हैं. रेलवे में 12 लाख कर्मचारी हैं. आप सोचिए जब अपरेसल का समय आता है तो मेरी क्या हालत होती होगी. 


रेलवे मंत्री ने आगे कहा कि अब इतने बड़े नेटवर्क को कैसे संभालेंगे. इसी के लिए पीएम मोदी ने पिछले 8 साल में कई बदलाव किए हैं. सबसे पहले उन्होंने यात्रियों के सफर के अनुभव को सुखद बनाने की बात कही. इसके लिए रेलवे स्टेशन से शुरूआत की गई. क्योंकि स्टेशन ही वो जगह है जहां यात्री सबसे पहले जाता है. हमने रूफ प्लाजा पर काम करना शुरू किया. आप रानी कमलापति स्टेशन समेत ऐसे कई स्टेशन देख सकते हैं. रेलवे को लेकर पीएम बहुत आगे की सोच रखते हैं, वो हर कदम पर गाइड करते हैं.


'विकास भी, विरासत भी'


उन्होंने कहा कि कई ऐसे पुराने ऐसे स्टेशन हैं जिनको बिना नुकसान पहुंचाए मोडिफाई करना है. पीएम कहते हैं कि 'विकास भी, विरासत भी', इसी को लेकर हम काम कर रहे हैं. प्रयागराज स्टेशन की डिजाइनिंग में काफी समस्या हुई, क्योंकि वहां कुंभ के समय एक दिन में एक करोड़ लोग आते हैं. इसको डिजाइन करना बहुत मुश्किल था. 


पीएम से जुड़ा किस्सा सुनाया


रेलवे मंत्री ने पीएम से जुड़ा एक किस्सा भी सुनाया. उन्होंने कहा कि मैं आपको एक किस्सा सुनाता हूं जब हम करीब 50 स्टेशनों का डिजाइन लेकर पीएम मोदी के पास गए तो करीब ढाई घंटे का प्रेजेंटेशन हुआ. मीटिंग के बाद वे डिजाइन से खुश नहीं थे. इसके बाद उन्होंने मुझे रात को 11 बजे फोन किया और कहा कि आपके डिजाइन आज के समय के हिसाब से अच्छे हैं, लेकिन मुझे अगले 50 साल के हिसाब के डिजाइन चाहिए. पीएम ऐसे विजन पर काम कर रहे हैं. इसके बाद हमने नए डिजाइन किए जिसमें आपको स्टेशन, मेट्रो, बस स्टॉप, पार्किंग सब एक जगह पर मिलेंगे. 


वंदे भारत ट्रेन कैसे आई?


वंदे भारत ट्रेन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी इस ट्रेन की दुनिया में खूब चर्चा है. पीएम ने कहा था कि हमें एक वर्ल्ड क्लास ट्रेन चाहिए. जब पीएम को बाहर की ट्रेन के डिजाइन दिखाए तो उन्होंने मना कर दिया और कहा कि हमारे लोग ही ट्रेन को डिजाइन करेंगे और तैयार भी करेंगे. चुनौती बड़ी थी क्योंकि दुनिया में केवल 8 ही ऐसे देश हैं जिन्होंने 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार की ट्रेन बनाई है. पर हमनें वंदे भारत ट्रेन शुरू की और इसे लोगों ने खूब पसंद भी किया.


रेलवे देश के लिए सबसे जरूरी


उन्होंने आगे कहा कि यात्रा के लिए 250 किमी तक सड़क अच्छा विकल्प है, 1000 किमी तक रेल और उसके बाद एयरप्लेन. क्योंकि हमारा देश बड़ी जनसंख्या वाला है ऐसे में हमें इन तीनों को साथ में विकसित करना होगा. जोकि हमने किया भी है. इनमें रेलवे सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि लोअर, मिडिल क्लास लोग ज्यादातर रेल में सफर करते हैं. इसलिए हमने सबसे पहले रेलवे को और बेहतर किया. 


कौन से मंत्रालय में ज्यादा काम करना पड़ा?


आपके पास तीन अहम मंत्रालय हैं, इनमें से किसमें सबसे ज्यादा काम करना पड़ा है. इस सवाल पर अश्विनी वैष्‍णव ने कहा कि टेलीकॉम में थोड़ी मुश्किल थी, उसमें ज्यादा काम करना पड़ा है. रेलवे में सबसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. आईटी में हमारे पास पहले से ही अच्छा स्ट्रक्चर है तो उसमें ज्यादा मुश्किल नहीं रही. हमने इस साल 82 हजार करोड़ रुपये का मोबाइल का एक्सपोर्ट किया है. अब मोबाइल भारत में ही बन रहे हैं. 


कहां तक पहुंचा बुलेट ट्रेन का काम?


बुलेट ट्रेन के काम को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इसमें काम करने का एक दम नया तरीका है. मुंबई में जब उद्धव ठाकरे सीएम थे तो उनकी इसमें कोई खास दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन एकनाथ शिंदे के आने पर काम में तेजी आई. इस पर अब तेजी से काम चल रहा है, 152 किमी तक के पिलर्स बन चुके हैं. जनवरी 2022 तक काफी काम हो चुका है.


"पीएम मोदी बहुत ही ओपन माइंडेड व्यक्ति"


उन्होंने कहा कि पीएम मोदी (PM Modi) ने एक स्थिर पॉलिसी दी है जिससे बाहर की कंपनियों में हमारे प्रति विश्वास बढ़ा है. हम पूरे देश में स्टेशन बना रहे हैं. कहीं कोई भेदभाव नहीं कर रहे. पीएम मोदी बहुत ही ओपन माइंडेड व्यक्ति हैं और हम सभी को देश को आगे ले जाने के उनके प्रण के साथ जुड़ना चाहिए. 


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