Ideas of India 2.0: RSS सरकार के कान खींचता है, लगाम खींचता है या कान में बोलता है? जानें इस सवाल के जवाब में क्या बोले संघ सर कार्यवाह कृष्ण गोपाल
Ideas of India 2023: राष्ट्रीय सेवक संघ के सह सर कार्यवाहक कृष्ण गोपाल ने एबीपी नेटवर्क के 'आइडियाज ऑफ इंडिया समिट' में शामिल होकर जाति जनगणना के मुद्दे पर पढ़ें क्या कुछ कहा...
Ideas of India Summit 2023: एबीपी नेटवर्क के 'आइडियाज ऑफ इंडिया समिट' में राष्ट्रीय सेवक संघ (RSS) के सह सर कार्यवाहक कृष्ण गोपाल (Krishna Gopal) शामिल हुए. एबीपी ने कृष्ण गोपाल से सवाल किया, जाति जनगणना के मुद्दे पर क्या RSS सरकार के कान खींचता है? लगाम खींचता है या कान में बोलता है?
कृष्ण गोपाल ने इस पर जवाब देते हुए कहा, आरएसएस एक स्वतंत्र संगठन है. हमें जो कहना होता है हम सीधा जनता से कहते हैं. भारतीय जनता पार्टी एक स्वतंत्र पार्टी है वो अपना निर्णय खुद लेंगे. आरएसएस के सह सर कार्यवाहक कृष्ण गोपाल बोले, साल 2021 में जो जनगणना होनी थी वो कोरोना महामारी के चलते नहीं हो सकी. अब आने वाले वक्त में जो जनगणना होगी उसके नतीजों को देखा जाएगा. अगर जरूरत होगी नतीज़ों को लेकर कुछ बोलने की तो आरएसएस जरूर बोलेगा.
जातिगत पहचान खत्म होनी चाहिए- कृष्ण गोपाल
कृष्ण गोपाल आगे बोले, हमें लगता है कि जातीय जनगणना राजनीतिक अधिक है. एक-एक जाति को गिन कर के... उसका उद्देश्य क्या है? समाज के सभी वर्गों का विकास हो, इसमें कोई दोमत नहीं है. जातिगत भेदभाव अधिक ना बढ़े, इसका ध्यान रखना चाहिए. हम चाहते हैं कि ऐसा कोई ऑपरेशन ना हो जिससे जातिगत भेदभाव बढ़े, जातिगत पहचान खत्म होनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा, जनगणना पर आरएसएस को चिंता नहीं है. जनगणना 1881 से शुरू हुई और हर दस साल के बाद भारत में ये होता है. जगणना के अलावा और कोई साधन नहीं है जिससे चीजें पता चल सकें.
यूनिफॉर्म सिविल कोड पर कृष्ण गोपाल बोले...
वहीं, यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बोलते हुए कृष्ण गोपाल ने कहा, समान नागरिक संहिता के बारे में संविधान सभा में चर्चा हुई है. हमें डिबेट्स में जाना चाहिए. संविधान निर्माताओं ने क्या बातें ध्यान में रखकर ये अपेक्षा व्यक्त की थी कि देश को जल्द ही यूनिफॉर्म सिविल कोड मिलेगा? उस वक्त इसमें सहमति नहीं बनी और इसे भविष्य के लिए इसे छोड़ दिया गया. कई बार सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि यूनिफॉर्म सिविल कोड को लाने की तैयारी की जाए. हमें देखना चाहिए कि किन मुद्दों को लेकर ऐसे निर्देश दिए जा रहे हैं. अगर उस पर सहमति बन जाती है तो यूनिफॉर्म सिविल कोड लाया जाना चाहिए. हालांकि, उन्होंने ये साफ किया कि संघ की राय नहीं है. संविधान के निर्माताओं की राय है.
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