Ideas of India Summit 2023: एबीपी नेटवर्क (ABP Network) के दो दिवसीय कार्यक्रम 'आइडियाज ऑफ इंडिया समिट 2023' (Ideas of India Summit 2023) में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल (Dr. Krishna Gopal) ने भी हिस्सा लिया. कार्यक्रम में आरएसएस नेता से पाकिस्तान और PoK को लेकर भी सवाल किए गए. इन सवालों के जवाब में उन्होंने संघ के विचारों को स्पष्ट किया. 


संघ अपने अखंड भारत के लक्ष्य में कितने देशों को शामिल करता है? इस सवाल के जवाब में RSS नेता ने कहा, "अखंड भारत राजनीतिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक भाग है. वो सारे भाग जो भारत के दर्शन और कल्चर से अपने को एक मानते हैं, कि हमारा जो सांस्कृतिक मूल है वो भारत है. भारत के दार्शनिक, वैचारिक और सांस्कृतिक भाव से एकरूप मानने वाले अपने को भारत के साथ ही जोड़ते हैं. राजनीतिक एकता की तुलना वह एकता अधिक महत्वपूर्ण है." 


अखंड में कितने देश आते हैं?


संघ के सह सरकार्यवाह ने आगे कहा, "हमको ऐसा लगता है कि नेपाल, भूटान, म्यांमार और श्रीलंका, भारत को अपना बड़ा भाई मानते ही हैं. अब तो पाकिस्तान में भी कई यूनीवर्सिटी में पाकिस्तान के जन्म की बात होती है. बड़ी मात्रा में हिस्ट्री के प्रोफेसर इस बात से सहमत नहीं हैं कि पाकिस्तान 14 अगस्त 1947 को पैदा हुआ. वो अपने को तक्षशिला और मोहन-जोदड़ो को अपने साथ जोड़ते हैं. अपने को हजारों साल पीछे ले जाते हैं और भारत के साथ जुड़ जाते हैं. पाकिस्तान के प्रोफेसर आज कहते हैं कि हमने अपने रिलीजन को बदला. ये भाव उनको भारत से जोड़ते हैं." 


PoK पर क्या बोले डॉ. कृष्ण गोपाल?


अखंड भारत के सपने में PoK का कितना महत्व है? इस सवाल के जवाब में डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा, "पीओके ही नहीं हम तो ये कहते हैं जो भी स्थान कभी भारत के साथ रहा है और धीरे-धीरे पुरखों को याद करेगा और पूर्वजों को याद करेगा तो एक इतिहास की ओर चलेगा. तब उसे एक होने का एक आधार मिलेगा. ये कोई दो-चार दिन की बात नहीं है. राजनीतिक दृष्टि से संभव नहीं होगा. कल्चरल और हिस्टोरिकल एस्पेक्ट से एक अखंड, प्राचीन और सांस्कृतिक भारत का फाउंडेशन बनता है." 


'पाकिस्तान को शत्रुता छोड़नी चाहिए'


आर्थिक संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान की मदद करने के सवाल पर RSS नेता ने कहा, "भारत सर्वे भवन्तु सुखिन: के विचार से चलता है. हमारा पड़ोसी पाकिस्तान संकट में है. यदि वो उदार मन से हमसे गेहूं मांगता तो भारत उसे जरूर देता. कोरोना के समय आपने देखा, हमने जरूरत वाले देशों की मदद की. वो अपनी शत्रुता छोड़े. भारत सरकार से मांगेगा तो भारत सरकार जरूर विचार करेगी. वो मांगने का मन तो बनाए. अंतरराष्ट्रीय रिलेशन में जो आवश्यक है उसका पालन करना चाहिए. यदि मांगेगा तो दिया जा सकता है."


पाकिस्तान से संबंधों को लेकर डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा, "पाकिस्तान का निर्माण ही शत्रुता के भाव से हुआ है. जिन्ना को लगा कि वो हिंदुओं के साथ नहीं रह सकते, इसलिए पाकिस्तान का बंटवारा किया. बंटवारे के समय लगभग साढे़ 11 प्रतिशत हिंदू पाकिस्तान में रह गए थे, वे आज एक प्रतिशत पर आ गए. वहीं भारत में मुस्लिम अच्छे से रह रहे हैं. जो यहां रह गए थे वो अच्छे से रह रहे हैं. आज उनकी जनसंख्या साढ़े 14 करोड़ है. पाकिस्तान को अपने मन को ठीक रखना चाहिए. उसे अपने स्वभाव को सुधारना चाहिए. भारत के शत्रुता का भाव हमेशा के लिए छोड़ना चाहिए. अपने स्वभाव को सुधारने में उसका भी भला है." 


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