Ideas of India Summit 2023 Highlights: MCD सदन में हुई मारपीट पर सीएम केजरीवाल बोले, 'लड़ते क्यों हैं, मिलकर काम क्यों नहीं कर सकते'
Ideas of India Summit 2023 Live: एबीपी न्यूज के आइडियाज ऑफ इंडिया समिट का दूसरा एडिशन मुंबई में चल रहा है. इसमें लिज ट्रस, भगवंत मान, अरविंद केजरीवाल जैसी नामी हस्तियों ने अपने विचार रखे.
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Ideas of India Summit 2023: एबीपी नेटवर्क (ABP Network) शुक्रवार से दो दिवसीय कार्यक्रम 'आइडियाज ऑफ इंडिया समिट 2023' (Ideas of India Summit 2023) का आयोजन कर रहा है. यह इस समिट का दूसरा एडिशन होगा, जो 24-25 फरवरी को मुंबई के ग्रैंड हयात में आयोजित होगा. कार्यक्रम में तमाम मशहूर हस्तियां एक ही मंच पर अपने विचार रखेंगी. इस साल सम्मेलन की थीम 'नया इंडिया: लुकिंग इनवर्ड, रीचिंग आउट' रखी गई है.
एबीपी का यह सालाना शिखर सम्मेलन हर साल नए भारत की अवधारणा और विचारों को साथ लेकर आता है. आइडियाज ऑफ इंडिया समिट ऐसे समय में हो रही है, जब दुनिया में भू-राजनीतिक तनाव का दौर चल रहा है. 24 फरवरी को रूस-यूक्रेन युद्ध के एक साल पूरे हो रहे हैं. अगले साल भारत में लोकसभा चुनाव होने हैं. ऐसे वक्त में एबीपी का यह शिखर सम्मेलन देश के कई सवालों का जवाब देगा. दो दिवसीय कार्यक्रम में भारत इस समय इतिहास में कहां खड़ा है, महामारी के बाद के बदलाव, नई कॉर्पोरेट संस्कृति जैसे विषयों पर बात होगी.
इस कार्यक्रम में ब्रिटेन की पूर्व पीएम लिज ट्रस, इन्फोसिस के संस्थापक और अध्यक्ष नारायण मूर्ति, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, अश्विनी वैष्णव, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, मुंबई के सीएम एकनाथ शिंदे, पंजाब के सीएम भगवंत मान हिस्सा लेंगे.
बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार भी सम्मेलन में शामिल होंगे. इसमें अमान, आशा पारेख, सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर, संगीत जैसी प्रतिष्ठित हस्तियां आइडियाज ऑफ इंडिया समिट 2023 के मंच से नये भारत को लेकर अपने विचार प्रस्तुत करेंगी. इसके अलावा अमिताव घोष और देवदत्त पटनायक जैसे प्रख्यात लेखक भी मंच शेयर करेंगे.
एबीपी नेटवर्क आइडियाज ऑफ इंडिया समिट 2023 को ABP Live You Tube पर लाइव-स्ट्रीम किया जाएगा. इसके साथ ही आइडियाज ऑफ इंडिया समिट के सत्र एबीपी नेटवर्क के चैनल पर भी प्रसारित किए जाएंगे.
आइडियाज ऑफ इंडिया समिट के ताजा अपडेट और हाइलाइट्स को एबीपी लाइव के सोशल मीडिया हैंडल पर भी देखा जा सकता है. facebok, twitter, instagram
जोशना चिनप्पा भी हैं चक दे इंडिया की दीवानी...
भारतीय महिला स्क्वॉश खिलाड़ी जोशना चिनप्पा ने एबीपी के मंच से कहा कि उन्हें भी चक दे इंडिया मूवी बेहद पसंद है. इसके साथ ही मैरीकॉम मूवी भी उनकी पसंदीदा मूवीज में से एक है. विनेश फोगाट ने भी अपनी फेवरेट मूवी के बारे में बताया उन्होंने कहा कि चेक दे इंडिया और उसके बाद मैरीकॉम उनकी पसंदीदा मूवी है.
सुशीला चानू को पसंद है मूवी चक दे इंडिया...
एबीपी के मंच पर महिला खिलाड़ियों नें अपने फेवरेट खेल से लेकर मूवी के बारे में भी बताया. हॉकी खिलाड़ी सुशीला चानू ने कहा कि मेरी पहली पसंदीदा मूवी चक दे इंडिया है. इस मूवी को कितने बार भी देख लूं मन नहीं भरता है. इसे देख बहुत इमोशनल हो जाती हूं. इसके अलावा मुझे दंगल मूवी भी पसंद है.
फेवरेट खेल को लेकर ये बोली दिग्गज महिला खिलाड़ी...
एबीपी के मंच पर मौजूद मशहूर खिलाड़ियों ने अपने फेवरेट स्पोर्ट के बारे में भी बताया. रेसलर विनेश फोगाट ने कहा कि रेसलिंग मेरा पहला प्यार नहीं था फैमिली फोर्स से इसमें दाखिल हुई. उन्होंने कहा कि वो बचपन से टेनिस खेलना चाहती थी और मैं सानिया मिर्जा की बहुत बड़ी फैन हूं. बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने कहा कि उन्हें भी टेनिस पसंद था. पूर्व एथलीट अश्विनी नचप्पा ने हॉकी को अपना पहला प्यार बताया. वह कहती हैं कि अब उन्हें गोल्फ खेलना पसंद है.
मैं बहुत ही औसत दर्जे के परिवार से आती हूं- अश्विनी नचप्पा
पूर्व एथलीट अभिनेत्री अश्विनी नचप्पा ने एबीपी के मंच से कहा कि मैं बहुत ही औसत परिवार से आती हूं. उन्होंने कहा कि मेरे पिता ही अकेले कमाने वाले थे. मुझे याद है कि मेरी मां 2-3 किलोमीटर पैदल चलती थी. वो हमें ट्रेनिंग के दौरान लंच देने के लिए स्कूल से लाने के लिए कठिन मेहनत करती थी, इसलिए हम आज जहां है उस स्तर पर हमें हमारी फैमिली ने पहुंचाया है. उन्होंने कहा कि एक स्तर पर आकर बस ये मायने रखता है कि हमारे साथ सही और वाजिब व्यवहार हो. उन्होंने कहा कि मैं लकी हूं कि मैं मुंहफट हूं और मेरे सामने फेडरेशन के किसी सदस्य को बोलने की हिम्मत नहीं होती थी फिर चाहे वो कोई भी रहा हो.
80 के दशक की आज के खेल परिदृश्य बदला- पूर्व एथलीट अश्विनी नचप्पा
पूर्व एथलीट और कन्नड़ भारतीय फिल्म अभिनेत्री अश्विनी नचप्पा ने भी एबीपी के Ideas of India Summit में अपनी राय रखी. सेक्सुएल मिसकंडक्ट और खेलों में लड़कियों के साथ होने वाले भेदभाव को लेकर उन्होंने कहा कि 80 के दशक की आज के खेल परिदृश्य से तुलना करें तो आज अधिक महिलाएं केवल खेल में ही नहीं, बल्कि खेल बोर्ड में हैं. वो गलत के खिलाफ बोलने के लिए आगे आती है. यंग जेनरेशन सेक्सुएल मिसकंडक्ट को लेकर आगे आ रही है. मीडिया में इसे पूरा जगह मिलती है, लेकिन हमारे दौर की ये केस अनसुने रह जाते थे. उन्होंने कहा कि बीते 6 से 8 दशकों में खेल बड़े लोगों और राजनीति से कंट्रोल हो रहा है. इन हालातों में बदलाव लाने के लिए बड़ी कोशिशों की जरूरत है. हम से अधिकतर यहां अपनी फैमिली के सपोर्ट से हैं, न कि किसी खास शख्स और फेडरेशन की वजह से.