Ideas of India Highlights: शेफ विकास खन्ना ने किससे सीखा खाना बनाना? आइडियाज ऑफ इंडिया में सुनाई अपने सफर की कहानी
Ideas of India Summit: एबीपी न्यूज के कार्यक्रम 'Ideas of India 2023' का आज दूसरा दिन रहा. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, इन्फोसिस संस्थापक नारायण मूर्ति, एक्ट्रेस कृति सेनन जैसी हस्तियों ने विचार रखें.
ABP के मंच पर अपनी लाइफ के एक पार्ट के बारे में बात करते हुए इमोशनल हुए शेफ विकास खन्ना.
शेफ विकास खन्ना ने बताया कि जब मैं साल 2000 में अमेरिका गया था तो मुझे बड़े आराम से नौकरी मिल गई थी. तब वहां नौकरी मिलने में कोई दिक्कत नहीं होती थी. 9/11 के बाद चीजें बदल गई थीं. मैंने ये बात बाद में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा से भी कही थी. बाद में छोटे रेस्टोरेंट खोलने के लिए ग्रांट मिलती थी.
शेफ विकास खन्ना ने जब पीएम मोदी के लिए बनाया था खाना, बताया उन्होंने क्या खाया? सुनिए मजेदार किस्सा.
अपने पहले बिजनेस के बारे में विकास खन्ना ने बताया कि मेरा पहला बिजनेस किटी पार्टी का था. जो मैंने अपने घर के पीछे की जगह पर ही शुरू किया था. 12 हजार रुपये में सामान खरीदकर किटी हाउस शुरू किया था.
शेफ विकास खन्ना ने अपने सफर की कहानी सुनाते हुए कहा कि मैंने 16 साल की उम्र में खाना बनाना शुरू किया था. मैंने अपनी दादी से खाना बनाना सीखा था. गोल्डन टेंपल ने मुझे खाना बनाने को लेकर काफी कुछ सिखाया है. मेरा पहला बिजनेस किट्टी पार्टी का था. जो मैंने अपने घर के पीछे की जगह पर ही शुरू किया था. 12 हजार रुपये में सामान खरीदकर किट्टी हाउस शुरू किया था.
आइडियाज ऑफ इंडिया 2023 कार्यक्रम में अब शेफ विकास खन्ना अपने विचार रख रहे हैं.
एबीपी नेटवर्क के सीईओ अविनाश पांडे ने कहा कि दो दिनों तक काफी अच्छी चर्चा हुई. हमने कई मुद्दों पर कई फील्ड के लोगों को सुना और हमने कई आइडिया ऑफ इंडिया को सुना. जब हमने पिछले साल आइडिया ऑफ इंडिया शुरू किया तो मुझे नहीं पता था कि ये इतना शानदार सफर होगा. मैं अपने मेहमानों के साथ-साथ अपने स्पांसर, यहां काम कर रहे लोगों का धन्यवाद करता हूं. हम अगले साल फिर से और बड़े शो के साथ आएंगे.
बीआरएस सांसद के कविता ने अडानी मामले का जिक्र कर बीजेपी की नीतियों पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों की नीति थी डिवाइड एंड रूल, बीजेपी की नीति है रेड एंड रूल. कहीं भी आपको राज करना हो तो पीछे से जाओ रेड मारो और राज करो, ये बीजेपी की नीति है. पीएम मोदी कहते थे कि ना खाऊंगा ना खाने दूंगा, पर अब क्या हुआ. उनके दोस्त अडानी के मामले में ये बात बदल गई. एलआईसी को 80 हजार करोड़ रुपये नुकसान हुआ, पीएम मोदी कुछ नहीं बोल रहे. वे अगर अडानी को नहीं बचा रहे तो जांच करवाएं. जांच क्यों नहीं हो रही है.
बीजेपी सांसद पूनम महाजन ने बताया कि बीजेपी 2024 में सत्ता में क्यों लौटेगी. उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसद लगातार एक शब्द कहते हैं, माइटी बीजेपी, मैं आपको बता दूं कि बीजेपी माइटी (ताकतवर) है क्योंकि इसे देश की जनता ने बताया है. देश के लोगों का पीएम मोदी पर भरोसा है. 2014 से पहले स्कैम ही स्कैम थे, लेकिन बीजेपी सरकार में ऐसा नहीं है. बीजेपी जो वादा करती है उसे पूरा करती है. पहले दिल्ली से एक रुपया निकलता था तो जनता के पास 15 पैसे पहुंचते थे, अब दिल्ली से एक रुपया निकलता है सीधे जनता के खाते में एक ही पहुंचता है. मैं पूछती हूं कि 2024 में मोदी नहीं तो और कौन? पीएम मोदी बुलेट ट्रेन के आइडिया ऑफ इंडिया के साथ आगे बढ़ रहे हैं.
उद्धव ठाकरे गुट की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि 2024 में बीजेपी सत्ता में नहीं लौटेगी क्योंकि आज देश का विपक्ष देश की जनता की बात करता है. विपक्ष किसानों की, युवाओं की आवाज उठा रहा है. हम महंगाई की बात कर रहे हैं, हम बेरोजगारी की बात कर रहे हैं और दूसरी तरफ बीजेपी केवल दूसरे राज्यों में सरकारों को गिरा रही है. बीजेपी केंद्रियों एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है.
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि बीजेपी को चुनौती देने के लिए देश में एक नए ब्रांड, नए आइडिया की राजनीति की जरूरत है. आम आदमी पार्टी इस नए आइडिया के साथ आगे बढ़ रही है. 1977 में 'एक कैंडिडेट के सामने एक कैंडिडेट' के फॉर्मूला से कांग्रेस और ताकतवर इंदिरा गांधी को हराया गया था. वो चुनाव लोगों की ताकत से जीता गया. अगर 2024 में बीजेपी के खिलाफ एक कैंडिडेट के फॉर्मूला से जाएं तो बीजेपी को हराया जा सकता है. बीजेपी को 3M से हराया जा सकता है- जिसका मतलब है नया मैसेज, नया मैसेंजर और नया मॉडल.
आइडियाज ऑफ इंडिया 2023 कार्यक्रम में अब आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा, बीआरएस नेता के कविता, सांसद पूनम महाजन, उद्धव ठाकरे गुट की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी मौजूद हैं.
यामी गौतम ने अपनी शादी का जिक्र करते हुए कहा कि हमने सिंपल शादी करने की सोची थी, जिनको बड़ी शादी करने से खुशी मिलती हैं वो वैसे ही करें. शादी आपकी और आपके परिवार की सोच को दर्शाती है.
यामी गौतम ने कहा कि चाहे ओटीटी हो या थियेटर, लोगों को अच्छी कहानी चाहिए, फिल्म अच्छी होगी तो उसे दर्शक कहीं भी मिल जाएंगे. आज मेल या फीमेल एक्टर अहम नहीं है आज केरेक्टर अहम है, कहानी का दमदार होना जरूरी है.
यामी गौतम ने कहा कि अब वक्त बदल गया है. अब किसी भी इंसान को उसके रंग से जज नहीं करना चाहिए. उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि अब हमें बॉलीवुड नहीं बोलना चाहिए बल्कि इंडियन फिल्म इंडस्ट्री कहना चाहिए. फिल्मों में काम करने को लेकर उन्होंने कहा कि मैं अभी सीख रही हूं.
एबीपी नेटवर्क के आइडियाज ऑफ इंडिया 2023 कार्यक्रम में अब अगली मेहमान एक्ट्रेस यामी गौतम हैं.
2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर नितिन गडकरी ने कहा कि हम अपने काम के दम पर जीतेंगे. कौन क्या बोल रहा है इससे हमें कोई मतलब नहीं है, हमें अपने काम से मतलब है. उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि 5 साल में भारत ग्लोबल ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब बन जाएगा.
बढ़ते सड़क हादसों पर चिंता जताते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि हमारे देश में हर साल 5 लाख सड़क हादसे होते हैं. हमारा विभाग इसमें सुधार नहीं कर पाया इसका मुझे सबसे ज्यादा दुख है. मैं लोगों से अपील करूंगा कि सड़क नियमों का पालन करें, लाल बत्ती पर रूकें, सीट बेल्ट लगाएं. मैंने आज ही अपने ड्राइवर को सीट बेल्ट न लगाने पर डांट लगाई है.
नितिन गडकरी ने कहा कि जिन लोगों के पास रोटी, कपड़ा, मकान नहीं है उनकी सेवा हम निरंतर कर रहें हैं जिस दिन ये तीनों चीजें मिल जाएंगी तब हम अपना कार्य पूरा समझेंगे. मोदी जी के नेतृत्व में जो काम हुए हैं वो पिछले सालों में कांग्रेस की तुलना से ज्यादा है. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि आप NHAI में अपना पैसा इन्वेस्ट करो, मैं आपको हर महीने 8.2 प्रतिशत ब्याज दूंगा. मेरा टारगेट 60 किमी प्रति दिन सड़क बनाने का है.
इस बार सड़क परिवहन विभाग के बजट को बढ़ाया गया है, क्या 2024 में सत्ता का रास्ता हाईवे से होकर जाएगा? इसपर नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार को पांच साल काम करने का मौका मिलता है और फिर सरकार के काम रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने होता है. इसी के आधार पर जनता वोट करती है. हमने 8-9 साल में उतना काम किया है जितना कांग्रेस ने 60 साल में नहीं किया. सुशासन और विकास हमारा लक्ष्य है.
एबीपी नेटवर्क के आइडियाज ऑफ इंडिया कार्यक्रम में अब अगले मेहमान केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी हैं.
एकनाथ शिंदे ने कहा कि हम लोगों ने बाला साहेब और मोदी जी के नाम पर वोट मांगी थी. लोगों ने हमें वोट भी दी, बहुमत दिया, लेकिन आपने (उद्धव ठाकरे) कुर्सी के लालच में एनसीपी-कांग्रेस के साथ सरकार बनाई. इसके बाद आपने खत्म हो रही एनसीपी-कांग्रेस को संजीवनी दे दी और आपकी पार्टी पीछे जाने लगी. ये हमें कैसे बर्दाश्त करते. आप हमें गद्दार कहते हो जबकि आपने 2019 में अपने गठबंधन के साथी बीजेपी के साथ गद्दारी की थी.
चुनाव आयोग से शिवसेना मिलने पर एकनाथ शिंदे ने कहा कि मैं किसी पर कंट्रोल नहीं करता. लोकतंत्र में जनता ही सब कुछ है. जब लोगों के पक्ष में फैसला होता है तो वो कहते हैं कि चुनाव आयोग अच्छा है, जब खिलाफ फैसला होता है तो कहते हैं चुनाव आयोग बुरा है, ऐसा नहीं कह सकते. हम तो ऐसा नहीं कहते, जो फैसला होता है हम मान लेते हैं. हमने किसी की संपत्ति नहीं छीनी, उन्होंने बाला साहेब के विचारों को त्याग दिया था, हम उन विचारों को संजो रहे हैं. उनकी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए बाला साहेब की विचारधारा ही काफी है, हमें पार्टी के सिंबल और नाम की जरूरत नहीं. हम पार्टी के खाते को भी हाथ नहीं लगाएंगे, हमें जरूरत नहीं है.
पिछली सरकार कहती थी केंद्र मदद नहीं कर रही है, एकनाथ शिंदे आए तो कई प्रॉजेक्ट शुरू हो गए, कैसे हुआ? इसपर सीएम ने कहा कि पिछली सरकार में ईगो की समस्या थी. आप केंद्र से पैसे मांगेंगे, उनके पास जाएंगे तब तो वो आपको पैसा देंगे, वो आपके घर में आकर तो पैसा नहीं देंगे.
महाराष्ट्र को लेकर आपको आइडियाज ऑफ इंडिया क्या है, इसपर सीएम शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र देश का ग्रोथ इंजन है. अभी डबल इंजन की सरकार है तो स्पीड से काम चल रहा है. महाराष्ट्र की तरक्की होगी तो देश की भी तरक्की होगी. हम पीएम मोदी के पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने के आह्वान पर काम कर रहे हैं. हमें केंद्र सरकार से काफी सपोर्ट मिल रहा है.
आपको राजनीति का बादशाह कहा जा रहा है, इसपर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि मैं कोई बादशाह नहीं हूं, मैं बस एक कार्यकर्ता हूं. सीएम बनने के बाद भी मैं कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहा हूं और कल भी ऐसे ही रहूंगा. मैंने अपने काम करने का तरीका पहले की तरह ही रखा है. अगर मैंने अपना तरीका बदला तो लोग कहेंगे कि कल तक तो अच्छा करता था सीएम बनने के बाद बदल गया.
एबीपी नेटवर्क के आइडियाज ऑफ इंडिया 2023 कार्यक्रम में अब अगले मेहमान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हैं.
भारत में फिल्म बनाने पर शेखर कपूर ने कहा कि भारत में फिल्म बनाना 'चोर बाजार' जाने जैसा है. मैं जब भी पश्चिमी देशों में जाता हूं तो इस चीज को मिस करता हूं. क्रिएटिविटी का कोई अंत नहीं है.
निर्देशक शेखर कपूर ने कहा कि आज टेक्नोलॉजी और डिजिटल ने सब कुछ आसान कर दिया है. मुझे मिस्टर इंडिया फिल्म के समय काफी मेहनत करनी पड़ी थी. टेक्नोलॉजी लगातार बदलती रहती है और आज जिस तरह से कंटेंट का प्रसार हो रहा है, उसने फिल्मों को बहुत सस्ता बना दिया है. कंटेंट क्रिएशन एक खरब डॉलर का होने जा रहा है.
आइडियाज ऑफ इंडिया 2023 कार्यक्रम में अभिनेता और निर्देशक शेखर कपूर ने कहा कि मैं कोई फिल्म मेकर नहीं हूं. जब में दिल्ली में सीए था और लोग कहते थे कि अच्छा कर रहा है तो मैंने तभी कैरियर शब्द अपनी डिक्शनरी से हटा दिया था. मैं सेल्फ-डिस्कवरी के एडवेंचर पर हूं.
मीथिका द्विवेदी ने बताया कि मैं एक बेकबैंचर टाइप की बच्ची रही हूं. मुझे पढ़ाई से कोई मतलब नहीं था. जब भी रिजल्ट आता था तो मेरी घर पर पिटाई होती थी. मेरी मां ने मेरी सोशल मीडिया की आईडी के बारे में पता लगा लिया था. मैंने उन्हें बताया था कि मैं बस गाने गाती हूं. फिर मेरी मां को पता चल गया कि मैं वीडियो बनाती हूं. उन्होंने डांट लगाई, पर लॉकडाउन का टाइम तो मैंने भी वीडियो बनाना जारी रखा और बस तब से चल रहा है.
आरजे करिश्मा ने कहा कि मैं आरजे के साथ-साथ फनी वीडियो भी बनाती हूं क्योंकि ये मेरा पैशन है इससे लोगों के चेहरों पर खुशी आती है. कोरोना काल के दौरान मैंने वीडियो बनानी शुरू की थी. मेरी पहली वीडियो काफी वायरल हो गई थी. जिसके बाद मैंने और भी फनी वीडियो बनाई. मेरे लिए पैसों से ज्यादा लोगों के चेहरे पर खुशी लाना जरूरी है.
कहां से आता है सबसे अलग Content बनाने का आइडिया? इस पर आरजे करिश्मा ने कहा कि जब लोग कंटेंट बनाते हैं तो अच्छी बात है. लेकिन जब अपने दिल की बात कंटेंट में दिखाते हैं तो आप अलग दिखते हैं. मिथिका द्विवेदी ने कहा कि मैं आम लोगों को देख के वीडियो बनाती हूं. बाकी जो चीजें देखी हैं स्कूल, कॉलेज में वो सब भी दिमाग में रहता है.
एबीपी नेटवर्क के आइडियाज ऑफ इंडिया 2023 कार्यक्रम में अब अगले मेहमान कॉमेडियन और कंटेंट क्रिएटर्स मिथिका द्विवेदी, सलोनी गौर, आरजे करिश्मा हैं.
जब इंजीनियरिंग से एक्टिंग करने लगीं तो रिश्तेदारों का रिएक्शन कैसा था, इसपर कृति ने कहा कि सब लोग कहते थे कि इतनी बड़ी इंडस्ट्री है, किसी को जानती नहीं है, कैसे रहेगी. लड़की है कल को कोई शादी भी नहीं करेगा. तो कुछ इस तरह की बातें होती थीं. जब सपने बड़े होते हैं तो पहले नेगेटिव चीजें ही बोली जाती हैं. उन्होंने कहा कि मुझे शादी से दिक्कत नहीं है, मैं शादी करूंगी मगर अभी नहीं.
नेपोटिज्म पर कृति सेनन ने कहा कि आपको अपना नाम बनाने में बहुत समय लगता है. मेरे शुरूआती दिनों में मुझे कई बार रिजेक्ट किया गया क्योंकि स्टार किड को चुन लिया गया था. मुझे लगता है एक तरफ काफी मौके हैं. इसपर आज भी मेरा व्यू नहीं बदला है. जब मेरी पहली फिल्म आई थी तो लोग एयरपोर्ट पर बोलते थे कि वो देखो टाइगर श्राफ की फिल्म की हेरोइन, किसी को मेरा नाम नहीं पता था. जबकि आज हम तैमूर का इतनी कम उम्र में भी नाम जानते हैं.
इंडस्ट्री में बिना गॉडफादर के काम मिलना कितना मुश्किल हैं, इसपर उन्होंने कहा कि पहला मौका मिलना और अच्छा मौका मिलना बहुत मुश्किल होता है. गॉडफादर के बिना इस इंडस्ट्री में काम मिलना मुश्किल है. मैं अपने आप को खुशकिस्मत मानती हूं कि मुझे ज्यादा स्ट्रगल नहीं करना पड़ा. मेरे से टेलेंटेड लोग हैं जिन्हें अभी तक मौका नहीं मिला.
कृति सेनन ने कहा कि मुझे सीरियस एक्टर शब्द पसंद नहीं है. टेलेंट को बाहर निकालने के लिए मिमी जैसी भूमिका की आवश्यकता होती है. इस रोल में काफी रेंज थी.
एबीपी नेटवर्क के आइडियाज ऑफ इंडिया 2023 कार्यक्रम में एक्ट्रेस कृति सेनन ने कहा कि कभी सोचा नहीं था कि फिल्मों में आउंगी. फिल्मों में मेरा अब तक का सफर जादुई रहा है. मुझे लगता है कि हमें बड़ा सपना देखना चाहिए और कभी संतुष्ट नहीं होना चाहिए.
विनय लाल ने कहा कि सरकार की वर्तमान परियोजना में नेशन-स्टेट में सभ्यता का पतन भी शामिल है क्योंकि मूल रूप से यह अहसास है कि केवल एक नेशन-स्टेट के रूप में ही आप दुनिया में किसी भी प्रकार की पूंजी अर्जित कर सकते हैं. आप अपने आप को एक महान सभ्यता घोषित करके अब या किसी भी प्रकार की सांस्कृतिक पूंजी नहीं रख सकते हैं. यह मोहनदास गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का कथन है. उन्होंने यह बहुत स्पष्ट कर दिया कि गांधी की हत्या करने के कारणों में से एक यह था कि वह भारत के एक शक्तिशाली राष्ट्र-राज्य के रूप में उभरने में बाधा थे.
विनय लाल ने कहा कि भारत सरकार की मौजूदा परियोजना भारत के 5000 वर्षों के इतिहास का पता लगाने की है. इसे 12000 वर्षों तक ट्रेस करने की है और यह सुझाव देना है कि यह सभ्यता उस समय से एक वैदिक सभ्यता रही है. हिंदुत्व पर प्रोफेसर विनय लाल ने कहा कि हिंदू धर्म एक बरगद के पेड़ की तरह है, यह बहुत विशाल है और यही हिंदुत्व के विचारकों को पसंद नहीं है. उन्हें इसकी विशालता पसंद नहीं है. वे अपने विरोधी के धर्म की तरह हिंदू धर्म चाहते हैं.
इतिहासकार और प्रोफेसर विनय लाल ने भारत की कई पहचानों पर कहा कि एक नेशन-स्टेट सभ्यता से अलग है. वर्तमान सरकार का प्रोजेक्ट ताकतवर बनना है. भारत एक नेशन-स्टेट के रूप में, एक बहुत ही युवा इकाई है और नेशन-स्टेट के रूप में, यह किसी अन्य नेशन-स्टेट की तरह ही हो सकता है. दिखावटी मतभेद हो सकते हैं लेकिन यह एक नेशन-स्टेट होने का एक ही तरीका है, बलवान होना, अपनी सीमाओं की रक्षा करना, अप्रवासियों के प्रति असहिष्णु होना.
तीन गलतियां जो स्टूडेंट लाइफ में नहीं करनी चाहिए? इसपर विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि बच्चों को समझना चाहिए कि वो इंसान हैं, वो रोबोट नहीं हैं. ठीक से सोना है, खाना है, मस्ती करनी है और पढ़ना है, फिर आईएएस बन जाओगे. दूसरा किताबें ही मत पढ़ो जिंदगी को भी पढ़ो. दोस्तों को भी पढ़ो. आसपास के समाज को भी पढ़ो. हफ्ते में एक मूवी देखो. अपने दोस्तों के साथ गप्पे भी मारो. एक कहावत है कि शिक्षा जीवन जीने की तैयारी नहीं है बल्कि शिक्षा ही जीवन है.
पढ़ाई करते हुए गर्लफ्रेंड की बहुत याद आती है तो क्यों करें? इसपर विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि अगर याद आ रही है तो गर्लफ्रेंड से मिल लें क्योंकि 2-3 बार मिलने के बाद फिर याद नहीं आएगी.
विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि जीवन से सीखो, अपने दोस्तों से सीखो. अपने दोस्तों से बात करें. आईएएस बनना आपके जीवन का हिस्सा होना चाहिए, यह आपका पूरा जीवन नहीं बनना चाहिए. 8 घंटे सोना है, 8 घंटे मस्ती करनी है बाकी पढ़ना है.
विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि जब आप शक्तिशाली स्थिति में होते हैं तो ओवरकॉन्फिडेंस अधिक खतरनाक होता है. अगर पाकिस्तान के पीएम इंडिया पर बम फेंक दें तो ये ओवरकॉन्फिडेंस होगा. उनके ऐसा करने से उनकी आवाम को बहुत कुछ भुगतना पड़ेगा. हालांकि, अगर आप नॉर्मल लेवल पर रह रहे हैं तो अंडर कॉन्फिडेंस ठीक है.
विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि मेरे पास अब कोई निजी जीवन नहीं है. केंद्रीय कैबिनेट मंत्री जैसे कई वरिष्ठ लोगों ने मुझे बताया कि वे मेरी कक्षाओं से सीखते हैं. कुछ वीडियो किसी ने सोशल मीडिया पर डाल दीं जो वायरल हो गईं.
विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि मुझे अपने छात्रों का मेरे पैर छूना पसंद नहीं. मैं चाहता हूं कि सिर्फ मेरा बेटा ही लोगों के पैर छुए, ये सीखे कि जिंदगी में झुकना ही पड़ता है. मैं एक वैज्ञानिक तरीके का व्यक्ति हूं, मैं आशीर्वाद में विश्वास नहीं करता, लेकिन मुझे लगता है कि यह विनम्रता लाता है. भारत के इतिहास में कोई एक व्यक्ति जिसके मैं पैर छूना चाहता हूं तो वह कबीरदास हैं.
विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि हम 3 घंटे पढ़ाते हैं इसलिए छात्रों को रिफ्रेश करना जरूरी हो जाता है. हम इसे करने के लिए ह्यूमर का उपयोग करते हैं. हालांकि, इससे महिलाओं, एलजीबीटी, किसी जाति को टारगेट नहीं करना चाहिए.
विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि जब हम मॉक आईएएस इंटरव्यू लेते हैं, तो हम मान लेते हैं कि इंग्लिश ऑनर्स बैकग्राउंड वाला कोई व्यक्ति बुद्धिमान हो सकता है और हम कभी-कभी गलत साबित होते हैं. अगर कोई हिंदी या उर्दू बैकग्राउंड वाला है, तो उसे खुद को योग्य साबित करने में 10 मिनट लगते हैं. अब मुझसे इंग्लिश की क्लास में भी कई बच्चे कहते हैं कि आप नोट्स अंग्रेजी को दे दो, लेकिन समझाओ हिंदी में ही क्योंकि हमें हिंदी में अच्छे से समझ आता है.
विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि यदि कोई बच्चा आत्महत्या करके मरता है, तो समाज उसे मार रहा है. माता-पिता को समाज अपना एजेंट बनाता है, उनका अपना दबाव होता है. उन्हें यह समझना होगा कि अगर वे अपने बच्चे पर दबाव डालते हैं तो वे अच्छे माता-पिता नहीं बन रहे हैं. माता-पिता को ट्रेनिंग की जरूरत है.
विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि मैं आपको एक किस्सा सुनाता हूं. एक बार एक लड़की मेरे पास आई और मुझे बताया कि उसके साथ बलात्कार हुआ है, उसने मुझसे कहा कि मैं अपने माता-पिता को छोड़कर बाकी दुनिया के साथ घटना शेयर कर सकती हूं. मैं यह सुनिश्चित करने के लिए एक पुलिस अधिकारी बनना चाहता हूं कि ऐसा किसी और के साथ न हो. वो लड़की आज आईपीएस है.
दृष्टि IAS के सीईओ, फाउंडर व एमडी डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि खुद को कभी सीरियस नहीं लेना चाहिए. मैं किसी का भविष्य बनाता हूं ऐसा नहीं है, मैं सिर्फ पढ़ाता हूं. मैं केवल छात्रों को आईएएस में शामिल होने के लिए सक्षम कर रहा हूंय
प्रोफेसर महमूद ममदानी ने कहा कि अमेरिकियों ने पूर्वी यूरोप और जर्मनी में नाजी राजनीतिक परियोजना को रिप्रोड्यूस किया. मैं नाजी प्रोजेक्ट को असाधारण नहीं बनाने के लिए सावधान करूंगा. यह जर्मनी को शुद्ध करने के लिए था, जर्मनी को सभी अल्पसंख्यकों से छुटकारा दिलाने के लिए था. पहले अल्पसंख्यक यहूदी थे, लेकिन वे केवल अल्पसंख्यक नहीं थे, अन्य भी थे. जब नाजी पार्टी हार गई और अमेरिकी आए और नूर्नबर्ग परीक्षण आयोजित किए गए, तो नाजियों की राजनीतिक परियोजना पर कोई सवाल ही नहीं था, उन्होंने व्यक्तिगत नाजियों की पहचान करना शुरू कर दिया, जिन्होंने युद्ध अपराध किए थे.
महमूद ममदानी ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हम इतिहास के कैदी हैं, लेकिन मुझे लगता है कि हम इतिहास से आकार लेते हैं. यहां विकल्प हैं. दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद विरोधी संगठन थे. आपके पास अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस, गांधी की भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, रंगीन लोगों की कांग्रेस और लोकतंत्रवादियों की कांग्रेस थी. दिलचस्प बात ये है कि उन सभी ने अपनी विशेष जाति को संगठित किया, उन्होंने रंगभेद की राजनीतिक को स्वाभाविक रूप से स्वीकार किया जो 1970 के दशक तक सच थी. 1970 में स्टीव बीको आते हैं. उन्होंने कहा कि काला कोई रंग नहीं है, काला एक अनुभव है. यदि आप दलित हैं, तो आप काले हैं और स्टीव भारतीयों, अश्वेतों और अफ्रीकियों के बीच की नस्लीय दीवारों को तोड़ते हैं.
प्रसिद्ध लेखक, कंपाला इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, युगांडा के चांसलर प्रोफेसर महमूद ममदानी ने कहा कि मैं युगांडा में पला बढ़ा हूं. एक प्रवासी के रूप आप न पूरी तरह से अंदर के व्यक्ति होते हो न बाहरी, और इससे काफी फायदा मिलता है. उन्होंने कहा कि आप दूसरों की आलोचना कर सकते हो, लेकिन समझदारी ये कहती है कि पहले आप अपने आपको भी देंखे.
एबीपी नेटवर्क के आइडियाज ऑफ इंडिया 2023 कार्यक्रम में अब अगले मेहमान भारतीय मूल के प्रसिद्ध लेखक, कंपाला इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, युगांडा के चांसलर महमूद ममदानी अपने विचार रखते नजर आएंगे.
सुवनकर सेन ने कहा कि हम हैंडीक्राफ्ट कारीगर के साथ बहुत करीब से काम कर रहे हैं. हम उनको टेक्नोलॉजी के साथ तैयार कर रहे हैं. हम उनकी हेल्थ, उनके परिवार का ध्यान रख रहे हैं, वे हमारे लिए बहुत जरूरी हैं.
सेंको गोल्ड एंड डायमंड्स के एमडी और सीईओ सुवनकर सेन ने कहा कि जब मैंने पढ़ाई खत्म करने के बाद पिता के साथ काम करना शुरू किया तब कंपनी का 100 करोड़ का टर्नओवर था. इसके बाद हमने एक विजन पर खूब मेहनत की. हम ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों तक गए और आज ये 3000 करोड़ के पार पहुंच गया है.
गैलेंट ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक चंद्र प्रकाश अग्रवाल ने एबीपी के मंच पर कविता सुनाई.
5 ट्रिलियन इकॉनमी के लक्ष्य में इंडस्ट्रीज का क्या रोल है? इसपर चंद्र प्रकाश अग्रवाल ने कहा कि हम जानते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश रहा है. लेकिन हमें ये भी जान लेना चाहिए कि कृषि की एक सीमा है. अगर हम 5 ट्रिलियन इकॉनमी के लक्ष्य तक पहुंचना चाहते हैं तो उसमें इंडस्ट्रीज का ही अहम रोल है. ऐसा होने से लोगों की जीवनशैली में भी बहुत सुधार हो जाएगा. उन्होंने कहा कि आज हमारे पास अच्छी सड़कें हैं, अच्छा नेटवर्क है.
गैलेंट ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक चंद्र प्रकाश अग्रवाल ने अपने सफर की कहानी बताते हुए कहा कि मैंने 1 लाख रुपये के लोन से शुरूआत की थी. उस वक्त एक व्यक्ति ही मेरा सारा काम देखता था बाकी दो-चार वर्कर थे.
मशहूर अभिनेता गुलशन ग्रोवर ने संजीव जुनेजा से पूछा कि आपकी कंफर्ट जोन आयुर्वेदिक प्रोडक्ट, लेकिन पहली बार आपने इस जोन से बाहर एक प्रोडक्ट लॉन्च किया है जिसका नाम है बैडमेन, इसमें फेसवाश, क्रीम और कई चीजें हैं. इसपर क्या कहेंगे. संजीव जुनेजा ने कहा कि मुझे लगता था कि बैडमेन शब्द में बहुत अपील है और इसलिए हम ये प्रोडक्ट लेकर आए हैं.
आपकी सिर्फ सफलता की चर्चा होती है, ब्रैंड को शिखर तक ले जाने की यात्रा कैसी थी? इसपर संजीव जुनेजा ने कहा कि आपके प्रोडक्ट से रिजल्ट आना चाहिए तभी वो ब्रांड बनेगा. इसके बाद आपको केटेगरी देखनी पड़ती है. हमेशा एक प्रोडक्ट से शुरूआत करनी चाहिए. प्रॉडक्ट भी महत्वपूर्ण है और उसकी मार्केटिंग भी.
आपने अपने प्रॉडक्ट का नाम 'केश किंग' क्यों रखा? इसपर SBS ग्रुप ऑफ कंपनीज के फाउंडर संजीव जुनेजा ने कहा कि लड़कियां जो हैं वो किंग को स्वीकार कर लेती है. लड़कों को अगर केश क्वीन लगाना पड़ता तो उनका ईगो हर्ट हो जाता है. तो इसलिए इस नाम को चुना गया था.
संजीव जुनेजा ने बताया कि वे खुद की कंपनी के प्रतिनिधि बनकर डिस्ट्रिब्यूशन मार्केट में जाते और ये मुश्किल भी था. उस वक्त बालों की हेल्थ को लेकर इतनी बात नहीं होती थी जबकि ये हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है. बालों की समस्या बहुत आम है. आपको अपना मौका खोजना पड़ता है. तो मुझे लगा था कि इस नई केटेगरी पर काम करना चाहिए और बालों को लेकर हमने युर्वेदिक प्रोडक्ट बनाए.
एसबीएस ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक संजीव जुनेजा ने अपनी सफलता की कहानी बताई. उन्होंने कहा कि 2003 में अंबाला से काम शुरू किया था. मेरे पिता डॉक्टर थे तो हमने आयुर्वेदिक प्रोडक्ट बनाए. उसके बाद खुद सामान बेचा. 2008 तक बाजार को सीखा-जाना. 2010 के आसपास हमारे प्रोडक्ट मशहूर होने शुरू हुए. उन्होंने कहा कि आप कभी भी आखिरी पायदान से शुरूआत नहीं कर सकते. आपको एक-एक कदम रखना होता है तभी कामयाबी मिलती है.
एबीपी नेटवर्क के आइडियाज ऑफ इंडिया 2023 कार्यक्रम में अब अगले मेहमान एसबीएस ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक संजीव जुनेजा, गैलेंट ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक चंद्र प्रकाश अग्रवाल और सेंको गोल्ड एंड डायमंड्स के एमडी और सीईओ सुवनकर सेन 'कल की अर्थव्यवस्था का निर्माण' विषय पर अपने विचार रखते नजर आएंगे.
मशहूर तबला वादक बिक्रम, शास्त्रीय संगीत की गायिका शुभा मुद्गल, अमान अली बंगश, अयान अली बंगश ने एबीपी के मंच पर शानदार प्रस्तुति दी.
मशहूर तबला वादक बिक्रम घोष ने कहा कि भारतीय संगीत कॉसमॉस से कनेक्ट करता है, भारतीय संगीत एक दर्शन है. भारतीय संगीत बहुत अच्छा इतिहास है. इसमें जीवन का सार है. हम रिदम को ताल की तरह सोचते हैं.
गायिका शुभा मुद्गल ने कहा कि एक आर्टिस्ट को इस बात से बहुत खुशी होती जब कोई कहता है कि आपके गाने से मेरी आंखों में आंसू आ गए, या हमारा नाचने का मन कर रहा है. इससे मुझे अपनी पीठ पर थपथपी मिलती है और मेरा और बेहतर करने का मन करता है.
म्युजिशियन क्लासिकल पर काम करते हैं, वे ज्यादा विनम्र होते हैं या पॉप म्युजिशियन, इसपर म्यूजिशियन अमान अली बंगश ने कहा कि किसी भी संगीतकार को जिंदगी में आगे उनका व्यवहार लेकर जाता है. आप जितने विनम्र और जमीन से जुड़े होंगे, उतने ही आगे जाएंगे.
म्यूजिशियन अयान अली बंगश ने कहा कि संगीत बताता है कि आप किस नेचर के हैं. आप इस फील्ड में आखिरी दिन स्टूडेंट ही होते हैं. म्यूजिक बता सकता है कि आपका मूड कैसा है. म्यूजिक आपको मोटिवेट करता है.
मशहूर तबला वादक बिक्रम घोष ने कहा कि रिदम हमारे अंदर भी होती है. संगीत की हीलिंग पॉवर है. संगीत से पॉजिटिविटी आती है.
गायिका शुभा मुद्गल ने कहा कि हमने पिछले 2 साल में बहुत बुरा समय देखा है. मैं काफी बीमार भी थी, मरते-मरते बची. लेकिन ये संगीत था जिसने मुझे हिम्मत दी. संगीत किसी भी तरह का सुकुन, शांति देता है.
एबीपी नेटवर्क के आइडियाज ऑफ इंडिया 2023 कार्यक्रम में अब अगले मेहमान मशहूर तबला वादक बिक्रम घोष होंगे. उनके साथ हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की गायिका शुभा मुद्गल, अमान अली बंगश, अयान अली बंगश भी साथ होंगे.
इस सवाल पर इंडियन फिल्म मेकर मीरा नायर ने कहा, "मैंने एक स्टेज एक्टर के तौर अपनी शुरुआत की. थिएटर की वजह से मैं परफॉर्म कर पाई. ओडिशा में जात्रा परफॉर्म करने से मुझे आइडिया मिला और बादल सरकार के काम करने के लिए कोलकाता आई. फिर मुझे स्कॉलरशिप में मिली और मैं यूएस चली. मुझे वहां कई लोगों के आइडिया से सीख मिली. फिर मैंने डॉक्यूमेंट्री करनी शुरू की. उनके बाद मेरी पहली फिल्म सलाम बॉम्बे मुक्कमल हुई."
कॉमेडियन कपिल शर्मा के साथ फिल्म करने को लेकर नंदिता दास ने कहा, "उनका शो मैंने कभी नहीं देखा, लेकिन जब वह और करण जौहर किसी इवेंट होते थे, तो मैंने उन्हें देखा और सोचा कि ये तो एक सामान्य व्यक्ति की तरह दिखते हैं. फिल्म इंडस्ट्री में कुछ ऐसे लोग हैं जो वास्तव में अभिनेताओं की तरह दिखते हैं या कुछ ऐसे हैं जो नहीं हैं. लोग मेरे से पूछते हैं कि कैसे कपिल शर्मा को कास्ट किया लेकिन मुझे उनके बारे में कोविड के दौर में पता चला था."
"मैं एक झिझकने वाली एक्ट्रेस थी. फिल्म 'फिराक' मेरी पहली मूवी थी, जो साल 2002 में गुजरात नरसंहार के बाद रिलीज हुई थी. पहली बार हमने टीवी पर उस हिंसा की तस्वीरें देखीं. जो मुझे सबसे ज्यादा दिलचस्प लगा वह यह था कि जब हिंसा खत्म हो जाती है, तो वह सब कुछ जो जारी रहता है."
इंडियन फिल्म मेकर मीरा नायर ने कहा, "मैंने थियेटर से अपने करियर की शुरुआत की थी. धीरे-धीरे डॉक्युमेंट्री बनाना शुरू किया. सलाम बॉम्बे मेरी पहली डॉक्युमेंट्री थी. ये मेरे लिए जीने मरने जैसी थी. मुझे कोई नहीं जानता था, किसी के पास मेरे लिए पैसा नहीं था. इस फिल्म के लिए मेरे पास पैसा नहीं था. फिल्म को बनाने के लिए मैंने इस फिल्म को बनाने में स्ट्रीट चिल्ड्रेन की मदद की. मैंने बॉम्बे की सड़को पर शूटिंग की. यह मेरे लिए काफी मुश्किल था. जैसे तैसे हमने शूटिंग पूरी की."
एबीपी नेटवर्क के आइडियाज ऑफ इंडिया 2023 कार्यक्रम के मंच पर अब एक्ट्रेस नंदिता दास और इंडियन फिल्म मेकर मीरा नायर हैं.
ओला कैब्स के मालिक भाविश अग्रवाल ने कहा, "कोरोना के बाद सोफ्टवेयर सेक्टर दुनियाभर में तेजी से बढ़ा है. लोग कहते हैं AI से नौकरियों को खतरा है लेकिन ऐसा नहीं है. 30 साल पहले जब कंप्यूटर आया था तब भी ऐसा कहा जाता था."
ओला के CEO भाविश अग्रवाल ने कहा, "मुझे पैसा नहीं बनाना है. मेरा सपना मेरा मोटिवेशन देश को आगे बढ़ाना है. दुनिया और देश को बदलना मेरा उद्देश्य है. ओला के जरिए देश में ट्रांसफॉर्मेशन लाना है. हम कर्मचारियों से सिर्फ 9 से 5 नौकरी नहीं कराते. ओला एक कल्चर है. शेयरधारकों के प्रति भी मेरी जिम्मेदारी है. उन्होंने मुझपर भरोसा करके हमारे कंपनी में निवेश किया है. "
ओला कैब्स के सीईओ भाविश अग्रवाल ने एबीपी न्यूज के कार्यक्रम में कहा, "मेरा धर्म है भविष्य के लिए तकनीक आधारित बिजनेस बनाना है. हम पूरे देश में अपने बिजनेस का विस्तार कर रहे हैं ऐसा नहीं है किसी-किसी शहर में. आगे हमारे कई प्रोडक्ट मार्केट में आएंगे. बाइक और गाड़ी भी आएगी. फास्ट चार्जिंग नेटवर्क पर ध्यान दे रहे हैं. आज देशभर में 70 हजार पेट्रोल पंप है लेकिन चार्जिंग स्टेशन उसके 1/5 भी नहीं है क्योंकि हर कोई घर में ही गाड़ी चार्ज कर सकता है."
भाविश अग्रवाल ने बताया, "शुरू से मन में था कि खुद का धंधा करना है. 2010 में ओला की शुरुआत की. तब ओला सिर्फ एक वेबसाइट थी. 1000 रुपये में ओला का डोमेन खरीदा. प्रचार के लिए दिल्ली में अपनी कंपनी के पेंपलेट बांटता था. लोग तब बोलते थे कि हमें टूर नहीं गाड़ी चाहिए. तब हमने Ola Tour का नाम बदलकर Ola Cab कर दिया. तब घरवालों को मेरा आईडिया समझ नहीं आया था. तीन साल पहले ही इलेक्ट्रिक ओला स्कूटर की शुरुआत की. अगले साल हमारी इलेक्ट्रिक कार भी आएगी, जो दुनियाभर में बड़ी-बड़ी कंपनियों को टक्कर देगी. साथ ही हम लिथियम पर भी काम कर रहे हैं."
ओला कैब्स के सीईओ भाविश अग्रवाल ने कहा, "मैं लुधियाना से हूं. मिडल क्लास से आता हूं. कभी लाइफ में बहुत पैसा बनाने के बारे में नहीं सोचा था. कोटा से पढ़ा लिखा हूं. दो साल वहां रहा. फिर लुधियाना आ गया. खुद को कमरे में बंद कर लिया और एक साल जमकर पढ़ाई की. मेरा बॉम्बे IIT में सेलेक्शन हो गया. मैंने सीखा कि अगर दिल में कुछ करने की इच्छा है तो आप कर सकते हैं."
आइडियाज ऑफ इंडिया 2023 के मंच पर अब ओला कैब्स के सीईओ भाविश अग्रवाल पहुंच गए हैं. वह अपने ओला के नए इलेक्ट्रिक स्कूटर पर सवार होकर मंच पर पहुंचे.
दंगों पर क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट आशीष नंदी ने कहा, 'क्रूर हिंसा तब होती है जब दो पक्ष अजनबी नहीं होते बल्कि एक-दूसरे के बहुत करीब होते हैं. पंजाब में हिंदू और मुस्लिम बहुत ही आपस में जुड़े हुए थे जहां घनिष्ठता और निकटता थी. मेरे लिए हर कोई एक संभावित हत्यारा है और हर कोई एक संभावित शिकार है."
आइडियाज ऑफ इंडिया 2023 कार्यक्रम में क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट आशीष नंदी ने कहा, "मनोरोगी अक्सर मानसिक रोगी होते हैं. पीड़ित बताते हैं कि वह किसके शिकार हुए हैं. हमें पीड़ितों को इस बारे में सचेत करना चाहिए कि वे केवल पीड़ित नहीं हैं, बल्कि एक सेंस हैं. जब तक उन्हें इस बात का ज्ञान न हो जाए कि हत्या करके कोई बच नहीं सकता है."
समाजशास्त्री और मनोवैज्ञानिक आशीष नंदी ने कहा, "हिंसा ने देश को भारी नुकसान पहुंचाया है. हत्यारों पर हिंसा भारी पड़ी है. आम लोगों को किसी की हत्या के लिए तैयार नहीं किया जाता. बंटबारे के दौरान हिंसा का अध्ययन किया. कई हत्यारों से मिला. 20-25 सालों में मैं केवल एक ऐसे हत्यारे से मिला हूं जो मुझे एक आम कामकाजी व्यक्ति लगा था, बाकी अलग-अलग तरह के हत्यारे थे. कुछ ऐसे थे जिन पर हमला किया गया और उन्होंने पलटवार किया. उन्होंने विरोध किया. बाकी सभी मानसिक रूप से कमजोर थे. वे अपने अतीत के साथ जी रहे हैं और उनमें से कई बहुत खुशहाल जीवन नहीं जी पाए."
एबीपी नेटवर्क के आइडियाज ऑफ इंडिया 2023 कार्यक्रम में अब समाजशास्त्री आशीष नंदी मंच पर हैं.
मोशन एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर नितिन विजय (NV सर) ने कहा, "कोटा बच्चों को 14 से 15 घंटे रोजाना अनुशासन के साथ काम करना सीखाता है. इसलिए कोटा से निकले 95 फीसदी बच्चे जीवन में सफल होते हैं. संघर्ष कर्म से आता है. जीवन में संघर्ष से प्रेम करना सीखना चाहिए. दुख अलग होता है. संघर्ष एक यात्रा है. बच्चे को समझाना चाहिए कि हमें सेलेक्शन की तरफ नहीं भागना चाहिए. हमें संघर्ष पर ध्यान देना चाहिए."
मोशन एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड के एनवी सर ने कहा, "मैं कोटा से पढ़ा लिखा हूं. टॉपर में से टॉपर तो हर कोई निकाल लेता है. मेरा कहना है कि हमें एवरेज छात्र में से भी एक कामयाब छात्र निकालना चाहिए. फर्स्ट ईयर से ही मैंने सोच लिया था कि मुझे शिक्षक बनना है. एक समय आया जब 2000 बच्चे मेरे के बाहर खड़े हो गए, कहने लगे कि मुझसे ही पढ़ेंगे. फिर मैंने उनसे कहा फीस भी आप ही डिसाइड कर लीजिए. हालांकि बाद में मैंने इतनी छूट नहीं दी. आज हमसे 30 हजार बच्चे पढ़ते हैं. 15 हजार कोटा में पढ़ते हैं. ढाई हजार शिक्षक उन्हें पढ़ाते हैं. "
आइडियाज ऑफ इंडिया 2023 के मंच पर अब मशहूर लेखक चेतन भगत और NV सर हैं.
लेखक अमिताव घोष ने कहा, "जलवायु परिवर्तन का सबसे ताजा उदाहरण है अरब सागर तेजी से गर्म हो रहा है, बंगाल की खाड़ी भी तेजी से गर्म हो रहा है लेकिन अरब सागर और भी तेजी से गर्म हो रहा है. आपने देखा होगा कि पिछले 10 सालों में अरब सागर में कई चक्रवात आए हैं. क्या होगा अगर कोई मेजर चक्रवात मुंबई से टकराए. मुंबई के पास बिल्कुल भी सुरक्षा नहीं है. अगर कोई बड़ा चक्रवात मुंबई से टकराता है, तो यह विनाशकारी होगा."
अमिताव घोष ने कहा, "दुनिया में जलवायु परिवर्तन के साइन दिखने शुरू हो गए हैं. अगर साइक्लोन इसी तरह से आते रहे और किसी दिन हिंद महासागर से शुरू हुआ साइक्लोन सीधे मुंबई से टकराया तो इस शहर में रहने वाली आबादी खत्म हो जाएगी. क्योंकि इतनी अधिक आबादी को रेस्क्यू कर पाना संभव नहीं होगा. अगर सरकार लोगों को निकलने के लिए कहती भी है तब भी कुछ लोग वहां से वापस नहीं निकलना चाहेंगे क्योंकि उनकी पूरी पूंजी उसी शहर में लगी हुई है."
उन्होंने कहा, "Capitalism बाजार की अब तक की सबसे बड़ी विफलता है. आप जलवायु परिवर्तन के बारे में जानते हैं. आप वास्तव में उन लोगों से कैसे उम्मीद कर सकते हैं जिनसे कहा जाता है कि आपको अपने लिए पैसा कमाने पर ध्यान देना चाहिए. शेयरधारक पर्यावरण और धरती की परवाह नहीं करते हैं. बहुत सारे पूंजीपति बहुत सारे ग्रीनवाशिंग (greenwashing) की बात करते हैं."
लेखक अमिताव घोष ने कहा, 'जलवायु परिवर्तन के साथ मुश्किल यह है कि जलवायु परिवर्तन अचानक नहीं प्रकट आता है बल्कि ये धीमी हिंसा की तरह आता है. दुर्भाग्य से काफी समय तक इसपर किसी का ध्यान नहीं गया."
अमिताव घोष ने कहा, लोग जलवायु परिवर्तन पर बात करने से बचते हैं, उनको लगता है कि इस पर बात करना मौत की बात करने जैसा है. इसलिए लोग इससे बचते हैं.
लेखक अमिताव घोष ने कहा, "जलवायु परिवर्तन वास्तविक है जैसे मृत्यु वास्तविक है."
लेखक अमिताभ घोष अब एबीपी नेटवर्क के 'आइडियाज ऑफ इंडिया' मंच पर हैं. अमिताभ घोष जलवायु परिवर्तन पर बात कर रहे हैं.
इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने कहा, "अगर आप किसी संगठन की संस्कृति का निर्माण करना चाहते हैं, तो वह संस्कृति निर्माण तभी संभव है जब हम सभी एक साथ आएं. इसलिए मैं वर्क फ्रॉम होम के पक्ष में नहीं हूं."
नारायण मूर्ति ने आंत्रप्रेन्योर्स को एक सलाह दी है. उन्होंने कहा कि मेरी आंत्रप्रेन्योर्स को सलाह है कि वो देश के किसी भी कोने से ऑपरेट कर रहे हों, उन्हें सरकार की फंडिंग पर अपनी निर्भरता कम करनी होगी, वर्ना उनका कारोबारी दायरा सीमित हो जाएगा और ऐसी स्थिति में वो हताश हो सकते हैं. जैसा कि हम जानते हैं कि सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी हो जाती है तो ऐसे समय में उनका टैलेंट बेकार नहीं जाना चाहिए.
नारायण मूर्ति ने कहा, "कुछ साल पहले तक भारत आने वाले सभी निवेशक आसानी से पैसा बना लेते थे. वह भारत में बड़ा निवेश करना चाहते थे. आज वो फंडिंग नहीं आती है. आज के एंटरप्रेन्योर्स को यह महसूस करना होगा कि बाजार में फंडिंग की सीमा बढ़ गई है"
भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर इकनॉमी बनने में स्टार्टअप्स का क्या योगदान रहेगा या नए आंत्रप्रेन्योर का भारत की तरक्की में क्या योगदान रहेगा, इस सवाल पर नारायण मूर्ति ने कहा, जब 1981 में हमने इंफोसिस की स्थापना की तो बहुत से इंजीनियर जिसमें आईआईटी के छात्र भी थे, इस आंत्रप्रेन्योरशिप का हिस्सा बने. आजकल के आंत्रप्रेन्योर्स के सामने ये चुनौती है कि वो ऐसे अनोखे आइडियाज पर काम करें जो दुनिया के किसी क्षेत्र में पहले ना लाए गए हों.
इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने कहा, "देश के लिए और हमारे उद्योगपतियों के लिए मेरी इच्छा है कि वे उन विचारों पर काम करना शुरू करें जिनके बारे में दुनिया में कहीं और नहीं सोचा गया है. उन्हें हमारी समस्याओं के बारे में सोचना चाहिए. इससे हम दुनिया में सबसे पहले शुरुआत करेंगे."
इंफोसिस के संस्थापक और अध्यक्ष नारायण मूर्ति एबीपी नेटवर्क के कार्यक्रम आइडियाज ऑफ इंडिया 2023 के मंच पर आ गए हैं. नारायण मूर्ति ने कहा, "हम सभी चाहते हैं कि भारत को एक ऐसे देश के रूप में जाना जाए जिसने वसुधैव कुटुम्बकम, सर्वे भवंतु सुखिनः कहते हुए सदियों पुरानी संस्कृत का प्रतीक माना. भारत का नेतृत्व असाधारण सिद्धांतों पर आधारित होना चाहिए."
एबीपी नेटवर्क के आइडियाज ऑफ इंडिया समिट 2023 का दूसरा दिन शुरू हो गया है. दो दिवसीय कार्यक्रम मुंबई के ग्रैंड हयात में हो रहा है.
एबीपी नेटवर्क के कार्यक्रम आइडियाज ऑफ इंडिया 2023 को एबीपी न्यूज चैनल पर देखने के साथ ही यूट्यूब लिंक पर भी देखा जा सकता है.
'आइडियाज ऑफ इंडिया 2023' कार्यक्रम के दूसरे दिन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति, लेखक अमिताभ घोष, साइकोलॉजिस्ट आशीष नंदी, एक्ट्रेस कृति सेनन, यामी गौतम समेत तमाम हस्तियां अपने विचार साझा करते हुए दिखाई देंगे.
एबीपी नेटवर्क के खास कार्यक्रम 'आइडियाज ऑफ इंडिया' के दूसरे एडिशन का आज दूसरा दिन है. कुछ ही मिनट में यह शिखर सम्मेलन मुंबई के ग्रैंड हयात में शुरू हो जाएगा.
बैकग्राउंड
Ideas of India Summit 2023 Live: एबीपी नेटवर्क के दो दिवसीय कार्यक्रम 'आइडियाज ऑफ इंडिया समिट 2023' का आज दूसरा दिन है. इस साल सम्मेलन का थीम 'नया इंडिया: लुकिंग इनवर्ड, रीचिंग आउट' है. कार्यक्रम में तमाम मशहूर हस्तियां एक ही मंच पर अपने विचार रखेंगे. 'आइडियाज ऑफ इंडिया समिट 2023' दूसरा एडिशन है, जो मुंबई के ग्रैंड हयात में आयोजित हो रहा है.
'आइडियाज ऑफ इंडिया समिट 2023' में पहले दिन (24 फरवरी) ब्रिटेन की पूर्व पीएम लिज ट्रस, अश्विनी वैष्णव, आरएसएस के सर कार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल, जावेद अख्तर, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, मुंबई के सीएम एकनाथ शिंदे, पंजाब के सीएम भगवंत मान ने शिरकत की. आज दूसरे दिन (25 फरवरी) केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, इन्फोसिस के संस्थापक और अध्यक्ष नारायण मूर्ति, लेखक अमिताभ घोष, साइकोलॉजिस्ट आशीष नंदी, एक्ट्रेस कृति सेनन, यामी गौतम समेत तमाम हस्तियां एबीपी न्यूज के खास कार्यक्रम में शिरकत करेंगे.
आइडियाज ऑफ इंडिया समिट ऐसे समय में हो रहा है, जब दुनिया में भू-राजनीतिक तनाव का दौर चल रहा है. 24 फरवरी को रूस-यूक्रेन युद्ध के एक साल पूरे हो गए. अगले साल भारत में लोकसभा चुनाव हैं. ऐसे वक्त में एबीपी का यह शिखर सम्मेलन देश के कई सवालों का जवाब देगा. भारत इस समय इतिहास में कहां खड़ा है, महामारी के बाद के बदलाव, नई कॉर्पोरेट संस्कृति जैसे विषयों पर चर्चा होगी.
एबीपी नेटवर्क आइडियाज ऑफ इंडिया समिट 2023 को ABP Live You Tube पर लाइव-स्ट्रीम किया जाएगा. इसके साथ ही आइडियाज ऑफ इंडिया समिट के सत्र एबीपी नेटवर्क के चैनल पर भी प्रसारित किए जाएंगे.
आइडियाज ऑफ इंडिया समिट के ताजा अपडेट और हाइलाइट्स को एबीपी लाइव के सोशल मीडिया हैंडल पर भी देखा जा सकता है. facebok, twitter, instagram
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