Ideas of India Highlights: 'एबीपी न्यूज 'आइडिया ऑफ इंडिया समिट' 2024 खत्म, थरूर-उमर अब्दुल्ला से लेकर करीना तक किसने क्या कहा?
Ideas of India Summit 2024 Highlights: आइडिया ऑफ इंडिया कार्यक्रम का शनिवार को दूसरा दिन है. आज ब्रिटेन की पूर्व गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन, सुप्रीम कोर्ट के वकील गोपाल शंकरनारायण ने हिस्सा लिया.
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "जब नए गठबंधन बनते हैं, तो बीजेपी ईडी, आईटी और सीबीआई का उपयोग करके सरकार गिरा देती है. यदि इन एजेंसियो की जांच पर नजर डालें तो लगभग 97 फीसदी विपक्ष से संबंधित नेता हैं. अशोक चव्हाण को क्लीन चिट मिल गई. वह कांग्रेस पार्टी में 40 साल से थे. जिस व्यक्ति पर बीजेपी आदर्श घोटाले का आरोप लगा रही थी, वही व्यक्ति 24 घंटे के भीतर राज्यसभा उम्मीदवार बन जाता है."
बीजेपी सांसद पूनम महाजन ने कहा, "प्रियंका चतुर्वेदी शिवसेना के बारे में बात करती हैं. उन्हें क्या पता साल 2014 में शिवसेना ने क्या किया. 2019 में शिवसेना ने क्या किया. उस समय उद्धव ठाकरे से 50-50 फीसदी की बात हुई थी."
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "देश ने ऐसे समय भी देखे हैं, जब लोकप्रिय प्रधानमंत्रियों की हार हुई है. आपातकाल के बाद इंदिरा गांधी हार गईं थी और इंडिया शाइनिंग के बाद अटल बिहार वाजपेयी हार गए थे."
बीजेपी सांसद पूनम महाजन ने कहा, "मोदी की गारंटी, वह गारंटी है, जो पिछले 10 सालों से आजमाई और सफल रही, इसलिए लोग इसका समर्थन करना चाहते हैं. इस दौरान 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं, महिलाओं को डायरेक्ट बैंक खाते में पैसा मिल रहा है."
अभिनेत्री शोभिता धूलिपाला ने कहा, "मैं एक अजीब बच्ची थी... मैं अभी भी बेवकूफ हूं. एक बच्चे के रूप में, मैं वास्तव में शर्मीली थी, मैं डरपोक थी. मैं लोगों से घुलना-मिलना चाहती थी, लेकिन मुझमें आत्मविश्वास नहीं था, इसलिए मैं किताबों, शिल्पों और उन चीज़ों के नजदीक आने लगी जिसके लिए सामाजिक संपर्क की जरूरत नहीं है."
एक्ट्रेस करीना कपूर ने अपने पति सैल अली खान के साथ अपने बॉन्डिंग को लेकर कहा, "हम एक-दूसरे को परेशान करते हैं. एक-दूसरे को खाना खिलाते हैं. अगर सैफ गुस्से में होते हैं, तो मैं शांत रहती हूं. अगर मैं गुस्से में होती हूं तो वह मुझे शांत करने की कोशिश करते हैं."
इला अरुण ने कहा, "मुझे हमेशा लोक गीतों के लिए बुलाया गया है. मुझे अपने लोक गीतों का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला है. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि लोक बना रहेगा, क्योंकि यह निचले तबके से आता है. मुख्यधारा अपनी आवश्यकताओं और आवश्यकताओं के अनुसार चीजों को अपनी सामग्री में जोड़ सकती है, लेकिन लोक अलग है. यह समाज की अभिव्यक्ति है."
इला अरुण का पालन-पोषण राजस्थान के जयपुर में हुआ और वह लोक संस्कृति से जुड़ी रही हैं. उन्होंने कहा, "मैं आज जो कुछ भी हूं वह अपनी संस्कृति के कारण हूं. मैंने अपनी संस्कृति से जो कुछ भी सीखा है उसका सम्मान किया है."
एडवरटाइजिंग फिल्म्स के निदेशक प्रसून पांडे ने आइडिया ऑफ इंडिया के बारे में कहा, "हमें भारत के विचार को विकसित करना होगा, क्योंकि मुझे संदेह है कि क्या किसी अन्य देश में इतनी समृद्ध संस्कृति है."
संजय झा ने कहा, "महाराष्ट्र के साथ धोखा हुआ. लोगों ने एक खास पार्टी को वोट दिया, लेकिन सत्ता किसी और पार्टी के पास चली गई. ऑपरेशन लोटस ने चुनावी राजनीति को विधायकों के स्टॉक एक्सचेंज में बदल दिया. यह लोकतंत्र का मजाक है."
आईडिया ऑफ इंडिया में संजय कुमार ने कहा, "बीजेपी इस चुनाव में अच्छी स्थिति में है. बीजेपी 400 सीटों पर जीतने की बात कह रही है और इसलिए नीतीश कुमार जैसे नेताओं को अपने पाले में वापस ले रही है."
प्रदीप गुप्ता ने लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी के गणित को समझाते हुए कहा, "चार राज्यों तमिलनाडु, केरल, आंध्र और पंजाब में एनडीए ने पिछली बार सिर्फ 5 सीटें जीती थीं. इन राज्यों में एनडीए के लिए सबसे ज्यादा गुंजाइश है."
सीएस घोष ने कहा, "किसी भी तरह के विकास के लिए स्थिरता की जरूरत होती है. चैरिटी खुद को कायम नहीं रख सकती. बंधन बैंक टिकाऊ तरीके से कारोबार करता है. जब भी हमें सरप्लस मनी मिलता है, हम उसे सीएसआर गतिविधियों के लिए दे देते हैं. हम इसे अन्य बैंकों की तुलना में बड़े पैमाने पर करते हैं."
बंधन बैंक के एमडी और सीईओ चंद्र शेखर घोष ने कहा, "आजकल कुछ लोग जानबूझकर आधार और अन्य दस्तावेजों की नकल कर रहे हैं. इस तरह की नकल की पहचान करने के लिए बंधन बैंक में एक बैक-एंड सिस्टम है. यदि ऐसा कोई मामला पाया जाता है, तो उस व्यक्ति को खाता देने से इनकार कर दिया जाएगा, लेकिन हमारे अधिकांश ग्राहक वफादार और ईमानदार हैं."
बंधन बैंक के एमडी और सीईओ चंद्र शेखर घोष ने कहा, "बंधन बैंक की शुरुआत महिलाओं में विश्वास पर आधारित एक एनजीओ के रूप में हुई थी. हमने महिलाओं को कर्ज देकर उन्हें कमाने, सशक्त बनाने और रोजगार पैदा करने में सक्षम बनाया. हमने पाया कि कम आय वर्ग की महिलाओं के पास वित्त तक पहुंच नहीं थी, इसीलिए हमने उन्हें छोटे कर्ज दिए ताकि वे सशक्त हों. वे ईमानदार थे, हमें दिए गए कर्ज में से 99 फीसदी वापस मिल गए."
विनय सीतापति ने कहा, "पूर्व पीएम नरसिम्हा राव ने उस समय संसद में जिस तरह की सरकार चलाई थी, वह बहुत अलग स्थिति थी. यह एक गलती है कि कांग्रेस ने उन्हें भारत रत्न नहीं दिया और बीजेपी ने दिया."
प्रो. विनय सीतापति ने कहा, "पिछले दशक में भारत में विकास को लेकर चीजें स्पष्ट है. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि विकास केवल बीजेपी शासित राज्यों में ही नहीं है, बल्कि अन्य राज्यों में भी हुआ है. पीएम मोदी एकमात्र प्रतिभाशाली व्यक्ति हैं, जो कहते हैं कि यह केवल एक व्यक्ति, एक पार्टी है, जिसने सभी काम किए हैं.''
विनय सीतापति ने कहा, "पूर्व पीएम इंदिरा गांधी और पीएम नरेंद्र मोदी में अंतर है. दोनों नेता बहुत लोकप्रिय रहे हैं. इंदिरा गांधी ने सिंडिकेट से नाता तोड़कर पार्टी बनाई. इंदिरा गांधी ने खुद को पार्टी से बड़ा बनाया. जबकि पीएम मोदी का नाम उनकी पार्टी से बड़ा है, इसके बावजूद वह अपने कैडर को मजबूत बना रहे हैं. इसका मतलब है कि पीएम मोदी के बाद भी बीजेपी और उनका कैडर बना हुआ है.''
बीजेपी के हिंदुत्व मॉडल पर प्रो. विनय सीतापति ने कहा, हाल ही में लोगों की जीवनशैली बेहतर हुई है. ध्यान देने वाली बात यह है कि बीजेपी के मतदाताओं को यह संदेश मिलता है कि चीजें बेहतर हो रही हैं.
अशोक विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान और कानूनी अध्ययन के सहायक प्रोफेसर विनय सीतापति ने कहा एबीपी के मंच आइडिया ऑफ इंडिया में कहा, "भारत बहुत धार्मिक देश है. भारतीय राजनीति भारतीय समाज का आईना है. भारतीय समाज इस बात से बना है कि लोग और लोगों का ग्रुप किस धर्म का पालन कर रहे हैं."
पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, "जम्मू-कश्मीर को 2018 से अपनी चुनी हुई सरकार से वंचित कर दिया गया है. 2014 के बाद से हमारे यहां एक भी विधानसभा चुनाव नहीं हुआ है. कृपया मुझे बताएं कि अगर सब कुछ वास्तव में ठीक है और शांतिपूर्ण है तो यहां विधानसभा चुनाव क्यों नहीं कराया गया?"
जम्मू-कश्मीर के मुद्दों पर बोलते हुए, पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, "यहां की समस्याएं घाटी के दो परिवारों अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवार की देन नहीं है. उग्रवाद और आतंकवाद इन परिवारों की देन नहीं हैं, बल्कि ये एक समस्या हैं. ये पाकिस्तान से पनपे हैं."
पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर कहा, "जम्मू-कश्मीर को दिया गया विशेष दर्जा छीने हुए पांच साल हो गए हैं, फिर भी वहां कोई चुनाव नहीं हुआ है."
कश्मीरी पंडितों को लेकर उमर अब्दुल्ला ने कहा, "जब मैं मुख्यमंत्री था, तब अल्पसंख्यकों पर कोई हमला नहीं हुआ था. कश्मीरी पंडित जो सरकारी नौकरियों और अन्य पैकेजों के साथ कश्मीर में फिर से बस गए थे, अब वे कश्मीर छोड़ने की अनुमति मांग रहे हैं."
पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, "जम्मू-कश्मीर अब अपेक्षाकृत शांत है. अब सड़क पर कोई विरोध प्रदर्शन नहीं हो रहा है. ऐसा कहा जा रहा है कि ये अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद हुआ, यह सच नहीं है. जब इसे निरस्त किया गया था तो कहा गया था कि आतंकवाद, अलगाववाद, विकास अनुच्छेद 370 के कारण हुआ था, लेकिन आज निरस्त होने के पांच साल के बाद भी अलगाववादियों की जेबें अभी भी भरी जा रही है. लगभग हर हफ्ते, एक आतंकवादी हमले की सूचना मिलती है. राजौरी और पुंछ जैसे क्षेत्र जो आतंक मुक्त क्षेत्र थे, वहां अब आतंकी हमले देखने को मिल रहे हैं."
पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, "अगर किसी को लगता है कि अनुच्छेद-370 निरस्त करने से जम्मू कश्मीर की सारी समस्या खत्म हो गई तो ऐसे नहीं है."
जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यहां के हालात अब पहले की अपेक्षा शांत है. उन्होंने कहा, "बीजेपी वहीं करती है, जिससे उसे चुनाव में जीत मिलेगी."
विदेश मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल पर उमर अब्दुल्ला ने कहा, "किसी पर कोई एहसान नहीं किया. यह मेरा काम था. यह वह देश है जिसमें मैं पैदा हुआ था. यही वह मिट्टी है जिसमें मुझे दफनाया जाएगा."
उमर अब्दुल्ला ने कहा, "हमारे घर के बाहर अवैध रूप से ताला लगा दिया गया था. उन्होंने मुझे यह कहते हुए हिरासत में लिया कि मैं शांति के लिए खतरा हूं. छह महीने बाद, उन्होंने मुझे सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया, क्योंकि मैंने अलगाववादियों का विरोध किया था. मुझे पाकिस्तान के चुनाव बहिष्कार के आह्वान के खिलाफ सक्रिय रूप से अभियान चलाकर भारत में चुनावों को सफल बनाने के लिए हिरासत में लिया गया था."
जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, "अनुच्छेद 370 निरस्त करने के एक दिन पहले, पर्यटकों को जम्मू-कश्मीर खाली करने के लिए कहा गया था. सरकार ने अमरनाथ यात्रा को खतरे का दावा किया और फिर टेलीफोन कनेक्टिविटी बंद हो गई. इससे पहले जम्मू कश्मीर में जब भी मोबाइल फोन बंद होते थे तो फिक्स्ड लाइनें काम करती थीं, लेकिन अगली सुबह सब कुछ काम करना बंद कर दिया."
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, "जब तक वास्तव में ऐसा नहीं हुआ तब तक उन्हें उम्मीद नहीं थी कि अनुच्छेद 370 को निरस्त किया जाएगा. तत्कालीन राज्यपाल ने हमें आश्वासन दिया था कि जम्मू-कश्मीर की संवैधानिक स्थिति को खत्म करने की कोई योजना नहीं है."
उमर अब्दुल्ला ने आइडिया ऑफ इंडिया में कहा, "हमें उम्मीद नहीं थी जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 ऐसे हटेगा. हमें डराया गया, धमकाया गया. हमें कई दिनों तक नजरबंद रखा गया."
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर शशि थरूर ने कहा, "मैं धर्म के राजनीतिक इस्तेमाल के खिलाफ हूं. भारत हमेशा से एक बहुत ही धार्मिक देश रहा है."
भारत के आस्था को लेकर अलग-अलग विचारों पर शशि थरूर ने कहा, "मुझे एक हिंदू होने पर गर्व है. एक हिंदू के रूप में, मैं स्वीकृति में पूरी लगन से विश्वास करते हुए बड़ा हुआ हूं, जो हिंदू धर्म और अन्य धर्मों के बीच अंतर बनाता है."
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भारतीय राष्ट्रवाद को लेकर कहा, "हमारा राष्ट्रवाद शुरू में ब्रिटिश साम्राज्यवाद के विरोध में एक उपनिवेशवाद-विरोधी राष्ट्रवाद के रूप में विकसित हुआ. जब ब्रिटिश वापस चले गए, तो भारत विभाजित हो गया. भारत के लिए सवाल यह था कि क्या धर्म को अदालती राष्ट्रीयता का निर्धारक होना चाहिए और पाकिस्तानियों ने इस आधार पर एक राष्ट्र बनाया. महात्मा गांधी, अंबेडकर और अन्य लोगों ने इसे खारिज कर दिया. उन्होंने इस सवाल का जवाब दिया कि अगर मुसलमानों के लिए पाकिस्तान बनाया गया है, तो हम हिंदुओं के लिए एक देश क्यों नहीं बना सकते. यही वह तर्क है जिसने देश को विभाजित किया."
अरविंद पनगढ़िया ने आइडिया ऑफ इंडिया पर कहा, ''लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ब्रिटेन के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) हो सकता है. यूरोपीय संघ के साथ एक और एफटीए पर 3-4 साल के भीतर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं.''
वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा, "भारत 1980 के दशक से काफी आगे बढ़ चुका है. वास्तविक रुपये में भारत की विकास दर लगभग 8% रही है.
अरविंद पनगढ़िया बोले, "किसी के लिए भी यह कहना बेतुका है कि आप अकेले सेवाओं के दम पर अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ा सकते हैं. कोई भी देश मैन्युफैक्चरिंग के बिना आगे नहीं बढ़ा है."
वित्त आयोग के प्रमुख अरविंद पनगढ़िया ने कहा, "यदि आप श्रम बल सर्वे को देखें, तो बेरोजगारी दर बहुत अधिक नहीं है. कुल मिलाकर, भारत की बेरोजगारी लगभग 3-4% रही है. बेरोजगारी भारत की समस्या नहीं है, यह रोजगार के अंतर्गत है. रोजगार प्रोडटक्टिवी कम है. अच्छी तनख्वाह वाली, हाई प्रोडक्टिवटी वाली नौकरियां पैदा करना असली चुनौती है."
वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने आइडिया ऑफ इंडिया के स्टेज पर बताया कि नौकरियों के साथ विकास को कैसे बढ़ावा दिया जाए?
संगीतकार सौरेंड्रो मलिक और सौम्यजीत दास ने सदाबहार गीतों की प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया.
शशांक एनडी कहते हैं, "अगर आप अमेरिका और अन्य देशों में मुद्रास्फीति को देखें तो शिक्षा और हेल्थ केयर की लागत सबसे अधिक है. साल-दर-साल लागत बढ़ती रहती है. जितना अधिक विकसित देश होता है, लागत उतनी ही अधिक बढ़ती है. भारत में भरोसे की कमी है. हम किसी बीमा कंपनी के बजाय सीधे डॉक्टर के पास जाते हैं... क्योंकि भारत में स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता बहुत अलग होती है. यह बहुत अच्छी या बहुत बुरी हो सकती है. अधिक भुगतान करना ठीक है लेकिन खराब गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा न लें... इसलिए हमारा भरोसा कुछ ब्रांडों पर जाता है और हमारा हेल्थ केयर खर्च इन कुछ खिलाड़ियों पर जाता है. हमें यह सोचने की ज़रूरत है कि इस एकाधिकार को कैसे कम किया जाए.''
प्रैक्टो हेल्थ के को-फाउंडर शशांक एनडी ने स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में विस्तार से बात की. उन्होंने बताया कि उन्हें प्रैक्टो हेल्थ स्थापित करने की प्रेरणा तब मिली जब उन्हें पता चला कि सस्ती स्वास्थ्य सेवा हर किसी के लिए सुलभ नहीं है. वह कहते हैं, "मेरे पिता को घुटने की सर्जरी की जरूरत थी. डॉक्टर ने मुझे मेरे पिता की रिपोर्ट का प्रिंटआउट दिया. मैंने उनसे इसे मेल के माध्यम से भेजने के लिए कहा, लेकिन उनके पास केवल प्रिंट करने का विकल्प था क्योंकि उनके आईमैक के सॉफ्टवेयर में ईमेल नहीं था. इसके बाद मैंने एक सॉफ्टवेयर बनाया जो डॉक्टरों को मेल भेजने की अनुमति देता था और इसे डॉक्टर को दे दिया. उन्होंने इसके लिए मुझे पेमेंट भी की.''
अपने संघर्ष के बारे में बात करते हुए डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि मुझे मैथ्स, साइंस, अंग्रेजी, पब्लिक स्पीकिंग नहीं आती थी. मैंने टेम्पो चलाया, एक लाइब्रेरी में चपरासी के रूप में काम किया, मैंने चक्की पर काम किया और आटा बनाया, घंटे के हिसाब से कुत्ते घुमाने का काम किया. मेरे यहां तक पहुंचने में कई लोगों का हाथ है. कुछ लोगों ने मेरी फीस भरी, किसी ने किराया नहीं लिया. मैं मुखर्जी नगर में रहकर पढ़ाई कर रहा था.
आईपीएस अधिकारी डॉ मनोज शर्मा ने कहा कि मैं जिस भिंड-मुरैना इलाके से आता हूं, उसकी पहचान डाकुओं से जुड़ी हुई है. लेकिन वहां के लोग डाकू नहीं, बल्कि बागी हैं. मैं इस छवि को हटाना चाहता था. जब डाकुओं ने यहां सरकार के सामने सरेंडर किया तो लोगों में एक अच्छी छवि बनी. उन्होंने बताया कि मैं 12वीं क्लास पास नहीं कर सका, क्योंकि मैं नकल नहीं कर पाया था. उस समय टीचर बोर्ड पर उत्तर लिखकर बच्चों को पास करवाते थे. लेकिन उस समय एक परीक्षा अधिकारी ने किसी को चीटिंग नहीं करने दी. चीटिंग नहीं होने की वजह से मैं फेल हो गया. लेकिन मैंने सोचा कि आखिर ये व्यक्ति कौन है, जो सिस्टम को सही कर रहा है. फिर मैंने सोचा कि आखिर मैं ऐसा क्यों नहीं बस कता हूं. मुझे पता चला कि ऐसा करने के लिए मुझे काफी मेहनत करनी होगी.
आईपीएस अधिकारी और मुंबई एयरपोर्ट के डीआईजी डॉ. मनोज कुमार शर्मा ने समिट में शामिल होकर अपने संघर्षों को लेकर बात की. हाल ही में रिलीज हुई बॉलीवुड फिल्म 12th Fail उनके जीवन पर ही आधारित है. उन्होंने कहा कि इस फिल्म ने बताया है कि बच्चे-बच्चियों को आगे बढ़ने के लिए किस चीज की जरूरत है. बच्चों के भीतर ये बात रहती है कि उनके माता-पिता ने उनके लिए बहुत कुछ नहीं किया. लेकिन इस फिल्म ने दिखाया कि आप बहाने नहीं बना सकते हैं. अगर आप बिना थके लगातार मेहनत करते हैं तो आप जीवन में कोई भी लक्ष्य हासिल कर सकते हैं.
अभिनेत्री तमन्ना भाटिया ने आइडिया ऑफ इंडिया समिट ने अपनी गेमचेंजर फिल्म बाहुबली और सफल फिल्मों को चुनने की अपनी कला के बारे में बात की. उन्होंने कहा, 'अभिनेत्री के रूप में बाहुबली मेरे लिए एक बड़ी फिल्म थी. इसने लोगों का भारतीय सिनेमा को देखने का नजरिया बदल दिया. इससे मुझे एक ऐसे किरदार को निभाने का मौका मिला, जिसका रेफरेंस मैं कहीं से भी नहीं ले सकता हूं. तभी मुझे एहसास हुआ कि एक अभिनेत्री के रूप में मेरे पास बहुत गुंजाइश है. इस बात में सच्चाई है कि आपकी खूबियों को जानने के लिए किसी दूसरे व्यक्ति की जरूरत होती है. मेरे लिए वह दूसरा व्यक्ति एसएस राजामौली थे, उन्होंने मेरी प्रतिभा को देखा और मौका दिया.'
वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में तीन साल तक उमर खालिद की जमानत पेंडिंग रही है. मीडिया में कहा जा रहा था कि अदालत केस को स्थगित कर रही है, लेकिन ऐसा उनके वकील के जरिए किया जा रहा था. उन्होंने खुद ही तीन साल तक केस को खींचने का काम किया. शंकरनारायण ने बताया कि जमानत विशेष अनुमति याचिका का निपटारा सुप्रीम कोर्ट में 2-3 महीने में हो जाता है. लेकिन 2 हफ्ते पहले उन्होंने याचिका वापस ले ली है. इसलिए अदालतों को दोष नहीं देना चाहिए. अदालतें भी गलतियां हैं, लेकिन अदालतों को सरकार का हाथ होने का आरोप लगाकर हमला नहीं होना चाहिए.
दिल्ली हाईकोर्ट के वकील सौरभ कृपाल ने कहा कि कानून और राजनीति का गहरा संबंध है. यह अपरिहार्य एवं जरूरी है. कानून की अपने आप में कोई आंतरिक नैतिकता नहीं है. यदि कानून बहुमत की राजनीति का पालन करता है, तो अल्पसंख्यक की राजनीति हमेशा यही सोचेगी कि कानून उत्पीड़न का एक टूल बन चुका है. फिर कानून और राजनीति के बीच एक तनाव है. लेकिन कुछ लोगों के विश्वास की वजह से ऐसा मानकर चला जाता है कि इतने बड़े देश में राजनीति हमेशा अलग-अलग होगी, क्योंकि मतभेद होंगे. जब तक मतभेद मौजूद हैं, कानून अनिवार्य रूप से एक या दूसरे पक्ष की तरफ होगा.
वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायण ने कहा कि पिछले 15-20 सालों में कल्याणकारी कानूनों की शर्तों में बदलाव आया है. मैंने देखा है कि इसे आगे नहीं बढ़ाया जा रहा है. मैंने नागरिक स्वतंत्रता, ईडी और उसकी शक्तियों के संदर्भ बदलाव देखने को मिला है. मुझे पिछले 10 सालों में कोई भी कल्याणकारी कानून देखने को नहीं मिला है.
एबीपी नेटवर्क के आइडिया ऑफ इंडिया शिखर सम्मेलन में 'समाज कैसे बदलता है? जनादेश से या लोगों से' विषय पर चर्चा शुरू हो गई है. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायण और दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील एवं लेखक सौरभ कृपाल इस विषय पर चर्चा कर रहे हैं.
डॉ. विक्रम संपथ ने कहा कि कांग्रेस नहीं चाहती कि हम मुगल साम्राज्य के सांस्कृतिक साम्राज्यवाद पर सवाल उठाएं. वे अंग्रेजों से अलग तरीके के उत्पीड़क भी थे. हमारे अतीत के इन पहलुओं के बारे में बात करना भी आपको एक सांप्रदायिक और कट्टर व्यक्ति के रूप में चित्रित करता है. ये एक बड़ी समस्या है.
इतिहासकार एवं लेखक डॉ. विक्रम संपथ ने कहा कि भारत में बदलाव को किसी विचारधारा या पार्टी से जोड़कर उसे राजनीतिक प्रोजेक्ट का नाम देने से वह मुद्दा खत्म हो जाएगा. हाल ही में हमने देखा कि किस तरह से राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह के दौरान आम भारतीयों, जिनका बीजेपी-आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद से कोई लेना-देना नहीं था, ने महसूस किया कि ये एक पुनर्जागरण की शुरुआत थी. 500 सालों के संघर्ष के बाद लोगों को उनका सबसे पवित्र स्थान मिला है.
राजनीतिक अर्थशास्त्री डॉ परकला प्रभाकर ने कहा कि आज हम देख रहे हैं कि औपनिवेशिक समय की एक मानसिकता है. ये मानसिकता कुछ ही लोगों में है, जो कुछ खास वर्ग के लिए है, जो अलग तरह के पूजा करते हैं, एक अलग भाषा बोलते हैं, एक अलग धर्म का पालन करते हैं. उन्हें अलग नजरिए से देखा जा रहा है. भारत हर किसी का है और जो यहां रहता है. नागरिकता का भाषा या क्षेत्र या धर्म से कोई संबंध नहीं है, जो भारत में है, वह भारतीय है.
आइडिया ऑफ इंडिया शिखर सम्मेलन में अब Reimagining India, Two Perspectives टॉपिक पर चर्चा शुरू हुई है. इसमें राजनीतिक अर्थशास्त्री डॉ परकला प्रभाकर और इतिहास एवं लेखक डॉ. विक्रम संपथ ने हिस्सा लिया है. उन्होंने कहा कि भारत के विकास और इसके सोचे जा रहे भविष्य पर चर्चा की जा रही है.
ब्रिटेन की पूर्व गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन का कहना है कि वह गाजा में तत्काल सीजफायर के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि इजरायल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है. मैं गाजा में तत्काल सीजफायर की मांग के खिलाफ हूं. यह युद्ध कल रुक सकता है अगर हमास बंधकों को रिहा कर दे, हथियार डाल दे और शांति के लिए प्रतिबद्ध हो जाए. इस तरह तत्काल सीजफायर हो जाएगा.
ब्रिटिश सांसद सुएला ब्रेवरमैन से जब सवाल किया गया कि क्या वह ब्रिटिश साम्राज्य की आलोचना करती हैं, क्योंकि उसने अपनी कॉलोनियों (भारत, केन्या, मॉरीशस जैसे देश) में अत्याचार किए. इस पर सुएला ने कहा कि इतिहास के कई पहलू हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और उनकी निंदा की जानी चाहिए. लेकिन अगर हम वर्तमान और भविष्य को देखें तो भारत एक ऐसे देश के तौर पर सबसे बड़ा उदाहरण है, जहां स्वशासन सफल रहा. ब्रिटेन के यहां से जाने के बाद जो कुछ भी बचा हुआ था, भारत ने उसे अपनाया और उम्मीदों से परे काम किया है.
उन्होंने कहा कि कॉमनवेल्थ देशों को देखने पर पड़ा चलता है कि ब्रिटेन की कई कॉलोनियां काफी अच्छे देश के तौर पर उभरी हैं. इनके ब्रिटेन के साथ ऐतिहासिक संबंध हैं, जो भविष्य में ब्रिटेन के साथ सहयोग बढ़ाने का काम कर सकते हैं. मैं अभी भी खुद को साम्राज्य पर गर्व करने वाले शख्स के तौर पर देखता हूं.
सुएला ब्रेवरमैन ने कहा कि यूके के पास दशकों से लाखों लोगों का स्वागत करने का रिकॉर्ड है, लेकिन अगर आप आज प्रवासन के लेवल को देखें, तो वे बिल्कुल अस्थिर है. पिछले साल, यूके में कानूनी तौर पर 7,00,000 लोग आए. 2019 के मुकाबले इसमें 2,40,000 का इजाफा हुआ. यूके के सीमित संसाधनों को देखते हुए ऐसी संख्या ठीक नहीं है. इससे संसाधनों पर दबाव पड़ता है. जनसंख्या में तेजी से हो रहे इजाफे की वजह से हमारे संसाधनों पर दबाव पड़ रहा है.
ब्रिटिश सांसद सुएला ब्रेवरमैन ने कहा कि ब्रिटेन में अभूतपूर्व अवैध प्रवास एक गंभीर चुनौती है. अवैध अप्रवासी हमारी सीमा सुरक्षा को कमजोर करते हैं. ब्रिटिश लोग हमारी दक्षिणी सीमा पर जो कुछ भी देख रहे हैं उससे निराश हैं. उन्होंने बताया कि ब्रेग्जिट के बाद ये ज्यादा हो गया है. यह कुछ ऐसा है जिसे सरकार को ठीक करना चाहिए. प्रधानमंत्री ऋषि सुनक इसे ठीक करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और मैं भी इस प्रतिबद्धता से सहमत हूं. यह एक मानवीय चुनौती है.
ब्रिटेन की पूर्व गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच वैश्विक मंच पर सहयोग करने और काम करने के मौके हैं. यही वजह है कि ब्रेग्जिट के बाद यूके-इंडिया ट्रेड डील की शुरुआत हुई है. हमारे दोनों देशों के लिए व्यापार को संभावित रूप से 86 बिलियन पाउंड तक दोगुना करने, निर्यात दोगुना करने और भारत में ब्रिटेन के निवेश को बढ़ाने पर काम किया जाएगा. मेरा मानना है कि दोनों देश पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते को सुरक्षित कर सकते हैं.
एबीपी नेटवर्क के आइडिया ऑफ इंडिया शिखर सम्मेलन में ब्रिटेन की टोरी सांसद सुएला ब्रेवरमैन अपने पारिवारिक इतिहास और अपनी भारतीय जड़ों के बारे में बात की है. उन्होंने भारत के चंद्रयान-3 मिशन और डिजिटल पेमेंट्स प्लेटफॉर्म की भी सराहना की है.
करीना कपूर खान भी कॉन्क्लेव का हिस्सा होंगी और 'क्वीन ऑफ हार्ट्स: वन एक्टर, मेनी एक्ट्स' टॉपिक वाले सेशन में बातचीत करेंगे.
प्रोफेसर अरविंद पनगढ़िया 'द इकोनॉमिक व्हिस्परर, हाउ टू फ्यूल ग्रोथ विद जॉब्स' (नौकरियों के साथ विकास को कैसे बढ़ावा दें) विषय पर बात करेंगे. भारतीय अर्थशास्त्री पनगढ़िया कोलंबिया यूनिवर्सिटी में एक महत्वपूर्ण पद संभाल रहे हैं.
एबीपी नेटवर्क के आइडिया ऑफ इंडिया के दूसरे दिन, कानूनी दिग्गज, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन और दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील सौरभ किरपाल 24 फरवरी को "समाज कैसे बदलता है? जनादेश से या आदमी से?" विषय पर बहस के लिए आइडिया ऑफ इंडिया में शामिल होंगे.
आइडिया ऑफ इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 9.45 बजे होगी. आज कार्यक्रम का दूसरा सत्र है, जिसमें सबसे पहले ब्रिटेन की पूर्व गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन हिस्सा लेने वाली हैं. वह World in Fermant टॉपिक पर बात करेंगी. सुएला बॉर्डर के बंद होने और दुनिया में चल रहे युद्ध पर अपने विचार रखेंगी.
ब्रिटेन की पूर्व गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन, डॉ. विक्रम संपथ, तमन्ना भाटिया, डॉ. मनोज कुमार शर्मा, डॉ. अरविंद पनगढ़िया, डॉ. शशि थरूर, उमर अबदुल्ला, डॉ. गणावत्सल स्वामी, संजय झा, यशवंत देशमुख, इला अर्जुन, करीना कपूर, शोभिता, धुलिपाला, प्रियंका चतुर्वेदी, पूनम महाजन आज के कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले हैं.
आइडिया ऑफ इंडिया शिखर सम्मेलन में दुनिया में चल रहे युद्ध, बॉर्डर के बंद होने, भारत के बदलते स्वरूप, समाज में किस तरह से बदलाव हो रहा है, सिनेमा और बॉलिवुड, आईपीएस अधिकारी डॉ मनोज शर्मा के संघर्ष भरे जीवन, ऑनलाइन हेल्थकेयर, देश की अर्थव्यवस्था, भारत के लिए नए विचार, कश्मीर की समस्या, जीवन में खुशी कैसे लाएं, राजनीति, 2024 लोकसभा चुनाव, पारिवारिक मूल्यों, भारत की राजनीतिक विचारधारा जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.
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ABP Network Ideas Of India Highlights: एबीपी नेटवर्क के सालाना शिखर सम्मेलन आइडिया ऑफ इंडिया पिछले दो सालों की तरह इस साल भी आयोजित हुआ है. शनिवार (24 फरवरी) को आइडिया ऑफ इंडिया कार्यक्रम का दूसरा दिन है. आइडिया ऑफ इंडिया देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में आयोजित हो रहा है. इस कार्यक्रम का थीम पीपुल्स इंडिया है. देश और दुनिया की प्रमुख हस्तियां इस कार्यक्रम का हिस्सा बन रहे हैं.
आज के कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से लेकर देश की अर्थव्यवस्था तक पर बात की जाएगी. ब्रिटेन की पूर्व गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन से लेकर अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर अरविंद पनगढ़िया तक आज के कार्यक्रम में शिरकत फरमा रहे हैं. एबीपी नेटवर्क के इस कार्यक्रम का आयोजन ऐसे समय पर हो रहा है, जब देश में कुछ महीनों में लोकसभा चुनाव 2024 का होने वाले हैं. इस चुनाव पर सभी की निगाहें हैं, क्योंकि इसमें कई राजनीतिक दलों के नेता हिस्सा ले रहे हैं.
शुक्रवार को कांग्रेस सासंद शशि थरूर और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने हिस्सा लिया. आज के कार्यक्रम में एक बार फिर से आपको शशि थरूर नजर आएंगे. उनके अलावा जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी और बीजेपी सांसद पूनम महाजन भी आइडिया ऑफ इंडिया में शामिल हो रही हैं. करीना कपूर, शोभिता धूलीपाला जैसी बॉलीवुड अभिनेत्रियां भी कार्यक्रम का हिस्सा हैं.
यह कार्यक्रम ABP Live YouTube पर लाइव-स्ट्रीम किया जा रहा है. इसके अलावा Abplive.com पर आपको इस शिखर सम्मलेन से जुड़े ताजा अपडेट्स मिलेंगे. वहीं, आइडियाज ऑफ इंडिया समिट के सेशन का प्रसारण एबीपी नेटवर्क के टेलीविजन चैनल पर भी किया जा रहा है. नीचे, कार्ड सेक्शन में जानिए कार्यक्रम से जुड़े पल-पल के ताजा अपडेट्सः
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