तिरुवनंतपुरम: केरल के इडुक्की जिले में हुए भीषण भूस्खलन के बाद 50 से अधिक लोगों के लापता होने की सूचना है, इन्हें ढूंढ़ने के लिए शनिवार को लोगों और उपकरणों की सहायता से बड़े पैमाने पर एक खोज अभियान चलाया जा रहा है. गुरुवार मध्यरात्रि को राजामलाई में हुई इस त्रासदी में 21 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि एक दर्जन से अधिक लोगों को बचाया गया है जिनका इडुक्की, कोट्टायम और एर्नाकुलम जिलों के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है.
मुन्नार के लोकप्रिय पर्यटन स्थल से लगभग 30 किमी की दूरी पर यह हादसा उस समय हुआ, जब एस्टेट हाउस की चार लाइनों पर बड़े-बड़े पत्थर गिर गए.
इस जिले से ताल्लुक रखने वाले राज्य में वर्तमान बिजली मंत्री एमएम मणि ने कहा कि राज्य सरकार पीड़ितों की मदद के लिए हर संभव कोशिश करेगी.
मणि ने कहा, "लापता हुए व्यक्तियों की सही संख्या का पता चाय कंपनी को लगाना होगा, क्योंकि यह आवासीय लाइनें हैं तो स्थानीय ग्राम परिषद को भी उनके साथ काम करना होगा. मलबे में अब किसी के दबे होने की संभावना कम है."
एनडीआरएफ, केरल पुलिस, फायर फोर्स, स्थानीय लोगों और स्वयंसेवक कर्मियों की बड़ी संख्या के साथ इस खोज अभियान को अंजाम दिया जा रहा है.केरल सरकार ने जहां मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 2-2 लाख रुपये देने का ऐलान किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया दुख
केरल में हुई इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है और मुआवजे की घोषणा की है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ''इडुक्की में भूस्खलन के कारण जानमाल के नुकसान से आहत हूं. दु: ख की इस घड़ी में, मेरे विचार शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं. घायल जल्दी ठीक हों इसकी कामना करते हैं. एनडीआरएफ और प्रशासनिक अधिकारी काम कर रहे हैं, प्रभावितों को सहायता पहुंचाया जा रहा है.''
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मुआवजे की घोषणा की. ट्वीट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री राहत कोष से भूस्खलन की घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी. घायलों के लिए 50,000 रुपये के आर्थिक सहायता की घोषणा की गई है.
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