पूर्वी लद्दाख के बाद जिस तरह चीन अरूणाचल प्रदेश में भी अपनी हरकतें बढ़ा रहा है तो भारत आक्रामक रणनीति भी अपना सकता है. ये भारतीय सेना के टॉप कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने किया है. भारतीय सेना की पूर्वी कमान के कमांडिंग इन चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने साफ तौर से कहा कि एलएसी पर चीन अपनी तैनाती मजबूत कर रहा है और मिलिट्री एक्सरसाइज भी बढ़ रहा है. ऐसे में भारतीय सेना को भी एलएसी पर एग्रेसिव-पोस्चर अपनाना पड़ेगा.
अरूणाचल प्रदेश के दौरे पर आए थलसेना की पूर्वी कमान के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने मंगलवार को रूपा में नेशनल मीडिया के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीन को दो टूक चेतावनी दी. पूर्वी कमान चीन से सटी 3488 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल (एलएसी) के सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश की रखवाली करती है.
एबीपी न्यूज के इस सवाल पर की '62 के युद्ध के बाद एलएसी पर भारतीय सेना की रणनीति एक लंबे समय तक डिफेंसिव रही है. लेफ्टिनेंट पांडे ने कहा कि भारत एलएसी पर शांति चाहता है लेकिन अगर चीन का आक्रामक रवैया रहा तो भारत भी एग्रेसिव-पोस्चयर अपना सकता है. उन्होंने कहा कि एलएसी पर किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए भारतीय सेना का 'कंटनजेंसी प्लान' तैयार है.
भारतीय सेना के इस्टर्न आर्मी कमांडर ने चीन की हरकतों का खुलासा करते हुए कहा कि पिछले एक-डेढ़ साल में चीन ने अपनी तैनाती को अरूणाचल और सिक्किम सेक्टर में थोड़ा बढ़ाया है. चीन ने अपनी पीएलए सेना को तिब्बत के पठार वाले इलाक़े के 'डेप्थ एरिया' में ना सिर्फ़ बढ़ाया है बल्कि मिलिट्री एक्सरसाइज भी बढ़ा दी हैं. चीनी सेना इंटीग्रेटेड एक्सरसाइज कर रही है. जनरल पांडे के मुताबिक़ चीनी सेना पिछले 18 महीने से इंटिग्रेटेड युद्धाभ्यास यानी की पीएलए की सेना और वायुसेना रॉकेट फ़ोर्स के साथ मिलकर अभ्यास कर रही है. यही नही अपनी रिज़र्व फ़ार्मेशन को भी डेप्थ एरिया में ट्रेनिंग और अभ्यास के बाद उन इलाक़ों में लंबे समय तक रुक भी रही है. चीनी सेना के 'हैबिटाइट' साफ दिखाई पड़ रहे हैं. इसके अलावा चीनी सेना के सीनियर मिलिट्री कमांडर लगातार एलएसी की 'विजिट' कर रहे हैं.
भारतीय सेना की इंजीनियरिंग कोर के सैन्य-अधिकारी (सैपर) लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने कहा कि चीनी सेना ने हाल के समय में कुछ इलाकों में पेट्रोलिंग पैटर्न में में बदलाव किए हैं जिसके कारण फेसऑफ की घटना होती है. उन्होंने कहा है कि एलएसी पर इस वक्त भारत और चीन दोनों ही इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने में जुटे हैं. ये भी दोनों देशों के बीच तनातनी का कारण बनता है.
लेकिन टॉप मिलिट्री कमांडर ने साफ तौर से कहा कि भारत एलएसी पर चीन की हर हरकत का जवाब देने के लिए तैयार है. एलएसी पर सैनिकों की संख्या भी काफी है. उन्होंने कहा कि चीन जहां अपनी तकनीकी ताकत में इज़ाफ़ा किया है तो भारतीय सेना ने भी अपनी निगरानी क्षमता को ज़बरदस्त तरीक़े से बढ़ाया है. पूर्वी सेक्टर में सेना ने टेक्नीकिल सर्विलांस को बेहद मजबूत किया है. बॉर्डर पर तैनात सैनिकों के साथ साथ यूएवी-ड्रोन, सैटेलाइट और रडार की मदद से चीन की हर हरकत पर नज़र रखी जा रही है.
लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने बताया कि भारतीय सेना की माउंटेन स्ट्राइक कोर पूरी तरह तैयार है और ऑपरेशन्ली तैनात कर दी गई है. ब्रह्मास्त्र कोर के नाम से मशहूर माउंटेन स्ट्राइक कोर (17वीं कोर) खासतौर से चीन से सटी एलएसी के लिए खड़ी की गई है. स्ट्राइक कोर का मकसद युद्ध के समय में दुश्मन की सीमा में घुसकर आक्रमण करना होता है. उन्होंने बताया कि भारतीय सेना की इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप (आईबीजी) भी पूरी तरह तैयार हैं.
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