मुंबई: दुनिया में कोरोना की वैक्सीन आने के बाद एक सकारात्मक उम्मीद जगी है कि वायरस पर हमें जीत मिलेगी. भारत में वैक्सीनेशन की तैयारियों के बीच मुंबई में आज ऑल इंडिया सुन्नी जमीयत उलेमा की बैठक में फैसला लिया गया और सरकार को सख्त लहजे में कहा गया कि देश में वैक्सीन की प्रक्रिया शुरू करने से पहले मुस्लिम धर्म के उलेमा-मौलवियों को वैक्सीन में क्या एलिमेंट है, यह सूचना दी जाए. इसके बाद वैक्सीनेशन शुरू हो. अगर वैक्सीन में सूअर की चर्बी है तो वह हराम है और उसकी इजाजत नहीं रहेगी.
कोरोना के चलते दुनिया में लाखों लोगों की मौत हो चुकी है. करोड़ों लोग कोरोना वायरस का शिकार हो चुके हैं. वैक्सीन का इंतजार पूरी दुनिया में सभी कर रहे हैं और अब जब वैक्सीन आई है तो एक चर्चा छिड़ी है कि वैक्सीन में सूअर के अंगों का इस्तेमाल हो रहा है. इसके चलते कई मुस्लिम देशों में विवाद चल रहा है.
वैक्सीन को लेकर छिड़ी इस नई बहस के बीच में वैक्सीन हराम है या हलाल ये चर्चा जोरों पर है. एबीपी न्यूज़ ने जब इस मामले में आम मुस्लिमों से बात की तो उन्होंने भी यही कहा कि सूअर से जुड़ा कुछ भी इस्तेमाल करना हराम है और जब उनके धर्म के बड़े मौलवियों ने भी बात कह दिया तो निश्चित ही वैक्सीन को लेकर उनके मन में आशंका रहेगी. सरकार पहले धार्मिक नेताओं से चर्चा करेगी उसके बाद ही मुस्लिम लोग वैक्सीन लगवाने के लिए आगे आएंगे, उनके मन में संदेह है कि सूअर के अंगों का इस्तेमाल वैक्सीन में हुआ है.
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