नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऑड ईवन योजना को बढ़ाने के संकेत दिए हैं. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आज कहा कि प्रदूषण की स्थिति का जायज़ा लिया जा रहा है, जरूरत पड़ने पर ऑड इवन बढ़ाया जा सकता है. प्रदूषण पर नियंत्र के लिए दिल्ली सरकार ने वाहनों पर ऑड-ईवन योजना लॉन्च की थी जो 15 नवंबर को खत्म होने वाली थी.


मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि प्रदूषण की स्थिति का जायज़ा लिया जा रहा है, जरूरत पड़ने पर ऑड ईवन बढ़ाया जा सकता है. केजरीवाल ने दिल्ली में हो रहे प्रदूषण को लेकर एक बार फिर पड़ोसी राज्यों पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि हम सब देख रहे हैं कि दिल्ली में प्रदूषण 10 अक्टूबर से पराली जलने की वजह से आया. पिछले दिनों पंजाब, हरियाणा में बारिश की वजह से दिल्ली में धुआं कम हो गया था. सुप्रीम कोर्ट के सख्ती के आदेश को नहीं माना जा रहा है.


केजरीवाल ने कहा, ''पिछले कई दिनों में एक्सपर्ट से मिला हूँ. पराली को सीएनजी में कन्वर्ट कर सकते हैं. करनाल में एक प्रोजेक्ट का फाउंडेशन रखा गया है. मैंने कहा है कि वहां जितनी सीएनसी बनेगी हम सब खरीदने को तैयार हैं. आखिर क्यों पंजाब और हरियाणा सरकार इसे प्रमोट नहीं करती है. इसके अलावा कई फैक्ट्री पराली से कोयला बना रही हैं. NTPC पराली खरीदने को तैयार है लेकिन प्रमोट करना ज़रूरी है, प्रदूषण कम हो जाएगा.''


क्या है ऑड ईवन योजना और किसे मिली है छूट?
इसके तहत जिन गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन नंबर का आखिरी अंक ऑड (1,3,5,7,9) है उन्हें चार, छह, आठ, 12 और 14 नवंबर को सड़कों पर चलने की इजाजत नहीं होगी. इसी तरह जिन वाहनों की पंजीकरण संख्या का आखिरी अंक सम (0,2,4,6,8) होगा उन्हें पांच, सात, नौ, 11,13 और 15 नवंबर को सड़कों पर चलने की इजाजत नहीं होगी.


दो पहिया और इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को इस योजना में छूट दी गई है लेकिन इस बार सीएनजी से चलने वाली गाड़ियों के लिये ये छूट नहीं है. जिन गाड़ियों में सिर्फ महिलाएं और उनके साथ 12 साल तक की उम्र के बच्चे होंगे, उन्हें भी छूट होगी. दिव्यांगजन के वाहनों को भी ऑड-ईवन में छूट है.


राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, आपातकालीन, प्रवर्तन सेवाओं के वाहनों समेत 29 श्रेणियों के वाहनों को इससे छूट दी गई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के वाहनों को हालांकि इससे छूट नहीं दी गई है.