यास तूफान ने ओडिशा में असर दिखाना शुरू कर दिया है. राज्य के आठ जिलों में रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है. एनडीआरएफ की 22 और ओडीआएएएफ की 66 कंपनियों को राहत और बचाव के काम में लगाया गया है. सीएम नवीन पटनायक ने कहा कि हमारी कोशिश है कि इस तूफान में एक भी आदमी की जान न जाए.
ओडिशा के कुछ इलाको में अभी से बारिश शुरू हो गई है. तेज हवा भी चलने लगी है. यास तूफान का असली असर 26 मई की सुबह से दिखने लगेगा. मौसम विभाग ने उस दिन के लिए राज्य के आठ जिलों में रेड अलर्ट का एलान कर दिया है. अधिकतर जिले तटीय इलाको में हैं. बालासोर, भद्रक, जाजपुर, केंद्रपाडा, कटक. जगतसिंहपुर, मयूरभंज और क्योंझर में तूफान की तबाही आ सकती है इसीलिए इन इलाको में लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है. मौसम विभाग की मानें तो 26 मई को 160 से लेकर 170 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से तेज हवा चलने का अनुमान है. इन इलाको में भारी बारिश की भी चेतावनी है.
राहत और बचाव के काम के लिए पांच सीनियर आईपीएस अफसरों को भेजने का फैसला लिया गया
ओडिशा में समुद्री तूफान यास का सबसे अधिक असर बालासोर, भद्रक, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा और मयूरगंज में रहने का अनुमान है. राज्य सरकार ने इन इलाको में राहत और बचाव का काम चलाने के लिए पांच सीनियर आईपीएस अफसरों को भेजने का फैसला किया है. जगतसिंहपुर में अमिताभ ठाकुर, केंद्रपाड़ा में जे एन पंकज भद्रक में अमितेंद्र सिन्हा, बालासोर में दिप्तेश पटनायक और मयूरगंज में अनिरुद्ध सिंह की ड्यूटी लगाई गई है.
आईजी रैंक के आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर कई तूफानों में राहत और बचाव के काम की अगुवाई कर चुके हैं. वे बताते हैं कि इस बार हमारे लिए चुनौती दोहरी है. लोगों को तूफान से भी बचाना है और ये भी देखना है कि कोरोना का संक्रमण न फैले.
ओडिशा के बालासोर, जगतसिंहपुर, भद्रक, केंद्रपाड़ा जिलों के तीन हजार साइक्लोन सेंटर में निचले इलाको से लाकर लोगों को रखा गया है. वहीं इनके खाने पीने और रहने का इंतजाम है. यास तूफान के बाद कई इलाको में पानी भरने, पेड़ गिरने, बिजली व्यवस्था चरमराने और कच्चे मकानों के ढहने का खतरा है. इसके लिए ओडिशा डिजास्टर रैपिड एक्शन फोर्स की 66 कंपनियां लगाई गई हैं.
एनडीआरएफ ने 22 कंपनियों को इन इलाको में किया तैनात
एनडीआरएफ ने भी अपनी बाइस कंपनियां इन इलाको में तैनात की हैं. राज्य के एडीजी, कानून व्यवस्था वाई के जेठुवा बताते हैं कि पिछले दो दिनों से हम लगातार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का काम कर रहे हैं. समुद्र से लगे इलाको में रहने वालों को हटाया जा रहा है. कच्चे मकानों में रहने वालों को भी निकाला गया है.
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आज सीनियर आईएएस और आईपीएस अफसरों के साथ मीटिंग की. उन्होंने कहा हम हर साल समुद्री तूफान से लड़ते रहे हैं. पर इस बार कोरोना महामारी ने हमारी मुश्किलें बढ़ा दी हैं. लेकिन हम जान माल की कोई तबाही नहीं होने देंगे. राज्य सरकार ने केंद्र से एनडीआरएफ की दस और कंपनियों की मांग की है.
पटनायक सरकार ने हर हाल में बिजली व्यवस्था बनाए रखने, जरूरी दवा और खाने के सामान की स्टॉक बनाए रखने को कहा है. दस जिलों में ऑक्सीजन सिलेंडर, डीजल जेनरेटर और राशन के सामान का स्टोर बनाया गया है. फायर सर्विस की 177 टीमें ड्यूटी पर लगी हैं. दो तरह की रणनीति पर काम चल रहा है. यास तूफान के आने से पहले और तूफान के गुजरने के बाद.
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