नई दिल्ली: पाकिस्तान ने अगर भारत के खिलाफ मुंबई 26/11 जैसे हमले करने की फिर से हिमाकत की तो इसके घातक परिणाम होंगे. ऐसा कोई भी कदम पाकिस्तान के लिए आत्महत्या करने जैसा होगा. देश की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी, रॉ के पूर्व चीफ, विक्रम सूद ने यह बयान दिया है.


पूर्व रॉ चीफ विक्रम सूद ने यह बयान शुक्रवार को रिसर्च एंड एनेलेसिस यानी रॉ के संस्थापक चीफ रहे आरएन काओ पर लिखी किताब के विमोचन के दौरान कही. 'जेंटलमैन स्पाईमास्टर' नाम की इस किताब के लॉन्चिंग के मौके पर उन्होंने पाकिस्तान को काफी खरी-खोटी सुनाई. पत्रकार नितिन गोखले द्वारा लिखी इस बायोग्राफी का फॉरवर्ड, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल ने लिखा है. अजीत डोवाल को भी इस लॉन्चिंग समारोह में आना था लेकिन किसी वजह से वह नहीं आ सके.


बुक लॉन्चिंग के दौरान बोलते हुए विक्रम सूद ने आगे कहा कि सेना की तरह ही रॉ को भी स्कूल से ही अपने एजेंट्स की भर्ती करनी चाहिए और फिर खुद उन्हें ट्रेनिंग देनी चाहिए. इस मौके पर थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत भी मौजूद रहे.


आपको जानकारी दें कि 1971 के युद्ध के दौरान रॉ के प्रमुख आर एन काओ ही थे. पाकिस्तान के विभाजन और बांग्लादेश के बनने में काओ की अहम भूमिका थी. बाद में सिक्किम को भारत में शामिल करने में भी काओ की बड़ी भूमिका थी. वे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेहद करीबी सलाहकार माने जाते थे.


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