नई दिल्ली: देश की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस के लेट होने पर यात्रियों को मुआवजा मिलता है. लेकिन ऐसी खबरें हैं कि सर्दी के दिनों में ट्रेन के कोहरे की वजह से लेट होने पर यात्रियों को मुआवजा नहीं भी मिल सकता है. इस तरह के कारण की वजह से ट्रेन के लेट होने को 'एक्ट ऑफ गॉड' की संज्ञा दी जा सकती है. हालांकि, इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है.


इस संबंध में आईआरसीटीसी के अधिकारी का कहना है कि आदर्श तौर पर कोहरे की वजह से ट्रेन के लेट होने को एक्ट ऑफ गॉड के तौर पर देखा जाना चाहिए. इस पर हमें फैसला करना है. आईआरसीटीसी के अधिकारी का कहना है कि ट्रेन के एक घंटे से अधिक लेट होने पर मुआवजे की राशि बढ़ाई भी जा सकती है.


बता दें कि तेजस एक्सप्रेस पहली बार 19 अक्टूबर को लेट हुई थी. उस दिन ट्रेन तीन घंटे की देरी से गंतव्य पर पहुंची थी. ट्रेन के लेट पहुंचने के कारण यात्रियों को 1.62 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया था.


ये है मुआवजे का रेट


आईआरसीटीसी के नियमों के तहत तेजस के एक घंटा और उससे ज्यादा लेट होने पर यात्रियों को 100 रुपये और दो घंटे या उससे ज्यादा की देरी होने पर 250 रुपये मुआवजा दिया जाता है. आपको जानकारी दें कि तेजस एक्सप्रेस देश की पहली ऐसी ट्रेन है जिसके लेट होने पर यात्रियों को मुआवजा मिलता है.


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