कोरोना वायरस की रफ्तार को कम करने के लिए इन दिनों हर जगह लॉकडाउन लगा हुआ है. ऐसे में एंबुलेंस की व्यवस्था न होने पर एक बेबस बेटे को मां के शव को ऑटो से उनके शहर ले जाना पड़ा. दरअसल 72 साल की शरदम्मा नाम की महिला अपने जिले मांड्या से कुछ दिन पहले अपने बेटे शिवकुमार के पास रहने के लिए बेंगलुरु आई थी. जहां सोमवार को अचानक से शरदम्मा को सांस लेने में दिक्कत महसूस हुई, तो बेटे ने अपने ऑटो ड्राइवर दोस्त उदय को कॉल करके अपनी मां को पास के क्लीनिक ले गया जहां से उन्हें चिनमया मिशन अस्पताल ले जाने को कहा गया. वहां डॉक्टरों ने शरदम्मा को मृत घोषित कर दिया.
जानकारी के मुताबिक महिला पहले से डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रही थी. वहीं शिवकुमार अपनी मां के शव को उनके मूल निवास मांड्या जिले में मालवल्ली ले जाना चाहता था, इसलिए उसने घंटों सरकारी और प्राइवेट एंबुलेंस की व्यवस्था करने की कोशिश की, लेकिन जब कोई एंबुलेंस ना मिली तो वो दोस्त के ऑटो में मां के शव को लेकर उनके घर के लिए निकल पड़ा. जानकारी के मुताबिक बेंगलुरु से मालवल्ली की दूरी 105 किलोमीटर की है.
पुलिस ने शिवकुमार से की छानबीन
शिवकुमार ने बताया कि मां के शव को ऑटो पर ले जाने में उसे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा. ड्यूटी पर तैनात पुलिस ने उन्हें बेंगलुरु में नयनदल्ली जंक्शन के पास रोका जहां शिवकुमार ने पुलिस को पूरी बात बताई, जिसके बाद पुलिस ने एंबुलेंस की व्यवस्था करने की कोशिश की, लेकिन जब कुछ ना हो सका तो शिवकुमार को ऑटो से जाने की परमिशन दे दी.
बारिश के चलते मां के शव को ले जाने में हुई परेशानी
जानकारी के मुताबिक जब शिवकुमार अपनी मां के शव को ऑटो से उनके घर ले जा रहा था, तब बेंगलुरु में जोर की बारिश हो रही थी. बारिश के चलते शिवकुमार और ऑटो ड्राइवर को काफी परेशानी उठानी पड़ी.
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