नई दिल्लीः दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों से संबंधित एक मामले में तिहाड़ जेल के अधिकारियों को फटकार लगाई है. दरअसल, दंगो के मामले में बंद कुछ आरोपियों ने शिकायत की थी कि उन्हें वे बुनियादी चीजें भी उपलब्ध नहीं कराई गई हैं, जिनकी अनुमति जेल नियम देते हैं. इस पर अदालत ने कहा कि यदि चीजों में सुधार नहीं होता है तो न्यायाधीश जेल में स्थिति का निरीक्षण करने स्वयं जाएंगे.


अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने कहा, ‘‘यह खत्म होना चाहिए. महानिदेशक जेल को स्थिति का निरीक्षण करने, समस्याओं को देखने के लिए किसी को निरीक्षण करने का आदेश देने का निर्देश दिया जाता है. यदि चीजें नहीं सुधरती हैं तो मैं खुद निरीक्षण के लिए जाऊंगा और मेरे साथ वकील भी चल सकते हैं.''


आरोपियों ने गर्म कपड़े नहीं देने सहित कई शिकायतें की


वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये हुई सुनवाई में जेल में बंद 15 में से सात आरोपियों ने कहा कि उन्हें गर्म कपड़े नहीं दिए गए हैं जबकि जेल नियमों के तहत इसकी अनुमति है. जेल अधिकारियों ने कहा कि इसके लिए उन्हें अदालत के आदेश की जरूरत है.


आरोपी गुलफिशा खातून के वकील ने गर्म कपड़े उपलब्ध कराने के लिए आवेदन को अदालत ने स्वीकार कर लिया तो जेएनयू की छात्राओं देवांगना कलिता और नताशा नरवाल वकील ने आग्रह किया कि आदेश को सभी आरोपियों के लिए विस्तारित किया जाए क्योंकि हर कोई एक जैसी समस्या का सामना कर रहा है.


मामले में बंद दूसरे आरोपी अतहर खान ने कहा कि जेल में कोई स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध नहीं है. वहीं एक अन्य आरोपी अदालत से इशरत जहां ने इस आधार पर दो महीने की अंतरिम जमानत मांगी कि मंडोली जेल में कई कैदियों को कोविड-19 के लक्षण उत्पन्न हो गए हैं और इससे वह चिंतित है.


इस पर जज ने कहा कि उनकी समझ में नहीं आ रहा कि आरोपियों को इस तरह की मूलभूत चीजों के लिए हर बार अदालत से संपर्क क्यों करना पड़ता है. उन्होंने उल्लेख किया कि ऐसा लगता कि आरोपियों को जेल में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

23 नवंबर तक स्थिति के बारे अवगत कराने का आदेश
अदालत ने दिल्ली जेल महानिदेशक को निर्देश दिया कि वह मामले के सभी 15 आरोपियों की शिकायतों को देखें और मंडोली तथा तिहाड़ जेलों में स्थिति का निरीक्षण करने का किसी को आदेश दें. इन आरोपियों को गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत नामजद किया गया है. उसने अधिकारियों से कहा कि वे 23 नवंबर को स्थिति के बारे में अदालत को अवगत कराएं.


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