राज्यसभा से विदा हुए गुलाम नबी आजाद, रामदास आठवले ने पढ़ी ऐसी कविता कि ठहाके लगाने लगे पीएम मोदी
आठवले ने कहा- अगर कांग्रेस आपको यहां (राज्य सभा) में नहीं लाना चाहती तो हम लाने को तैयार हैं. इसके बाद सदन में हंसी के ठहाके गूंज उठे.इससे पहले सदन में जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले की घटना का जिक्र करते हुए गुलाम नबी की तारीफ करते हुए पीएम मोदी भावुक हो गए.
नई दिल्ली: राज्यसभा से 15 फरवरी को कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद की विदाई होने वाली है. सदन में उनके विदाई भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमकर उनकी तारीफ की. इस दौरान वह भावुक भी हो गए. इसके बाद जब सदन में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले के बोलने की बारी आई तो उन्होंने गुलाम नबी के सम्मान में कविता पढ़ी. कविता पढ़ने के बाद रामदास आठवले ने कहा कि अगर कांग्रेस आपको यहां (राज्य सभा) में नहीं लाना चाहती तो हम लाने को तैयार हैं. इसके बाद सदन में हंसी के ठहाके गूंज उठे. पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी हंसने लगे.
मैं भी उधर था लेकिन अब इधर आ गया हूं- रामदास
रामदास आठवले ने गुलाम नबी की तारीफ में कहा, ‘’आपका स्वभाव बहुत अच्छा है. आप बहुत बड़े दिल के आदमी है. आपको दोबारा इस सदन में आना चाहिए. अगर कांग्रेस आपको यहां नहीं लाना चाहती है तो हम लाने को तैयार हैं. और यहां आने में कोई तकलीफ नहीं है, मैं भी उधर था लेकिन अब इधर आ गया हूं तो आपको क्या तकलीफ है. आपको फिर से सदन में आना चाहिए. यही हमारी अपेक्षा है, उम्मीद है.
यहां पढ़ें रामदास आठवले की कविता-
राज्यसभा छोड़कर जा रहे गुलाम नबी
राज्यसभा छोड़कर जा रहे गुलाम नबी...
हम मिलते रहेंगे आपको कभी कभी
आपका नाम है गुलाम, इसलिए मैं करता हूं आपको सलाम
आपका नाम है गुलाम, लेकिन आप हमेशा रहे आजाद
आप हम सभी को रहेंगे याद
15 अगस्त को देश हुआ आजाद, लेकिन राज्यसभा से आप आज हो रहे आजाद
आप हमेशा रहो आजाद, हम रहेंगे आपके साथ... ये अंदर की है बात
मोदी जी जम्मू-कश्मीर का मजबूत करेंगे हाथ और आपका देते रहेंगे साथ...
पीएम मोदी ने रो रोकर गढ़े तारीफ में कसीदें
इससे पहले सदन में जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले की घटना का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने बताया, ''वह जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे और मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था. हम दोनों की बहुत गहरी निकटता थी. एक बार गुजरात के यात्री जम्मू-कश्मीर घूमने गए और आतंकियों ने उनपर हमला कर दिया. करीब आठ लोग मारे गए. सबसे पहले गुलाम नबी जी ने मुझे फोन किया.'' इतना कहते ही पीएम मोदी भावुक हो गए. उनकी आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे. संसद एक दम खामोश हो गई और वह सुबकियां ले रहे थे. फिर पीएम मोदी ने पानी पिया और अपने आप को संभाला. साथ ही उन्होंने सदन से माफी भी मांगी.
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