नई दिल्ली: असम में भारत के असली नागरिकों की पहचान के लिए कराई गई नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिजन (एनआरसी) के दूसरी ड्राफ्ट के बाद भारी विवाद खड़ा हो गया है. इस ड्राफ्ट से 40 लाख लोगों का नाम गायब होने के बाद से मामले को हर कोई अपने राजनीतिक रंग में रंग रहा है. इसपर अब तक का सबसे विवादित बयान देते हुए तेलंगाना से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एक एमएलए ने बांग्लादेशी घुसपैठियों को गोली मार देने की बात कही है.


तेलंगाना से बीजेपी के एक एमएलए राजा सिंह ने एनआरसी विवाद पर कहा, "अगर ये रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठिए भारत नहीं छोड़ते तो उन्हें गोली मारकार खत्म कर देना चाहिए." एमएलए राजा ने आगे कहा कि इसी के बाद देश सुरक्षित होगा.





क्या है एनआरसी
असम से जुड़ा नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिजन (एनआरसी) वो दस्तावेज है जिसमें असम के सभी असली नागरिकों का रिकॉर्ड है. इसका सबसे ताज़ा आंकड़ा 30 जुलाई 2018 को यानी आज पब्लिश किया गया है. एनआरसी को नागरिकता से जुड़े 2003 के नियम (नागरिकों का पंजीकरण और उनको पहचान पत्र जारी किया जाना) के तहत अपडेट किया जा रहा है.

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साल 2015 में 3.29 करोड़ लोगों ने 6.63 करोड़ दस्तावेजों के साथ एनआरसी में अपना नाम शामिल करवाने के लिए आवेदन किया था. इनमें से 2.89 करोड़ को नागरिकता दी गई है. वहीं, 40 लाख के करीब लोग इसमें अपना नाम शामिल नहीं करवा पाए हैं.

इस लिस्ट की बड़ी बात ये है कि ये राज्य के हर नागरिक तक पहुंचा है. वहीं इसके सहारे सरकार को ये पता चला है कि कौन भारत का नागरिक है और कौन अवैध तरीके से भारत में रह रहा है. ये सारी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पूरी की गई है. देश का सबसे बड़ा कोर्ट लगातार इसकी मॉनिटरिंग करता रहा है.

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