नई दिल्ली: माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने रविवार को मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या ‘सुशासन दिवस’ मनाने का उद्देश्य लोगों की परेशानियों को बढ़ाना है, जैसा नोटबंदी के बाद हुआ.


नोटबंदी पर 50 दिन की समयसीमा अगले सप्ताह समाप्त हो रहे होने के मद्दनेजर येचुरी ने दावा किया कि अब तक भ्रष्टाचार और कालाधन से लड़ने समेत घोषित उद्देश्यों को हासिल नहीं किया गया है.


येचुरी ने ट्विटर पर डाले गए एक वीडियो में कहा, ‘‘नोटबंदी के बाद लोगों की परेशानी बढ़ती ही जा रही है और कम होने का नाम नहीं ले रही है. एटीएम और बैंकों पर लाइनें लंबी हो रही हैं.’’


उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने जिन उद्देश्यों को हासिल करना निर्धारित किया था, उसमें से किसी भी उद्देश्य को हासिल नहीं किया जा सका. अगर यह सुशासन है तो हम सबको सवाल करने की आवश्यकता है.’’ सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन को ‘सुशासन दिवस’ के तौर पर मनाया.


मार्क्‍सवादी नेता ने जोर दिया कि देश जब नये साल की ओर बढ़ रहा है तो उसे सुशासन की बजाय बेहतर शासन की आवश्यकता है और सरकार की अराजक नीतियों के खिलाफ लोगों के जीवन में सुधार के संकल्प को दोगुना करने का आह्वान किया. इन अराजक नीतियों के शीघ्र खत्म होने की संभावना नहीं लगती है.


उन्होंने कहा, ‘‘उस चुनौती का हम सबको सामना करने की जरूरत है.’’